Sunday, January 12, 2020

कैसे सीखें हिन्दी टाइपिंग

Typing Tips 


Hands
 Your wrist, elbows and keyboard should be on the same horizontal plane, and at a 90 degree angle to your upper arms. 



Sitting
 There should be at least two inches between the front of the seat and the back of your knees. Your feet should be flat on the floor. 
Screen
 The top of your screen should be near eye level. 
Base positions of fingers
 Place your hands on the keyboard. Hold your thumb on the "Space Bar", first finger of left hand on the "F" and first finger of right hand on the "J". 
Fingers
 Don't look at the keys when you type. Just slide your fingers around until they find the home row marking. 
Relax
 Don't hammer on the keys. Try using the minimum force possible. 
Upper/Lower
 To switch between upper/lower case use always opposite hand. 
Rhythm


हिन्दी टाइपिंग


टंकण गति प्राप्त करने के लिये कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
प्रायः यह देखा गया है कि विद्यार्थी की टंकण गति होते हुए भी उसकी गति टेस्ट में नहीं निकलती है जिसका कि मूल कारण टाइपराइटिंग के नियमों की भली प्रकार से जानकारी न होना है। अतः कुछ नियम नीचे दिये जा रहे हैं जिन्हें छात्र याद कर अमल में लावें-
(क) विद्यार्थी को हिन्दी व अंग्रेजी टंकण में पूर्णविराम, प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मयबोधक चिन्ह को शब्द के तुरन्त बाद लगाकर दो स्पेश छोड़ना चाहिए अन्यथा आधी गलती मानी जायेगी।
 या हिन्दी टंकण में यदि विद्यार्थी ने पूर्णविराम, प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मय बोधक चिन्ह के प्रयोग में एकरूपता अपनायी है तो गलती नहीं मानी जायेगी। अंग्रेजी टाइपिंग में फुलस्टाप (.) प्रश्नवाचक चिन्ह, विस्मय बोधक चिन्ह को शब्द के तुरन्त बाद लगाकर दो स्पेश छोड़ने का नियम पूर्ववत लागू रहेगा।
(ख) कामा (,) के पहले कोई स्पेश नहीं छोड़ना चाहिए बाद में एक स्पेश छोड़ना चाहिए।
(ग) दो शब्दों के बीच में यदि डैस आता है तो डैस के पहले या बाद में स्पेश नहीं छोड़ना चाहिए अन्यथा आधी गलती मानी जायेगी जैसे देश-विदेश।
(घ) प्रत्येक पैराग्राफ के लिए समान स्थान छोड़ना चाहिए अन्यथा एक गलती मानी जायेगी।
विधि:  
टाइप करने के लिए दोनों हाथों की आठों अंगुलियों का प्रयोग किया जाता है तथा स्पेश छोड़ने के लिए दायें हाथ के अंगूठे का प्रयोग करते हैं।
निर्देशक पंक्तिः
की बोर्ड में चार पंक्तियां होती हैं सबसे नीचे से ऊपर वाली पंक्ति को ;
द्ध गाइड लाइन कहते हैं। टाइप मशीन की किसी भी लाइन के अक्षर को छापने के बाद अंगुलियाँ फौरन यथा-स्थान अर्थात ‘‘गाइड लाइन’’ पर वापस आ जानी चाहिए।
गाइड लाइन:   े क  िह     श् य स ा  
टाइप कैसे आरम्भ करें -
सर्व प्रथम की बोर्ड पर बायें हाथ की कनिष्ठा को  े की मात्रा पर रखेंगे एवं अनामिका को क, पर तथा मध्यमा को ,ि पर तर्जनी को ह, पर रखेंगे और दाहिने हाथ की कनिष्ठा को श्  पर रखेंगे एवं अन्य अंगुलियों को क्रमशः य स ा  पर रखेंगे। एक - एक ‘‘की’’ को स्पर्श करके टाइप करेंगे जिस प्रकार अभ्यास नीचे दिया गया है, बायें हाथ से अक्षर टाइप करने के बाद दायें हाथ के अंगूठे से एक स्पेश छोड़ना चाहिए।



