प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर को भारत का मुकुट-मणि बताते हुए कहा कि सभी मतों तथा सूफी परम्परा के प्रति सर्व-धर्म समभाव ही जम्मू-कश्मीर की असली पहचान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र को अनदेखा नहीं किया जा सकता, जो बंदूकों, बमों, आतंक तथा अलगाववाद से छलनी है।
प्रधानमंत्री ने 19 जनवरी, 1990 की चर्चा करते हुए कहा कि बहुत-से लोगों को अपनी पहचान गंवानी पड़ी, क्योंकि उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकाल दिया गया।
अपने बयान में, प्रधानमंत्री ने क्षेत्र की स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में पूर्ण विश्वास के साथ संविधान के अनुच्छेद-370 का समापन किया गया है तथा इस क्षेत्र का विकास काफी तेजी से हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र पर लगाये गए प्रतिबंधों को हटाया जा रहा है और केन्द्रीय मंत्री इस केन्द्रशासित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर लोगों से प्रत्यक्ष रूप से विचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निश्चित तौर पर उन विचारों के आधार पर काम करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण तथा इसके चहुमुखी विकास के लिए काम करने के प्रति समर्पित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख को एक कार्बन-मुक्त केन्द्रशासित प्रदेश के रूप में विकसित किया जाएगा।
कश्मीर भारत का मुकुट-मणि है : PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2020
Who made Kashmir only about land grabbing?
Who made Kashmir's identity only about bombs and guns?
Can anyone forget that dark night of January?
In reality, Kashmiri identity is closely linked with harmony: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) February 6, 2020
Those who are talking about respect for the Constitution never even implemented it in Jammu and Kashmir for so many decades: PM @narendramodi
No comments:
Post a Comment