‘सुशासन दिवस पर सुशासन सूचकांक की शुरुआत’
कार्मिक लोकशिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुशासन दिवस 25 दिसंबर, 2019 के अवसर पर कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में 'सुशासन सूचकांक' (जीजीआई)का शुभारंभ किया। जीजीआई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में शासन की स्थिति तथा ऐसी सरकारों द्वारा किए गए प्रशासनिक हस्तक्षेपों के प्रभाव का आकलन करने की एक व्यवस्था है। जीजीआई का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शासन की तुलना करने के लिए मात्रात्मक डेटा प्रदान करना, इसके माध्यम से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण और प्रशासन में बदलाव के लिए उपयुक्त रणनीति लागू करने में सक्षम बनाना है। सूचकांक के संकेतकों का चयन करते समय इन बातों को ध्यान में रखा गया कि इनको समझने और इनकी गणना करना आसान हो, यह नागरिकों पर केन्द्रित होने के साथ परिणामोन्मुखी हो तथा इन्हें सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों पर समान रूप से लागू किया जा सके।
सूचकांक तैयार करने से पहले क्षेत्र के विशेषज्ञों, मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही हितधारकों के साथ विभिन्न परामर्श बैठकें आयोजित की गईं। जीजीआई में दस क्षेत्रों को ध्यान में रखा गया हैं जिनमें 1) कृषि और संबद्ध क्षेत्र, 2) वाणिज्य और उद्योग, 3) मानव संसाधन विकास, 4) सार्वजनिक स्वास्थ्य, 5) सार्वजनिक अवसंरचना और उपयोगिताएँ, 6) आर्थिक शासन, 7) समाज कल्याण और विकास, 8) न्यायिक और सार्वजनिक सुरक्षा, 9) पर्यावरण और 10) नागरिक केन्द्रित शासन शामिल हैं।
इस अवसर पर पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों सहित सेवानिवृत्त केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक पुस्तिका भी जारी की, ताकि उन्हें और उनके परिवारों को उनके अधिकारों तथा सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करने की प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं की जानकारी दी जा सके।
मंत्री ने केंद्रीय सचिवालय कार्यालय पद्धति नियम पुस्तिका के 15 वें संस्करण का भी विमोचन किया।
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू–कश्मीर और लद्दाख के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की पहल :
· केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सुशासन के बारे में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन (15-16 नवंबर, 2019) जम्मू में आयोजित किया गया था। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री जी.सी. मुर्मू, डीओपीटी और डीएआरपीजी के सचिव डॉ. सी. चंद्रमौली तथा जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति में की।
- समापन सत्र की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल के सलाहकार श्री के.के. शर्मा ने की। गहन विचार-विमर्श के बाद, ‘सुशासन संकल्प: जम्मू घोषणा’ को अपनाया गया। सम्मेलन में संकल्प लिया गया कि भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश मिलकर जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को प्रशासनिक उत्कृष्टता के मॉडल के रूप में विकसित करने में सहयोग करेंगे। इसके लिए केन्द्र शासित प्रदेशों के वास्ते बनाये गये कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। क्षेत्रीय सम्मेलन में 19 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके अलावा, सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर सरकार के 450 अधिकारियों ने भी भाग लिया।30 नवम्बर से 1 दिसम्बर, 2019 तक जम्मू में जल शक्ति तथा आपदा प्रबंधन पर केन्द्रित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में तमिलनाडु तथा जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने जल शक्ति और आपदा प्रबंधन के तौर-तरीकों पर आयोजित तकनीकी सत्र में भाग लिया।
