प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2016 में चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क परियोजना का उद्धाटन किया था। इसके तहत यमुनोत्री धाम, गंगोत्री धाम, केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के 889 किलोमीटर के हिस्से तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा वाले इसके कुछ हिस्सों के विकास और उसको बेहतर बनाने का काम किया जाना है।
चारधाम परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग के जिन हिस्सों को बेहतर बनाने और उनके विकास का काम होना है उसके तहत इन हिस्सों में सड़कों को और चौड़ा करना, इनके ढलान वाले हिस्सों में दोनों तरफ सुरक्षा के लिए मौजूदा दीवारों को और ऊंचा करना तथा ड्रेपरी प्रणाली, नेटिंग,एंकरिंग आदि की व्यवस्था करना है।
परियोजनाओं में अपनी तरह की अकेली परियोजना या सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं के हिस्से के रूप में लोगों के लिए सड़कों को ज्यादा सुरक्षित बनाने के वास्ते इनके भूस्खलन / तथा धंस रहे पुराने स्थानों में भूस्खलन की घटनाओं को रोकने के उपाय करना और इन्हें अधिक सुरक्षित बनाना आदि शामिल हैं। ढह जाने वाली कमजोर ढलानों को स्थिर बनाने के लिए उन पर वनस्पतियां उगाने के लिए जैव इंजीनियरिंग की हाइड्रो सीडिंग जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये सभी उपाय राजमार्ग और आसपास के पर्यावास को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित बनाएंगे।
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