कार्यशाला में मंत्रालय के विभिन्न सुधार कार्यक्रमों पर प्रस्तुतियां दी गईं। राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों के आधिकारिक सांख्यिकी के अनुभवों के बारे में भी जानकारी दी गई। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के क्षमता विकास योजना की उप-योजना सांख्यिकी शक्तिकरण सहयोग की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी प्रस्तुत की गई। विश्व बैंक ने भी भारत में सांख्यिकी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के राष्ट्रीय कार्यक्रम पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। यह परियोजना अभी प्रक्रिया में है। विश्व बैंक निवेश परियोजना वित्त पोषण (आईपीएफ) के तहत इस परियोजना को सहायता प्रदान करेगा। यह इस परियोजना का पहला चरण होगा। विकास नीति वित्तीय पोषण (डीपीएफ) के तहत विश्व बैंक सहायता के दूसरे चरण में राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली को बेहतर बनाया जाएगा और इसमें राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को विभिन्न सत्रों के लिए चार समूहों में बांटा गया। इसका उद्देश्य था-मंत्रालय के विजन-2024 के अनुरूप एसएसएस उपयोजना के लिए सुझाव प्राप्त करना। कार्यशाला का उद्देश्य राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी से राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत करना था।
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