इस कार्यक्रम में सीपीग्राम्स सुधारों की शुरुआत हुए उन्होंने कहा कि शासन के नागरिक केंद्रित मॉडल की मांग है कि शिकायतों का निपटारा करने के लिए नागरिकों में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मुख्य मंत्र कल्याणकारी योजनाओं के सभी लाभ अंतिम कतार में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। सीपीग्राम्स के सातवें संस्करण ने अंतिम मील शिकायत अधिकारियों का खाका तैयार किया है, समय की बचत और निपटान की गुणवत्ता में सुधार किया है।
सीपीग्राम्स सुधारों की शुरुआत आज विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, स्कूल शिक्षा विभाग और सड़क परिवहन मंत्रालय में की गई। डॉ. सिंह ने कहा कि अस्पतालों और तेल पीएसयू में सीपीग्राम्स सुधारों को अपनाने से हजारों भारतीय नागरिकों को लाभ होगा और उन्होंने अन्य मंत्रालयों / विभागों से इन महत्वपूर्ण सुधारों के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि ई-शासन भारत @75 की कुंजी होगी, जब देश 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसे उन्होंने विजन-2022 भी कहा। डॉ. सिंह ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से शीघ्रता से ई-ऑफिस में जाने के लिए कहा और इस संबंध में हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह न केवल चोरी पर अंकुश लगेगा बल्कि नागरिकों को किफायती तरीके से लाभ प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 79 मंत्रालयों / विभागों को वर्तमान चरण- III में ई-ऑफिस मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) के तहत शामिल किया गया है। इन 79 में से कुल 57 ने 80 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा कि लगभग 15 लाख फाइलें डिजिटल हो चुकी हैं और हर सप्ताह लगभग 15000 डिजिटल फाइलें बनाई जा रही हैं।
डॉ. सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने "न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन" के साथ एक बदलाव किया, जिसका मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता में वृद्धि है और कहा कि 2014 के बाद से 1400 अप्रचलित कानूनों को खत्म कर दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग ने एक अध्ययन किया है और 20 मंत्रालयों और विभागों में नागरिकों के चार्टर्स में सुधार किए गए हैं।
इस अवसर पर प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत (डीएआरपीजी) तथा पेंशन विभाग में सचिव डॉ. छत्रपति शिवाजी ने कहा कि इन-लाइन के बजाय ऑन-लाइन सेवा करने के लिए एक ईमानदार प्रयास होना चाहिए, ताकि नागरिकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए इधर-उधर भागना नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि आईटी संबंधित व्यय वास्तव में बेहतर शासन के लिए निवेश है। सचिव ने कहा कि प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग ने शासन को आगे ले जाने के लिए नवीन दृष्टिकोण अपनाने का प्रयास किया। इस दिशा में तीन बड़ी पहलें हैं (क) राष्ट्रीय ई-सेवा वितरण आकलन 2020 का प्रकाशन, (बी) सुशासन सूचकांक 2019 का प्रकाशन और (सी) राज्यों में शासन में सर्वश्रेष्ठ शासन कार्यप्रणाली की प्रतिकृति।
विदेश मंत्रालय में सचिव श्री संजय भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि उनका मंत्रालय ई-ऑफिस की अवधारणा के बाद सक्रिय है। उन्होंने कहा कि उनका अपना मंत्रालय जो खुला, संवादमूलक और देखभाल करने योग्य है। उन्होंने कहा कि 2019 में, भारत और विदेश दोनों में 1.22 करोड़ पासपोर्ट जारी किए गए।
कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय में अपर सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि डीएआरपीजी ने अगस्त 2019 में ई-शासन पर राष्ट्रीय सम्मेलन में ऐतिहासिक शिलांग घोषणा सहित ई-शासन में अनेक प्रशासनिक सुधारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है और जनवरी 2020 में ई-शासन पर 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भारत में ई-शासन के लिए रोड मैप तैयार किया है।
डॉ. सिंह ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एनआईसी, पर्यटन मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग, उर्वरक मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, विभाग खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, पशुपालन विभाग, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, डीपीआईआईटी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के लिए ई-ऑफिस में शीर्ष कलाकारों को पुरस्कार प्रदान किए।
यह राष्ट्रीय कार्यशाला डिजिटल सचिवालय बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रालयों / राज्यों / संलग्न / अधीनस्थ / स्वायत्त निकायों को एक मंच पर लाई।
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