अभ्यास -1
 निम्न अभ्यास को कम से कम 3 दिन टाइप करें।
 ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा 
 ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा ेकहि श्यसा
अभ्यास -2
नीचे दिये गये अभ्यास को इस प्राकर टाइप करना चाहिए। बांयी कनिष्ठा से ;अं वाली बिन्दीद्ध एवं  े टाइप करें ;अंग वाली बिन्दी टाइप करने के बाद एक स्पेश छोड़ेंद्ध एवं े बायी तर्जनी से ह एवं ी टाइप करना चाहिए तथा दायीं कनिष्ठा से ;शब्दों के मध्य में लगने वाली बिन्दीद्ध एवं श् तथा दायी तर्जनी से ा एवं र टाइप करना चाहिए।
 ं  े कहिीह  श्यसारा  ं  े कहिीह  श्यसारा  
 ं  े कहिीह  श्यसारा  ं  े कहिीह  श्यसारा  
 ं  े कहिीह  श्यसारा  ं  े कहिीह  श्यसारा  
अभ्यास -3 
 निम्न शब्द के चार पंक्तियों में अभ्यास कीजिए -
 कार काक सार सिंह  हार राय रंक 
 हरि  हारे सेक कही सहारा रही सीर
 हेर कंकर किया सिरा रिहा सारी राह
 सराय के.के.सी. केसर किसी किराया कोरा  सरकार
 उपर्युक्त अभ्यास को टाइप करने के बाद विद्यार्थी को नीचे दिये हुए वाक्य को 5 पेज अवश्य टाइप करना चाहिए।
 हिंसा की राह से सरकार को हरि सही करें। 
अभ्यास-4
 टाइप मशीन में नीचे से तीसरी पंक्ति का अभ्यास करने के लिए यह जानना आवश्यक है कि आठों अंगुलियों अपने पूर्ववत स्थान ;गाइड कीजद्ध पर रखेंगे तथा ऊपर की पंक्ति के प्रत्येक अक्षर को छापने के बाद पुनः अपने स्थान पर रखेंगे तथा ऊपर की पंक्ति के प्रत्येक अक्षर को छापने के बाद पुनः अपने स्थान पर लौटती रहेंगी।
 बायें हाथ की कनिष्ठा से  ु  तथा ू  की मात्रा छापेंगे  ु ;उ की मात्रा छापने के बाद एक स्पेश छोड़कर ;ऊद्ध की मात्रा टाइप करेंगे। तथा अन्य अंगुलियों से क्रमशः मतजल टाइप करें इसी प्रकार दायें हाथ की कनिष्ठ से , ;कामाद्ध ख् तथा अन्य अंगुलियों से चवपन टाइप करें।
 ु ू मतजल  ,ख्चवपन  ु ू मतजल  ,ख्चवपन 
 ु ू मतजल  ,ख्चवपन  ु ू मतजल  ,ख्चवपन 
अभ्यास -5
 उपर्युक्त अभ्यास को टाइप करने के बाद विद्यार्थी को नीचे दिये हुए वाक्य को 5 पेज अवश्य टाइप करना चाहिए।
 जल जल तल  वन जय मत तज
 तन  मन पल नल कल  लय सच
 मून चुन तिलक माया पीली रानी पानी
 मूरत सूरत तुमको नीली जीवन चुनना वीरता
 पारसी मुलायम लालची नायक कलकल पलपल परिवार
अभ्यास -6
 सबसे नीचे की पंक्ति के अक्षरों को टाइप करने के लिए पहले अंगुलियों को ‘‘गाइड की’’ पर रखेंगे तथा बायें हाथ की कनिष्ठ से   ्र ;रद्ध तथा अन्य अंगुलियों से क्रमशः गबअइ टाइप करेंगे इसी प्रकार दायें हाथ की कनिष्ठा से ध् तथा अन्य अंगुलियों से क्रमशः ण्एउद टाइप करेंगे, प्रत्येक अक्षर टाइप करने के बाद अंगुलियाँ ‘‘गाइड कीज’’ पर वापस पहुंचती रहेंगी। 
 ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद 
 ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद  ्रगबअइ  ध्ण्एउद 
अभ्यास-7
 उपर्युक्त अभ्यास को टाइप करने के बाद विद्यार्थी को नीचे दिये हुए वाक्य को 5 पेज अवश्य टाइप करना चाहिए।
 गद  वेद दग दब उब एग एवं दंग
 अद पंक पक उन  इन बच बल दन
 बिजली अकेली बिक्री मिस्र ऐनक बेसन गूजर गूलर
 बीमार जामुन तितली लेजर वीलर हासिया पलिया सून
 शलजम मलमल कसरत अजीविका अग्रसर मेहमान रहमान बनारस
अभ्यास -8
सबसे ऊपर वाली पंक्ति का अभ्यास 
 बायंे हाथ की कनिष्ठा से एवं  ृ  ;बिन्दी के बाद एक स्पेशद्ध से आरम्भ करते हुए   ृ2345 को टाइप करेंगे उसके बाद दाँये हाथ की कनिष्ठा से .0 आरम्भ करते हुए क्रमशः 98765 को टाइप करेंगे। प्रत्येक गिनती टाइप करने के बाद अंगुलियां गाइड कीज पर पहुंचेगी। 
 ृ 12345  . 09876 ृ 12345  . 09876 ृ 12345  . 09876
