भारतीय रेलवे ने वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड दर्ज किया है। इस वर्ष में अब तक (01-04-2019 से 24-02-2020) किसी रेल दुर्घटना में किसी भी रेल यात्री की मौत नहीं हुई है। 166 वर्ष पूर्व 1853 में भारत में रेलवे प्रणाली की शुरुआत के बाद से वर्ष 2019-20 में यह अद्भुत सफलता पहली बार हासिल की गई है। पिछले 11 महीने में किसी भी रेल यात्री की मौत नहीं होना भारतीय रेलवे द्वारा सुरक्षा में चौतरफा सुधार करने के निरंतर जारी प्रयासों का परिणाम है। रेलवे के लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, सुरक्षा में सुधार के लिए किए गए उपायों में रेल पटरियों को बड़े पैमाने पर बदलना, प्रभावी तरीके से पटरियों का रख-रखाव, सुरक्षा पहलुओं की कड़ी निगरानी, रेल कर्मचारियों के प्रशिक्षण में सुधार, सिगनल प्रणाली में सुधार, सुरक्षा कार्यों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, परंपरागत आईसीएफ कोचों के स्थान पर विभिन्न चरणों में आधुनिक और सुरक्षित एलएचबी कोचों को लगाना शामिल है। साथ ही बड़ी लाइनों पर मानवरहित लेवल क्रॉसिंग गेटों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं खत्म हुई हैं और ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को गति मिली है।
राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) के रूप में वर्ष 2017-18 में शुरू की गई निविष्टियों के साथ यह संभव हुआ है। एक लाख करोड़ रुपये की यह राशि अगले पांच वर्ष में खर्च की जाएगी, जिसका वार्षिक व्यय 20 हजार करोड़ रुपये है। इस राशि के साथ आवश्यक प्रकृति के अत्यंत महत्वपूर्ण सुरक्षा कार्यों को शुरू करना संभव हुआ और उसके नतीजे स्पष्ट हैं।
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