श्रीमती इरानी ने कहा कि केवल एक निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) अथवा एक सेगमेंट के लिए गुंजाइश रखने के बजाय हमें अपने लिए उपलब्ध अवसरों में विविधता लाने की जरूरत है। उन्होंने घरेलू क्षमताओं को बढ़ाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग जगत को यह सुनिश्चिᛯत करने का संकल्प लेना चाहिए कि भारत जॉब-वर्करों का देश नहीं है, बल्कि वस्त्र क्षेत्र में अग्रणी है। वस्त्र मंत्री ने यह भी कहा कि उनके मंत्रालय ने उद्योग जगत द्वारा उठाए गए प्रत्येक मुद्दे को सुलझाने के लिए सदैव ही अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत लम्बे समय से केवल दस बड़ी वस्त्र कंपनियों की मौजूदगी से ही संतुष्ट होता रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि 100 नई कंपनियां स्थापित हों।
श्रीमती इरानी ने वस्त्र उद्योग से पीटीए (शुद्ध थैलिक अम्ल) पर डम्पिंग रोधी शुल्क से संबंधित प्रधानमंत्री की घोषणा और तकनीकी वस्त्रों पर राष्ट्रीय मिशन से जुड़े उद्देश्य को पूरा करने की अपील की। उन्होंने उद्योग जगत से निर्यात पर फोकस करने के अलावा जल जीवन मिशन और किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने को भी कहा।
वस्त्र सचिᛯव श्री रवि कपूर ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था फिलहाल महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है और भारत को उपलब्ध बड़े अवसरों से लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) के सेक्टर पर सरकारी निर्णय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक साहसिक निर्णय है, जो व्यापक अवसरों के द्वार खोलता है। उन्होंने कहा कि वस्त्र उद्योग को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए और चीन द्वारा रिक्त किये गये स्थान पर अपना कब्जा जमाना चाहिए। श्री कपूर ने कहा कि चीन ने पिछले तीन वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के परिधान क्षेत्र को रिक्त किया है, जिसका बड़ा हिस्सा एमएमएफ सेक्टर के अंतर्गत ही आता है।
वस्त्र सचिᛯव ने कहा कि तकनीकी वस्त्र तेज विकास की संभावनाओं वाले क्षेत्रों में से एक है, जिसमें पहले से ही हासिल विशेषज्ञता को और भी अधिक विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी वस्त्र पर राष्ट्रीय मिशन से विनिर्माण क्षेत्र को आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए आवश्यक है।
इस संगोष्ठी में वाणिज्य एवं उद्योग और वस्त्र मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, ईपीसी के प्रतिनिधियों, खरीदारी करने वाले कार्यालयों एवं खरीदारी करने वाले एजेंटों ने भाग लिया।
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