- तकनीकी सत्र में कावेरी और झेलम नदियों के संरक्षण, कृषि में जल की कमी को दूर करना, शहरी क्षेत्रों में बाढ़, जिला कलेक्टरों और लाइन विभागों द्वारा अनुभव साझा करने और जल प्रबंधन प्रथाओं के बारे में विशेषज्ञों से बातचीत शामिल थी। क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 30 नवंबर, 2019 को जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री जी.सी. मुर्मू की उपस्थिति में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था। इस सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के 350 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
- परस्पर सहयोग बढाने के लिए डीएआरपीजी के तीन प्रतिनिधिमंडल ने सितंबर - अक्टूबर 2019 में श्रीनगर का दौरा किया1 डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव श्री वी.पी श्रीनिवास के नेतृत्व में पहले प्रतिनिधिमंडल ने 4-5 सितंबर, 2019 को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। इसके बाद डीएआरपीजी के संयुक्त सचिव श्री वी. शशांक शेखर के नेतृत्व में दो प्रतिनिधिमंडलों ने जम्मू कश्मीर की यात्रा की। इसके बाद अतिरिक्त सचिव ने जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव और लाइन विभागों के प्रमुख सचिवों / सचिवों के साथ सहयोग रोडमैप का खाका तैयार करने के लिए विचार-विमर्श किया।
ई-गवर्नेंस पर 22 वां राष्ट्रीय समम्मेलन तथा शिलांग घोषणापत्र को अंगीकार किया जाना
डीएआरपीजी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मेघालय सरकार के सहयोग से, शिलांग में 8-9 अगस्त, 2019 को ई-गवर्नेंस 2019 पर 22 वां राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का विषय "डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्कृष्टता" था। दो दिनों तक आयोजित सत्र के दौरान गहन विचार-विमर्श के बाद ऐतिहासिक ‘ शिलांग घोषणा पत्र ’को राष्ट्र के ई-शासन पर रोडमैप के रूप में रेखांकित किया गया।
डीएआरपीजी ने केरल सरकार के प्रशासनिक सुधार आयोग के साथ मिलकर 27-28 अगस्त, 2019 को तिरुवनंतपुरम में ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण था।
‘नागपुर संकल्प –नागरिकों को सशक्त बनाने का एक समग्र दृष्टिकोण’
नागपुर में 22 दिसंबर, 2019 को 'लोक सेवाओं में सुधार - सरकारों की भूमिका' विषय पर आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान 'नागपुर संकल्प- नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण' को अपनाया गया। सम्मेलन में संकल्प लिया गया कि भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार, महाराष्ट्र राज्य आयोग और प्रतिभागी राज्य सरकारें नागरिकों के चार्टरों को समय पर अपडेट करने, अधिनियमों को लागू करने और बेंचमार्क मानकों के माध्यम से बेहतर सेवा वितरण के लिए नीतिगत हस्तक्षेप द्वारा नागरिकों को सशक्त बनाने में सहयोग करेंगी।
अध्यक्ष तथा लोकपाल और आठ सदस्यों ने पद की शपथ ली :
अध्यक्ष तथा लोकपाल न्यायमूर्ति पी सी घोष ने आठ सदस्यों को पद की शपथ दिलाई । इस मौके पर लोकपाल का लोगो, आदर्श वाक्य और वेबसाइट जारी की गई।
चार सूचना आयुक्तों ने सूचना आयुक्त के पद की शपथ
01 जनवरी 2019 को मुख्य सूचना आयुक्त श्री सुधीर भार्गव ने श्री यशवर्धन कुमार सिन्हा, श्रीमती वनजा एस सरना, श्री नीरज कुमार गुप्ता और श्री सुरेश चंद्र को सूचना आयुक्त के पद की शपथ दिलाई। इनके साथ ही केन्द्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की कुल संख्या बढ़कर 7 हो गई है।
सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2019 पारित
लोकसभा में पारित होने के बाद, सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 25 जुलाई, 2019 को राज्य सभा से पारित कर दिया गया। लोकसभा से यह 22 जुलाई 2019 पारित कर दिया गया था। इस विधेयक में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में संशोधन करने का प्रस्ताव है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों तथा राज्य के सूचना आयुक्तों की सेवा की अवधि, और वेतन, भत्ते और सेवा के अन्य नियम और शर्तें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए जा सकें।
केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली( सीपीजीआरएएमएस)
