केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने आज द्वीप विकास एजेंसी (आईडीए) की छठी बैठक की अध्यक्षता की। द्वीप विकास एजेंसी ने ‘द्वीपों के समग्र विकास’ की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की। आईडीए के मार्गदर्शन में देश में पहली बार वैज्ञानिक रूप से मूल्यांकन के तहत चिन्हित द्वीपों में सतत विकास की पहल की गई है। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ द्वीपों में निर्मित समुद्री भोजन और नारियल आधारित उत्पादों के निर्यात के जरिए द्वीपवासियों के लिए रोजगार सृजन पर केंद्रित विकास योजनाएं तैयार की गई हैं और इन्हें अंडमान एवं निकोबार के चार द्वीपों और लक्षद्वीप के पांच द्वीपों में लागू किया जा रहा है। योजना के दूसरे चरण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 12 और द्वीपों एवं लक्षद्वीप के 5 द्वीपों में उपयुक्त स्थलों को शामिल किया गया है।
आदर्श पर्यटन परियोजनाओं के तहत लैंड-बेस्ड और वॉटर विला दोनों तरह की योजनाएं बनाई गई थीं और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं। निवेश को बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल के रूप में नियोजित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मंजूरी प्राप्त करने का निर्णय लिया गया था। बोलियों पर अंतिम फैसला से पहले सभी आवश्यक मंजूरी दी जाएगी। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की चार पर्यटन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण और तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।
बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हवाई, समुद्री और डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। पोर्ट ब्लेयर और अंडमान और निकोबार के अन्य 7 द्वीपों को जून, 2020 तक पानी के अंदर से से ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा। 1 जनवरी, 2019 को अधिसूचित लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह औद्योगिक विकास योजना (एलएएनआईडीएस), 2018 के माध्यस से बेहतर संचार सेवाओं से द्वीपों में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित और अन्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना में सुविधा होगी। अंडमान और निकोबार के ग्रेटर निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप में प्रस्तावित हवाई अड्डे से इस क्षेत्र में विकास प्रक्रिया को गति मिलेगी।
बैठक में नीति आयोग के सीईओ ने द्वीपवासियों के हित में क्रियान्वित की जा रही योजना की मौजूदा स्थिति पर प्रकाश डालते हुए एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दी। पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की स्थिति भी प्रस्तुति में शामिल की गई थी।
श्री अमति शाह ने योजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और द्वीपवासियों के हित में चलाई जा रही परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए सभी संबंधित पक्षों का आह्वान किया। उन्होंने द्वीपों में स्वच्छ, हरित और स्वस्थ वातावरण को बनाए रखने के लिए अलग नीति बनाने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने द्वीपों के आसपास विशेष आर्थिक क्षेत्र में उपलब्ध मत्स्य संसाधनों के स्थायी उपयोग के लिए उपयुक्त रणनीतियों को लागू करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मछली संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी-आधारित सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जिससे अधिक रोजगार मिलेंगे और द्वीपों के लिए अतिरिक्त आय भी होगी।
बैठक में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी. के. जोशी, लक्षद्वीप के प्रशासक श्री दिनेश्वर शर्मा, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और गृह, वाणिज्य, आदिवासी मामलों, पर्यावरण एवं वन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, दूरसंचार, जहाजरानी, जल संसाधन, भू-विज्ञान और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालयों के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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