पिछले वर्ष सीएआरए ने दत्तक अधिग्रहण कार्यक्रम के सभी हितधारकों के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाओं का आयोजन किया था। इसने विभिन्न अंतर-सक्रिय कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता में जागरूकता पैदा करने और उन्हें संवेदी बनाने तथा इसकी आम नागरिकों तक पहुंच स्थापित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से अनेक प्रतिपालन कार्यक्रमों का आयोजन किया था। इन अंतर-सक्रिय कार्यक्रमों में सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से जन संपर्क जैसे कार्यक्रम शामिल थे। यह देश भर के विभिन्न बाल देखभाल संस्थानों में बड़ी उम्र और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के पुनर्वास पर भी जोर दे रहा है।
सीएआरए भारत सरकार का एक सर्वोच्च निकाय है। यह देश में दत्तक ग्रहण करने के काम को बढ़ावा देने और उसमें सहयोग करने के साथ-साथ अंतर-देशीय दत्तक ग्रहण के लिए नामित केंद्रीय प्राधिकरण है। सीएआरए को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों के तहत 15 जनवरी 2016 को एक सांविधिक निकाय के रूप में नामित किया गया था।
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