 ृ 12345  . 09876 ृ 12345  . 09876 ृ 12345  . 09876
अभ्यास -9 
 निम्न अभ्यासों को पांच - पांच पेज करें।
 यह अभ्यास ‘‘कैप्स लाॅक’’ दबाकर टाइप करें
 । ै क्थ्ल्भ्        ष्रूस्ज्ञश्र    । ै क्थ्ल्भ्        ष्रूस्ज्ञश्र     । ै क्थ्ल्भ्      ष्रूस्ज्ञश्र    
 । ै क्थ्ल्भ्        ष्रूस्ज्ञश्र    । ै क्थ्ल्भ्        ष्रूस्ज्ञश्र     । ै क्थ्ल्भ्      ष्रूस्ज्ञश्र    अभ्यास -10
 सभ्य  हिस्सा सिक्का क्या हास्य मस्ती शोर
 थाल कैसा विद्या बौना चैराहा मरुभूमि पृथ्वी
अभ्यास -11 
 फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न् फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न् फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न्
 फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न् फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न् फ ॅ म्त्ज्ल्      द्वक्ष्व्प्न्
अभ्यास -12
 फल मन सम्मान क्षार आवंला 
 गाॅंव वहांॅ यहांॅ मन्द म्यान
अभ्यास - 13
र्  ग्ब्टठ  घ्झडछर्  ग्ब्टठ  घ्झडछर्  ग्ब्टठ  घ्झडछ
र्  ग्ब्टठ  घ्झडछर्  ग्ब्टठ  घ्झडछर्  ग्ब्टठ  घ्झडछ
अभ्यास-14 
 घर  गंगा बब्बू  झाग झरना
 खण्ड इन्टर डाकिया टब पर्व
 दण्ड मूर्ति धूर्त तीर्थ टाटा
अभ्यास -15
सबसे  ऊपर वाली पंक्ति का अभ्यास कैप्स लाक दबाकर
 ् ! / रु $: ऋ द्ध ; ’ - ् ! / रु $: ऋ द्ध ; ’ -
 ् ! / रु $: ऋ द्ध ; ’ - ् ! / रु $: ऋ द्ध ; ’ -
अभ्यास -16
 )षि  बु(ि क्रु( यो(ा
 अतः स्वतः ड्रम बृजेश
 लिफ्ट कम-कम )तु कः
अभ्यास -17
 दिसम्बर अक्टूबर भारतवर्ष पल्लव पग्गड़ दिग्गज यथार्थ ग्राहक भ्रमण टमटम वाक्य शक्तिशाली प्रभावशाली बलशाली श्र(ापूर्वक बलपूर्वक चरणामृत प्रकृति ज्वालामुखी पर्वत इतिहास राजनीतिज्ञा स्वस्थ व्यापारी विश्वविद्यालय केन्द्र केन्द्रीय स्वार्थी नगण्य पर्याप्त उपरान्त उपर्युक्त निर्देशक अनुसचिव महामंत्री प्रधानमंत्री संचार मंत्री अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी। 
 आत्मिक सुख ब्रह्मज्ञान में है किन्तु ब्रह्मज्ञान पूरे सद्गुरु के बिना नहीं प्राप्त हो सकता। लाखों ब्रह्माणों से भी परे दूर अति दूर जहाँ तक कि साधारण मनुष्य कल्पना भी नहीं कर सकता, लाखों पातालों से भी नीचे जहाँ तक कि जीव सोच भी नहीं सकता, यह परम पूज्यनीय सर्वव्यापी हाजिर हजूर रमा हुआ राम व्यापक है, कोई भी स्थान इस परम पुरुष से खाली नहीं है। जैसा कि राम चरित मानस में अंकित है।
व्यापकु एकु ब्रह्म अविनासी, सत् चेतन घन आनन्द रासी।
अस प्रभु हृदय अछत अविकारी, सकल जीव जगदीन दुखारी।
 सूरज चाँद सितारे अनगिनत ब्रह्माण्ड, जल, वायु, पृथ्वी, अग्नि इसी अविनाशी महाप्रभु के अन्तर्गत एवं भय में है। इसी परम ज्योति को जानने का नाम ब्रह्मज्ञान है। यद्यपि इसे जानना बहुत कठिन प्रतीत होता है परन्तु पूरन सतगुरु के लिए यह बिल्कुल ही सरल है। जैसा कि महापुरुषों नें फरमाया है।
 अब प्रश्नों की बौछार बुद्धि को झकझोरने लगती है कि इसे कैसे जाना जाय? लौकिक किसी भी कला की जानकारी उस कला के ज्ञाता द्वारा हो पाती है फिर यह तो ब्रह्मज्ञान है इसकी जानकारी किसी ब्रह्मज्ञानी के जरिये से ही हो सकती है। शोक मोह संदेह भ्रम के कुतर्कों से हटकर कभी विचार करना चाहिए कि जब सिर जन हार ने संसार में प्रत्येक का जोड़ा बनाया है जैसे कि सुख दुख, पाप पुण्य दिन रात आदि इसी प्रकार यदि अधूरे रहवर हैं तो पूरे रहवर भी निश्चित ही है। बस जिन खोजा तिन पाइयाँ वाली कहावत चरितार्थ है।


 


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