राजस्थान के नागौर में अनुसूचित जाति के दो लोगों पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अत्याचार और अमानवीय व्यवहार का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के संज्ञान में लाया गया है। मामले को राजस्थान सरकार के सामने पहले ही उठाया गया है और इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी गई है। इस मामले पर एनसीएससी के सचिव ने 20 फरवरी, 2020 को नागौर के डीएम से फोन पर बात की है। एनसीएससी के अध्यक्ष को 20 फरवरी, 2020 को पुलिस और डीएम द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पीओए अधिनियम की धारा 342, 323, 341, 143 आईपीसी, 3 (1) (डी), 3 (1) (एस) और 3 (2) (वीए) के तहत एफआईआर नंबर 011/19.02.2020 दर्ज की गई। पुलिस ने मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डीएम ने पुष्टि की है कि 20.02.2020 को नियमानुसार अनुमोदन संख्या डीओएसजेई/9986/एटीआरओसी/2019/106286 के तहत दोनों में से प्रत्येक पीड़ित को 50,000/- रुपये का भुगतान किया गया है। एनसीएससी के उपाध्यक्ष ने राज्य अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने और पीड़ित को मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है।
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