श्री नकवी ने कहा कि "हुनर हाट" स्वदेशी शिल्प, पाक-कला और संस्कृति तथा मास्टर कारीगरों, शिल्पकारों के आर्थिक सशक्तीकरण का एक "मेगा मिशन" बन चुका है। उन्होंने कहा कि “हुनर हाट” की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 3 वर्षों में लगभग 3 लाख जरूरतमंद मास्टर कारीगरों, शिल्पकारों और पाक-कला विशेषज्ञों को “हुनर हाट” के माध्यम से रोजगार प्रदान किया गया है और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। इन लाभार्थियों में बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल हैं।
श्री नकवी ने कहा कि अगले 5 वर्षों में पूरे देश में लगभग 100 “हुनर हाट” का आयोजन किया जाएगा, जिससे माध्यम से लाखों कारीगरों और शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा न केवल मास्टर कारीगरों और शिल्पकारों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जा रहा है, बल्कि यह उनके पारंपरिक विरासत को संरक्षित कर रही है और बढ़ावा भी दे रही है, जो विलुप्त होने के कगार पर आ चुकी थी।
श्री नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में 100 "हुनर हब" को स्थापित करने की मंजूरी प्रदान की गई है। इन “हुनर हब” में आधुनिक जरूरतों के हिसाब से मास्टर कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक पाक-कला विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है और उनको राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बाजार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
श्री नकवी ने यह भी कहा कि "हुनर हाट" का आयोजन पूरे देश के प्रमुख स्थानों पर किया जा रहा है, जो कि जरूरतमंद कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रहा है, प्रत्येक "हुनर हाट" कारीगरों और शिल्पकारों के स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्तम उत्पादों के लिए करोड़ों रुपये का व्यवसाय उत्पन्न करता है। ये कारीगर अपने उत्पादों के लिए न केवल घरेलू बाजारों से बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से भी ऑर्डर प्राप्त कर रहे हैं। "हुनर हाट" मास्टर कारीगरों और शिल्पकारों के लिए "रोजगार और सशक्तीकरण एक्सचेंज" बने हुए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि इंदौर में आयोजित होने वाला “हुनर हाट”, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित होने वाला 19 वां “हुनर हाट” है। अभी तक देश के विभिन्न स्थानों में "हुनर हाट" का आयोजन किया जा चुका है जैसे कि दिल्ली, मुंबई, इलाहाबाद, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद और पुदुचेरी। अगले "हुनर हाट" का आयोजन (13 से 23 फरवरी, 2020 तक) इंडिया गेट मैदान, राजपथ, नई दिल्ली में; 29 फरवरी से 8 मार्च तक रांची में और 13 से 22 मार्च, 2020 तक चंडीगढ़ में किया जाएगा।
श्री नकवी ने कहा कि आने वाले दिनों में, "हुनर हाट" का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुदुचेरी, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, अजमेर और अन्य स्थानों पर किया जाएगा।
इससे पहले, सभा को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश के राज्यपाल, श्री लालजी टंडन ने कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है जहां प्रत्येक क्षेत्र की अलग-अलग कलाएं, संस्कृति, भाषा और वेशभूषा है। भारत की पहचान "अनेकता में एकता" के रूप में होती है। देश के प्रत्येक हिस्से में कला और शिल्प की अपनी विरासत है।
"हुनर हाट" के माध्यम से कारीगरों को बड़ी मात्रा में रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए लालजी टंडन ने श्री नकवी को बधाई दी। राज्यपाल ने कहा कि श्री नकवी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा, देश में कला/ शिल्प की समृद्ध विरासत को अवसर और बाजार प्रदान करके, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के "ड्रीम प्रोजेक्ट" को मजबूती प्रदान किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा देश के प्रत्येक कोने के कुशल लोगों की शानदार विरासत को संरक्षित करने और उन्हें बढ़ावा देने और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार प्रदान करने का ऐतिहासिक कार्य किया जा रहा है।
इंदौर में "हुनर हाट" का आयोजन 08 से 16 फरवरी, 2020 तक किया जा रहा है, इसमें 125 स्टॉल लगाए गए हैं और देश भर के 250 से ज्यादा मास्टर कारीगर, शिल्पकार और पाक-कला विशेषज्ञ इसमे भाग ले रहे हैं। इन कारीगरों में बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल हैं। वे लोग अपने साथ स्वदेशी उत्तम हस्तनिर्मित उत्पाद लेकर आए हैं। "बावर्चीखाना" द्वारा कई राज्यों की पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद प्रदान किया जाएगा। दैनिक रूप से आयोजित किए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम, इंदौर के "हुनर हाट" के प्रमुख आकर्षणों में से एक होंगे।
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