डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 24 घंटे का पाठ्यक्रम विकसित करने, नोडल शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण सामग्री तैयार करने और सहायक गाइड को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह से तैयार करने में काफी प्रयास किया है। 11 चिन्हित विषयों में स्वस्थ रूप से युवा होना, भावनात्मक मजबूती तथा मानसिक स्वास्थ्य, अंतरवैयक्तिक संबंध मूल्य तथा उत्तरदायी नागरिक, लैंगिक समानता, पोषाहार, स्वस्थ और साफ-सफाई, स्वस्थ जीवनशैली का प्रोत्साहन, मादक द्रव्यों की रोकथाम और उसका दुरुप्रयोग प्रबंधन, प्रजनन स्वास्थ्य, एचआईवी रोकथाम, स्वास्थ्य हिंसा और जख्म से सुरक्षा, इंटरनेट, मीडिया तथा सोशल मीडिया के सुरक्षित इस्तेमाल को प्रोत्साहन शामिल है।
इस नई पहल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से जारी स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम, सेवा प्रावधान (आईएफए, एलबेनडेजोल तथा सेनेटरी नैपकिंग) के अतिरिक्त स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम गतिविधि को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच और सेवा के प्रावधान संबंधी गतिविधियां हमेशा चलती रहती हैं। नए जोड़े गए स्वास्थ्य प्रोत्साहन तथा रोकथाम घटक को प्रत्येक स्कूल में स्वास्थ्य तथा वेलनेस एम्बेस्डर के रूप में चिन्हित दो शिक्षकों द्वारा लागू किया जाएगा। इन एम्बेस्डरों को स्वास्थ्य तथा वेलनेस मैनेजर के रूप में क्लास के मॉनिटर सहायता देंगे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एनसीईआरटी द्वारा 40 सदस्यों का एक राष्ट्रीय संसाधन समूह (एनआरजी) बनाया गया है। इस समूह में उन्हें शामिल किया गया है, जो किशोर स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण कुशलता रखत हैं और अनुभवी हैं। एनआरजी राज्य संसाधन समूह को प्रशिक्षित करेगा। राज्य संसाधन समूह में एससीईआरटी, एसआईएचएफडब्ल्यू से दो-दो व्यक्ति तथा पांच क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान (आरआईई)- शिलोंग, मैसूर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा अजमेर- में प्रत्येक चयनित जिले से डीआईईटी शामिल किए जाएगे।
श्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने कहा कि शिक्षक बच्चों के लिए सबसे अच्छे मार्गदर्शक होते हैं और अब शिक्षक स्वास्थ्य तथा वेलनेस एम्बेस्डर के रूप में काम करेंगे और सांस्कृतिक रूप से संवेदी गतिविधियां आयोजित करके वर्ष के 24 सप्ताहों में प्रति सप्ताह एक घंटा देकर विभिन्न सूचनाएं देंगे। कार्यक्रम के पहले चरण में आकांक्षी जिलों के अपर प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया जाएगा। दूसरे वर्ष इसे शेष जिलों में लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. राजीव गर्ग, एनसीईआरटी के निदेशक श्री एच. सेनापति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि तथा झेपिगो, यूएनएफपीए, यूएसएआईडी, यूनिसेफ तथा डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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