प्रशासनिक सुधार और लोकशिकायत विभाग(डीएआरपीजी) की ओर से केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) सुधार पर 05 नवम्बर, 2019 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीपीजीआरएएमएस इस अवसर पर वित्तीय सेवा और दूरसंचार (डीओटी) तथा लोक शिकायतों को नये तरीके से निपटाने के लिए डेटा आधारित ‘ऑनलाइन हेकेथॉन’ शुरू किया गया। डाक विभाग के लिए सीपीजीआरएएमएस सुधार 25 सितम्बर, 2019 को शुरू किये गये। ये डीएआरपीजी के 100 दिन के एजेंडे के रूप में लागू किये गये। सीपीजीआरएएमएस का नया 7.0 संस्करण लोक शिकायतों को गुणवत्ता के साथ जल्दी निपटाने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीजी) का प्रशिक्षण कार्यक्रम :
भारत के राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीजी) ने मालदीव की प्रशासनिक सेवा के 1000 अधिकारियों को अगले पांच तक क्षमता विकास का प्रशिक्षण देने के लिए मालदीव सरकार के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये। सहमति पत्र पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 8 जून, 2019 को माले की यात्रा के दौरान किये गये थे।
दो सप्ताह तक चलने वाला यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र की मसूरी और दिल्ली की शाखा में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र में बांग्लादेश के प्रशासनिक सेवा के 1800 अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए भारत-बांग्लादेश के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये है। विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में मालदीव के 33 और बांग्लादेश के 31 अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन सत्र 27 सितम्बर, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसे केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने संबोधित किया।
मालदीव के महासचिवों और स्थायी सचिवों के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन
क्षमता निर्माण कार्यक्रम 6 दिसंबर से 13 दिसंबर, 2019 तक राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मालदीव गणराज्य के 15 स्थायी सचिवों और महासचिवों ने भाग लिया। यह मालदीव गणराज्य के शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों के लिए भारत में राष्ट्रीय सुशासन केंद्र द्वारा संचालित पहला क्षमता निर्माण कार्यक्रम था। भारत और मालदीव गणराज्य के बीच समझौता ज्ञापन के तहत, मालदीव के 1000 प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में प्रशिक्षित किया जाना है। अब तक, 100 अधिकारियों के लिए 3 क्षमता निर्माण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं।
यूपीएससी और मंगोलिया की सिविल सेवा परिषद के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर :
दोनों देशों के लोक सेवा आयोगों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए 3 जुलाई को नई दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग और मंगोलिया की सिविल सेवा परिषद के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, श्री अरविंद सक्सेना और मंगोलिया की सिविल सेवा परिषद के अध्यक्ष, श्री बी. बाटारज़ोरिग ने विदेश मंत्रालय और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। ।
12 अक्टूबर को केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें वार्षिक अधिवेशन का आयोजन
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 12 अक्टूबर, 2019 को केंद्रीय सूचना आयोग के 14 वें वार्षिक सम्मेलन की मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की। श्री शाह ने शासन प्रणाली से अन्याय और भ्रष्टाचार को दूर करने और दक्षता बढ़ाने के लिए एक बड़े कदम के रूप में आरटीआई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आरटीआई शासन से मनमानी को दूर करता है और एक प्रमुख शिकायत निवारण उपकरण के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस और आरटीआई फाइलों के डिजिटलीकरण जैसी उच्च प्रौद्योगिकी विधियों का उपयोग वादी के जीवन को आसान बनाता है।
सीबीआई ने साइबर अपराध जांच और फोरेंसिक पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 4 -5 सितंबर, 2019 को साइबर अपराध जांच और फोरेंसिक पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया । राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर अपराधों से निपटने के लिए काम पर लगे पुलिस महानिदेशकों, उपपुलिस महानिदेशकों, सहायक पुलिस महानिदेशकों, पुलिस महानिरीक्षकों , उप पुलिस महानिरीक्षकों तथा पुलिस अधिक्षकों सहित केन्द्रीय एजेसिंयों ,गृह मंत्रालय,इलेक्ट्रानिक्स और सूचना मंत्रालय, अन्य मंत्रालय के लगभग 50 बडे़ अधिकारियों ने भाग लिया। सम्मेलन में शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने भी शिकरकत की।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार, 2019 दिए गए :
