तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन गुवाहाटी में असम प्रशासनिक स्टाफ कालेज में होगा। संगोष्ठी में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के सर्वोच्च प्रतिनिधि,केंद्रीय मंत्री,शैक्षणिक समुदाय,सिविल सोसायटी और अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.राजीव कुमार,केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह,पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री, संयुक्त राष्ट्र की स्थानीक समन्यवयक सुश्री रिनिता लोक-डेसलिन और नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत करेंगे। संगोष्ठी में 25 और 26 फरवरी को तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाएगा। यूएनडीपी भारत की स्थानीक प्रतिनिधि सुश्री सोको नोडा समापन सत्र को संबोधित करेंगी।
तकनीकी सत्र में पूर्वोत्तर भारत में दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों, स्थानीयकरण,आर्थिक समृद्धि और दीर्धकालीन आजीविका,जयवायु अनुकूलनीय कृषि,स्वास्थ्य और पोषण,शिक्षा,कौशल विकास पर सत्रों का आयोजन होगा। इसके साथ ही उद्यमशीलता,संपर्कता और आधारभूत ढांचा विकास और असमानता और बहिष्करण पर भी सत्रों का आयोजन किया जाएगा। सत्र की अध्यक्षता जाने माने विशेषज्ञ करेंगे। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में इससे जुड़े क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा करने के साथ-साथ भविष्य की कार्ययोजना पर भी विचार होगा।
नीति आयोग को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को लागू करने और इसकी निगरानी करने का दायित्व सौंपा गया है। वर्ष 2030 तक दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रगति महत्वपूर्ण है। संगोष्ठी का आयोजन नीति आयोग द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर भागीदारी मजबूत करने संबंधी निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है।
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