Tuesday, January 14, 2020

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू में ‘बांस-एक जादुई घास’ पर कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

‘बांस-एक जादुई घास’ विषय पर आज कन्वेंशन सेंटर जम्मू में एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए, केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बांस का विशाल भंडार है, जिससे भविष्य में राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। भारत सरकार के पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के पूर्वोत्तर परिषद और जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा बेंत और बांस प्रौद्योगिकी केन्द्र (सीबीटीसी), गुवाहाटी, असम एवं जम्मू-कश्मीर सरकार के सामाजिक वानिकी विभाग के माध्यम से संयुक्त रूप से यह कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री जी.सी. मुर्मू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि बांस की खेती से जम्मू-कश्मीर में किफायती तरीके से युवा उद्यमियों के लिए नए द्वार खुल सकते हैं। जम्मू-कश्मीर में आयोजित कई कार्यशालाओं और सम्मेलनों के बारे में चर्चा करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि तीन महीने की एक छोटी अवधि में यह चौथा सम्मेलन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए प्रत्येक पहुंच संबंधी पहल को संस्थागत रूप देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य मंत्रालय भी जिला स्तर के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर और भी अधिक गहराई तक पहुंचने का लक्ष्य लेकर कार्यक्रम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र-शासित प्रदेश सरकार 100 स्थानों को चिन्हित करने की प्रक्रिया चला रही है और पहले चरण में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को चिन्हित करेगी।


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस तथ्य पर जोर देकर कहा कि समय आ गया है कि जब जम्मू-कश्मीर पर उतना ही जोर देने की जरूरत है, जितना कि हाल के वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दिया गया है, जिससे स्टार्ट-अप उद्योगों के लिए एक स्वर्ग के रूप में इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि यह आकांक्षा है कि जम्मू-कश्मीर भी एक विशाल आर्थिक क्षेत्र के रूप में उभरेगा और यह भी शासन और विकास की सफल परंपराओं के रूप में आसानी से परिणत होगा।


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि संविधान की धारा-370 के समापन के बाद केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक हम वैश्विक मानदंडों का अनुसरण नहीं करेंगे, तब तक 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था का सपना पूरा नहीं हो सकता।


डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित प्रत्येक महत्वपूर्ण परियोजना जो अटकी हुई थी, अब उसे निपटाया जा रहा है। उन्होंने भटिंडा गैस पाइपलाइन परियोजना, उज नदी जल परियोजना, शाहपुर कांदी परियोजना, पकालदुल परियोजना से लेकर किरू परियोजना तक की चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नया सवेरा आएगा।


कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी के दौरान, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों द्वारा स्थापित बांस एवं बेंत कलस्टर स्टॉलों तथा प्रदर्शनी स्टॉलों का भी उद्घाटन किया। उन्होंने केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विभिन्न विभागों द्वारा स्थापित केन्द्रों को भी देखा।


केन्द्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल श्री जी.सी. मुर्मू ने कहा कि बांस एक पर्यावरण अनुकूल घास है। इससे पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है और यह जीविका का भी एक साधन हो सकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इसके आर्थिक इस्तेमाल को ढूंढ निकालना समय की मांग है, क्योंकि यहां बांस की अत्यधिक उपलब्धता है।


कार्यक्रम को भारत सरकार के पूर्वोत्तर परिषद के सचिव श्री के. मोसेस चलायी और जम्मू-कश्मीर सरकार के वन, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी विभाग की आयुक्त सचिव सुश्री सरिता चौहान ने भी संबोधित किया।     


सम्मेलन के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र के कलाकारों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रचलित एक बम्बू ऑर्केस्ट्रा और बम्बू डांस भी प्रस्तुत किया।



No comments:

Post a Comment