डॉ. जितेंद्र सिंह ने 27 फरवरी को नई दिल्ली में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग , कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार, 2019 प्रदान किये। ई-गवर्नेंस पहल के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता को पहचानने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारत सरकार हर साल ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करती है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उपलब्धियों को पहचानने के लिए 6 श्रेणियों में 14 पुरस्कार दिए गए, प्रत्येक श्रेणी में स्वर्ण और रजत पुरस्कार दिए गए। आईआरटीसी के रेल कनेक्ट मोबाइल एप के लिए श्रेणी -1 में एक विशेष जूरी पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों में सहायक सचिवों की नियुक्ति :
2 जुलाई को, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2017 बैच के लगभग 160 युवा आईएएस अधिकारियों के साथ बातचीत की, जिन्हें भारत सरकार में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। 01 अक्टूबर, 2019 को इन अधिकारियों के प्रशिक्षण पूरा होने का विदाई समारोह आयोजित किया गया था। प्रधान मंत्री ने अधिकारियों को नए विचारों, नई अवधारणाओं और दृष्टिकोणों के प्रति ग्रहणशील होने के लिए प्रोत्साहित किया। अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि एक सिविल सेवक के लिए सेवा अभिविन्यास बनाए रखना सर्वोपरि है क्योंकि इससे उसके काम में निष्पक्षता आएगी।
पेंशनरों के लिए एकीकृत शिकायत प्रकोष्ठ और कॉल सेंटर:
पेंशनरों के लिए 20 जून, 2019 को एक एकीकृत शिकायत प्रकोष्ठ और कॉल सेंटर का उद्घाटन किया गया, जिसका उद्देश्य पेंशनरों को उनकी शिकायतें दर्ज करने और त्वरित समाधान प्राप्त करने के लिए आसान पहुँच प्रदान करना था। यह केंद्र टीम के रूप में भी काम कर रहा है जो बुजुर्ग पेंशनरों की समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के साथ समन्वय करता है।
अखिल भारतीय पेंशन अदालत
23.08.2019 को अखिल भारतीय पेंशन अदालत का आयोजन देश भर के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को साथ लेकर किया गया। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली के दूरदराज के स्थानों पर इन पेंशन अदालतों में मौजूद नोडल अधिकारियों और पेंशनभोगियों के साथ बातचीत की। दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 50 से अधिक केंद्र जुड़े थे। एक ही दिन में लगभग 4,000 पेंशनभोगियों के मामलों को हल किया गया।
पारिवारिक पेंशन नियम, 1964 के नियम 54 (3) में संशोधन किया गया
पारिवारिक पेंशन नियम, 1964 के नियम 54 (3) में 20.09.2019 के अतिरिक्त साधारण गजट नोटिफिकेशन में संशोधन किया गया, जिसका उद्देश्य ऐसे दिवंगत सरकारी कर्मचारी के आश्रित को बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन प्रदान करना है, जिसकी मृत्यु 7 वर्ष की सेवा पूरी करने से पहले हो चुकी हो। पहली अक्टूबर 2019 से सेवा के वर्षों की संख्या का यह अंतर हटा दिया गया और अब सभी ऐसे सरकारी कर्मचारियों के लिए जिनकी मृत्यु 7 वर्षों की सेवा पूरी करने से पहले हो जाती है उनके आश्रित को बढ़ हुआ पेंशन स्वीकार्य होगा।
- वृद्ध पेंशनभोगियों के लिए जीवनयापन को आसान बनाने के लिए 18.7.2019 को आदेश जारी किए गए ताकि उन्हें जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की अनुमति दी जा सके। इसकी अवधि 1 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर की गई।
- जम्मू में इस विभाग की विशेष पहल पर, सुशासन प्रथाओं को अपनाने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन को एक प्रस्तुति दी गई। इसके बाद जम्मू में भविष्य पर एक कार्यशाला आयोजित की गई जो 25 सितंबर, 2019 को सीमा सचिव बल जम्मू के कर्मियों के लिए आयोजित की गई थी।
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