Tuesday, February 11, 2020

ई-गवर्नेंस "भारत@75" के लिए महत्वपूर्ण है जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्य मंत्री, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मुंबई में कहा कि "भारत@75", या, दूसरे शब्दों में, “भारत 2022” के लिए ई-गवर्नेंस महत्वपूर्ण है जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।  ई गवर्नेंस पर प्रशासनिक सुधार एवं कार्मिक शिकायत विभाग (DARPG) और महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “भारत 2022” के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आवश्यक है। उन्होंने कहा, इसे डिजिटल प्रौद्योगिकी पर आधारित एक समग्र पर्यावरण प्रणाली का हिस्सा बनना चाहिए।


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डीप लर्निंग, ब्लॉक चेन, डेटा एनालिसिस आदि से संबंधित थीम पर आयोजित आज के सम्मेलन में, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ई-एनएएम किसानों के लिए, ई-हॉस्पीटल हेल्थकेयर के लिए आयुष्मान सहित, जीईएम व्यापार के लिए, ओएसआई ऑनलाइन सेवाओं के लिए, इसके आगे भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, कि यह "अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार" के लक्ष्य को पूरा करने में नेतृत्व प्रदान करेगा, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में इस सरकार के आने के तुरंत बाद की थी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया, कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक संकेत पर आधारित है कि देश के विभिन्न हिस्सों में शासन संबंधी सम्मेलनों को आयोजित करने की प्रक्रिया को प्रोत्साहन दिया जाए जिससे कि भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों और प्रशासकों को व्यापक स्तर पर बातचीत की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि इससे देश के अन्य  क्षेत्रों और राज्यों में अपने समकक्षों द्वारा चलाये जा रहे गवर्नेंस की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के बारे में जानने-समझने में भी मदद मिलेगा।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न विषयों पर आधारित हाल ही में आयोजित किए गए सम्मेलनों की एक श्रंखला का उल्लेख किया जिसमें कनेक्टिविटी में सुधार के लिए समर्पित शिलांग सम्मेलन और शिलांग घोषणा, जम्मू “सुशासन” सम्मेलन के साथ जम्मू “संकल्प” नवनिर्मित जम्मू और कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों में सुशासन प्रथाओं के साथ काम करने के लिए और नागपुर सम्मेलन शामिल है।


उन्होंने इस सम्मेलन के लिए प्रशासनिक सुधार एवं कार्मिक शिकायत विभाग (DARPG) को बधाई दिया और इस सम्मेलन को आयोजित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को तत्परता के साथ आने के लिए भी धन्यवाद दिया।


इस सम्मेलन को सतेज डी पाटिल, आईटी मंत्री, महाराष्ट्र सरकार और डॉ. के क्षत्रपति शिवाजी, सचिव, प्रशासनिक सुधार एवं कार्मिक शिकायत विभाग ने भी संबोधित किया।



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