Friday, January 10, 2020

कैबिनेट ने भारतीय रेल को ऊर्जा के मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने भारतीय रेल को ऊर्जा मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (ब्रिटेन सरकार) के साथ समझौता ज्ञापन पर 02.12.2019 को हस्ताक्षए किए जाने को अपनी मंज़ूरी दे दी है। 


क्रियान्वयन रणनीति एवं लक्ष्य


रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल को ऊर्जा मामले में आत्म निर्भर बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (ब्रिटेन सरकार) के साथ निम्नलिखित समझौता किया है:-





    1. दोनों पक्ष भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में उठाई जानी वाली गतिविधियों के विस्तार पर सहमत हुए हैं।

    2. दोनों में से प्रत्येक साझीदार समय-समय पर अपने देश में मौजूदा कानून, नियम, नियमन एवं राष्ट्रीय नीतियों के तहत भारतीय रेल को ऊर्जा सक्षम और ऊर्जा मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाएंगे।

    3. दोनों पक्ष भारतीय रेल के लिए ऊर्जा योजना जैसे सौर एवं पवन ऊर्जा क्षेत्र, ऊर्जा सक्षमता अभ्यासों को अपनाने, ईंधन कुशलता हासिल करने, इलेक्ट्रिक वीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, बैटरी से संचालित शंटिंग लोकोमेटिव आदि पर सहमत हैं। दोनों पक्षों के बीच प्रशिक्षण कार्यक्रम, औद्योगिक दौरा, फिल्ड दौरा या सहयोग के किसी अन्य रूप जैसी विकास क्षमता बढ़ाने पर लिखिति में मंज़ूरी दी जा सकती है।

    4. साझीदार इस समझौता ज्ञापन के तहत उचित तरीके से गतिविधियों के संचलन में सहयोग करेंगे। इस समझौते में ऐसा कुछ भी नहीं होगा जो साझीदारों के बीच सहयोग के मौजूदा और भावी व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सके।

    5. साझीदार समझौता ज्ञापन में या इसके कुछ हिस्से में बदलाव या संशोधन के लिए लिखित में आग्रह कर सकते हैं। इसमें किया गया कोई भी बदलाव संशोधित समझौता ज्ञापन का हिस्सा होगा। ये बदलाव या संशोधन साझीदारों द्वारा तय की गई तारीख से लागू माने जाएंगे।

    6. समझौता ज्ञापन दोनों पक्षों के अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद से लागू होगा और कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष को लिखित पत्राचार के जरिए समझौते को रद्द कर सकता है। ऐसे में समझौता का रद्द होना दूसरे पक्ष को लिखित में जानकारी मिलने के छह महीने बाद से लागू माना जाएगा।

    7. समझौता ज्ञापन के रद्द होने का असर उन परियोजनाओं और/या कार्यक्रमों पर नहीं होगा जिनपर समझौता रद्द होने की तारीख से पहले ही साझीदारों में सहमति बन गई थी। इनपर सहयोग के क्षेत्र और उनके प्रारुप जारी रहेंगे।

    8. साझीदारों के बीच किसी भी तरह के विवाद या मतभेद आपसी विमर्श और बातचीत से सुलझाए जाएंगे।      




पृष्ठभूमि


रेल मंत्रालय ने ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिए तकनीकि, नीति, अनुसंधान, और व्यावसायिक पहलुओं में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/बदलावों का प्रबंधन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ढांचागत सुधार को सहारा देना और इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड से अक्षय ऊर्जा को जोड़ना है। इसका खास उद्देश्य पहले से अधिक सतत और समेकित आर्थिक वृद्धि, बेहतर ऊर्जा सुरक्षा और कम कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। 


भारतीय रेल के लिए यह समझौता ज्ञापनों/बदलावों का प्रबंधन रेल क्षेत्र में नवीनतम विकास और जानकारी को साझा करने का मंच प्रदान करता है। यह समझौता ज्ञापन/बदलावों का प्रबंधन तकनीकी विशेषज्ञता, रिपोर्ट, तकनीकी दस्तावेजों, प्रशिक्षण का विनिमय और अक्षय ऊर्जा जैसे विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर सेमीनार/कार्यशालाएं आयोजित करने और जानकारी साझा करने का मंच मुहैया कराता है। 


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