इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार सचिव श्री हीरालाल सामरिया, रक्षा मंत्रालय में उत्पादन विभाग सचिव श्री राज कुमार, ईएसआईसी की महानिदेशक श्रीमती अनुराधा प्रसाद, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में अपर सचिव श्रीमती सिबानी स्वैन, ईएसआईसी की वित्तीय आयुक्त श्रीमती संध्या शुक्ला, ईएसआईसी के सदस्य, ईएसआई के लाभार्थी और मंत्रालय एवं ईएसआईसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री संतोष कुमार गंगवार ने घोषणा की है कि ईएसआईसी अस्पताल, बसैदरपुर, नई दिल्ली का नाम बदलकर साहिब सिंह वर्मा ईएसआईसी अस्पताल, बसैदरपुर, नई दिल्ली और ईएसआईसी आयुष अस्पताल, नरेला का नाम बदलकर पद्म विभूषण बृहस्पति देव त्रिगुणा ईएसआईसी आयुष अस्पताल, नरेला, नई दिल्ली किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए नए अस्पतालों की स्थापना और मौजूदा अस्पतालों का अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों और सुविधाओं के साथ नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया गया है।
श्री संतोष गंगवार ने ईएसआई लाभार्थियों के लिए जल्द ही ‘संतुष्ट’ मोबाइल ऐप लाने की भी जानकारी दी। उन्होंने ईएसआईसी के सभी कर्मचारियों से इसे सही मायने में एक सेवा प्रदाता संगठन बनाने की अपील की ताकि ईएसआई के लाभार्थियों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण बदलाव जल्द हासिल किया जा सके। उन्होंने पूरे ईएसआईसी बिरादरी का अपने बीमित व्यक्तियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने और अपने कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने बीमित व्यक्तियों की आवश्यकताओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री गंगवार ने वर्ष 2019 के दौरान ईएसआई योजना के तहत बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सा और गैर-चिकित्सा सेवा श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ ईएसआईसी/ईएसआईएस औषधालयों/अस्पतालों/चिकित्सा संस्थानों/कार्यालयों को पुरस्कृत किया। इसके अलावा, इस अवसर पर ईएसआई योजना के तहत दिल्ली एनसीआर के 08 बीमित व्यक्ति/लाभार्थियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं और ईएसआई लाभार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
श्रम एवं रोजगार सचिव श्री हीरालाल सामरिया ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 5 वर्षों के दौरान ईएसआईसी ने कई नई पहल शुरू की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईएसआई योजना के लाभ का विस्तार करने के लिए नियोक्ताओं के मासिक योगदान को 4.75% से घटाकर 3.25% और कर्मचारियों के योगदान को 1.75% से घटाकर 0.75% कर दिया गया है।
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