उधमपुर की अपनी यात्रा के दौरान, डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ गंगा परियोजना की तर्ज पर 190 करोड़ रुपये की देविका नदी कायाकल्प और सौंदर्यीकरण परियोजना की समीक्षा की, जिसे वर्ष 2017 में मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन हाल ही में इसे बंद कर दिया गया। जिले की विभिन्न विकास योजनाओं की भी समीक्षा की गई, जिसमें 'जीविका' और 'सुकून' शामिल हैं। जीविका योजना का उद्देश्य कृषि तकनीकों जैसे कि जल संरक्षण, ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस कृषि जैविक खेती के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने चकरखवाला का दौरा किया और औपचारिक रूप से इस योजना को किसानों को समर्पित किया। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों को राहत राशि का भुगतान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए सुकून ऑनलाइन भुगतान मंच की सराहना की। उन्होंने जोर दिया कि इन सुशासन योजनाओं का देशव्यापी प्रतिरूप बनाया जाना चाहिए ताकि देश भर के नागरिकों को लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उधमपुर के लोगों के लिए एक नया बस स्टैंड जल्द ही बनाया जाएगा। डा. जितेन्द्र सिंह ने एमपी लैड से उधमपुर के विकास के लिए 40 लाख रुपए दिए। उधमपुर में केंद्र द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज की परियोजना पर भी चर्चा की गई। इस परियोजना को पिछले साल मंजूरी दी गई थी, लेकिन जमीन को अंतिम महीनों के दौरान ही अधिग्रहित किया जा सका।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, आयुष्मान भारत और कृषि, बागवानी, विकलांगता पेंशन और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं से संबंधित विभिन्न स्टालों का दौरा किया। इस अवसर पर, मंत्री ने लाभार्थियों से भी बातचीत की और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित चेक प्रदान किए। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार संघ शासित जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत करने पर भी जोर दिया।
इस पहुंच कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, 38 केंद्रीय मंत्री जम्मू और कश्मीर के दोनों डिवीजनों में 60 विभिन्न स्थानों पर विभिन्न जिलों का व्यापक दौरा करेंगे। यात्रा का उद्देश्य पिछले पांच महीनों में इस दिशा में उठाए गए कदमों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के समग्र विकास के संबंध में सरकारी नीतियों के महत्व के बारे में जानकारी का प्रसार करना है। पहुंच कार्यक्रम में जून 2018 से राष्ट्रपति शासन और अगस्त 2019 में पुनर्गठन के बाद के बाद पांच विषयों यानी तेजी से विकास, जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 55 लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के सौ प्रतिशत कवरेज, पीएमडीपी, प्रमुख योजनाओं और प्रतिष्ठित परियोजनाओं सहित त्वरित ढांचागत विकास परियोजनाओं, सुशासन और कानून का शासन, सभी क्षेत्रों में तेजी से औद्योगिक और आर्थिक विकास में अवसर की समानता के साथ आय और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
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