केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को "देश का नूर" कहते हुए, श्री गोयल ने कहा कि अब हर अटकी हुई परियोजना को मंजूरी दे दी गई है, जिससे जम्मू-कश्मीर में नई सुबह का आगमन निश्चित है। जम्मू-कश्मीर ने विभिन्न केन्द्र प्रायोजित परियोजनाओं जैसे सौभाग्य योजना के कार्यान्वयन में बहुत सफलता हासिल की है। इस योजना के तहत 3,30000 घरों को बिजली उपलब्ध कराई गई हैं और जम्मू-कश्मीर को 100 करोड़ का विशेष पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने दोहराया कि सरकार, जम्मू-कश्मीर के हर घर का विद्युतीकरण करना चाहती है। अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं के संबंध में, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) और उज्जवला योजना आदि में भी शानदार प्रदर्शन किया है। इन योजनाओं के बारे में, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर है, पीएमएवाई के तहत 18,534 घरों का निर्माण किया गया है, स्वच्छ भारत येाजना के तहत 2.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है तथा उज्ज्वला योजना शत-प्रतिशत लक्ष्य तक पहुँच गई है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि योजनाओं का लाभ उसके वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 लाख 30 हजार लाभार्थियों में से, 7 लाख से अधिक लाभार्थियों को इन योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। अगले कुछ महीनों में शत-प्रतिशत लोगों तक इनका लाभ पहुंचने की उम्मीद है।
जम्मू-कश्मीर की विभिन्न रूकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों से अटकी पकलदुल जलविद्युत परियोजना को अब मंजूरी दी गई है। 850 मेगावॉट रेटल पनबिजली परियोजना और 624 मेगावाट किरू पनबिजली परियोजनाओं को भी अब मंजूरी दी गई है।
सरकार द्वारा किए गए विभिन्न विकास कार्यों के बारे में श्री गोयल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बनाया जा रहा है, जो एक वास्तुशिल्प चमत्कार होगा। सरकार द्वारा बनिहाल-कटरा परियोजना के काम में तेजी लाई गई है। अब भारत का उद्देश्य देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ना है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही संभव है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना का पूरा होना जम्मू-कश्मीर के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि इसमें अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की व्यापक संभावना है और इससे विभिन्न उद्योगों को भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चेनानी सूद महादेव परियोजना मई 2021 में पूरी हो जाएगी। राम बाग फ्लाईओवर का काम पूरा हो गया है, पीएमजीएसवाई के तहत कई हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है। जम्मू में रिंग रोड का काम भी इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा तथा जम्मू-अखनूर रोड पर काम इस साल शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के विकास के बारे में प्रधानमंत्री की गंभीरता को देखते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों में, 54 परियोजनाओं में से 14 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, 32 परियोजनाओं पर काम चल रहा है, 4 परियोजनाएं डीपीआर चरण में हैं केवल 1 परियोजना प्रक्रियाधीन है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एक निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें आधुनिक स्तरों पर नये निवेश को आकर्षित किया जाएगा।
श्री गोयल ने कहा कि महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है। शाहपुर कंडी परियोजना पिछले 70 वर्षों से अटकी हुई थी जिसे अब मंजूरी दी गई है। यह 54,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करेगी और 770 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन करेगी। उज बहुउद्देशीय परियोजना जो ठंडे बस्ते में डाली हुई थी उसे अब मंजूरी दी गई है। इससे 31,000 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी और 196 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि कौशल विकास परियोजना में हिमायत योजना अब जम्मू-कश्मीर में चमत्कार कर रही है। इस योजना के तहत अब तक 12,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और 7,801 अब प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा कि दो एम्स के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है और पांच नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं। रेलवे विकास के बारे में उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली और कटरा के बीच शुरू हुई है और कटरा बनिहाल रेलवे परियोजना पर काम तेज कर दिया गया है।
एक सप्ताह से अधिक चलने वाले इस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, 38 केंद्रीय मंत्री जम्मू और कश्मीर के दोनों डिविजनों में विभिन्न जिलों के 60 विभिन्न स्थानों का व्यापक दौरा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के समग्र विकास के संबंध में जानकारी का प्रसार करना है। पिछले पांच महीनों के दौरान इस दिशा में उठाये गए कदमों की जानकारी भी दी जाएगी। इस पहुंच कार्यक्रम में पांच विषयों अर्थात जून 2018 से राष्ट्रपति शासन और अगस्त 2019 में पुनर्गठन के बाद तेजी से विकास, जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 55 लाभार्थी उन्मुख योजनाओं की शत-प्रतिशत कवरेज, पीएमडीपी, फ्लैगशिप योजना और प्रतिष्ठित परियोजनाओं के कार्यान्वयन सहित तीव्र बुनियादी ढांचागत विकास, आय और रोजगार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए सभी क्षेत्रों में तेजी से औद्योगिक और आर्थिक विकास में सभी को समानता के अवसर के साथ सुशासन और विधि-शासन शामिल हैं।
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