प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन एक विशेष अवसर है क्योंकि आज के दिन से देश की कला, संस्कृति, और धरोहर के संरक्षण के देशव्यापी प्रचार के साथ ही इन धरोहरों के महत्व को फिर से समझने,इन्हें नयी पहचान देने और नये रूप में लाने का काम शुरु हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की हमेशा से अपने ऐहितासिक धरोहरों को संरक्षित रखने और उनको आधुनिक रूप देने की इच्छा रही है। इसी भावना के साथ केन्द्र सरकार ने दुनिया में भारत को ऐतिहासिक धरोहरों का पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के पांच संग्रहालयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए उनके आधुनिकीकरण की योजना बनाई है। यह काम कोलकाता में विश्व के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक भारतीय संग्रहालय से शुरु किया गया है।
श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारे लिए बड़ी बात है कि प्रधानमंत्री कोलकाता में इन ऐतिहासिक और विरासत भवनों को राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने इन भवनों के जिर्णोद्धार का काम निर्धारित समय में पूरा करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों के समर्पित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये सभी भवन अब लोगों के लिए खुल गए हैं। श्री पटेल ने कहा ‘ हमारे संग्रहालय और उनमें रखी हुयी प्राचीन वस्तुएं हम सभी की धरोहर हैं। हम सभी को मिलकर इनकी देखभाल करनी चाहिए।‘ श्री पटेल ने ओल्ड करेंसी बिल्डिंग में घरे-बायरे नाम से बनायी गई कलाकृति की भी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने ओल्ड करेंसी बिल्डिंग के इसी स्थान से कोलकाता की तीन अन्य ऐतिहासिक इमारतें , बेलवेडियर हाउस, विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और मेटकॉफ हाउस राष्ट्र को समर्पित कीं।
No comments:
Post a Comment