उपर्युक्त अधिसूचना के बाद इस आशय की चिंताएं जताई गई हैं कि इन परिवर्तनों से व्यक्तिगत करदाताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। किसी प्रॉपर्टी के संयुक्त स्वामित्व वाले करदाताओं ने यह चिंता जताई है कि उन्हें सरल आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के बजाय अब विस्तृत आईटीआर फॉर्म भरना होगा। इसी तरह जिन लोगों के लिए आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के सातवें प्रावधान के अनुसार रिटर्न भरना आवश्यक है और जो वैसे तो आईटीआर-1 फॉर्म भरने के पात्र हैं, उन्होंने भी यह चिंता जताई है कि वे सरल आईटीआर-1 फॉर्म भरने का विकल्प नहीं चुन पाएंगे।
इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वैसे व्यक्ति को आईटीआर-1 अथवा आईटीआर-4 फॉर्म, जो भी मान्य हो, में अपना आयकर रिटर्न भरने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है जो किसी एकल मकान वाली प्रॉपर्टी का संयुक्त मालिक है, बशर्ते कि वह अन्य शर्तों को पूरा करता/करती हो। इसी तरह ऐसे व्यक्ति को भी आईटीआर-1 फॉर्म में अपना आयकर रिटर्न भरने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है जिसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के सातवें प्रावधान में निर्दिष्ट एक या उससे अधिक शर्तों को पूरा करने के कारण रिटर्न भरना आवश्यक है।
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