इस समझौता ज्ञापन पर दक्षिण मध्य रेलवे की ओर से डॉ. बी.एस.क्रिस्टोफर, मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक, फ्रेट सर्विसेज तथा श्री जे.मेघनाथ, वित्तीय सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी, यातायात ने तथा भारतीय स्टेट बैंक की ओर से हैदराबाद सर्कल के उप-महाप्रबंधक, डिजिटल और लेन-देन बैंकिंग यूनिट, श्री सुरेन्द्र नायक ने हस्ताक्षर किए।
इस समझौता ज्ञापन से होने वाले प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- सभी रेलवे स्टेशनों पर एक समान नकद प्रेषण तंत्र उपलब्ध होगा।
- विभिन्न स्टेशनों द्वारा जमा की जा रही नकद राशि के बारे में वास्तविक जानकारी से बेहतर पर्यवेक्षण और जवाबदेही में मदद मिलेगी।
- रेलवे स्टेशनों पर नकद राशि का अवांछित संग्रह रोका जा सकेगा।
- स्टेशन की आय के प्रेषण का अच्छा तरीका।
इस अवसर पर, दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, श्री गजानन माल्या ने इस समझौते के बारे में प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की समझ वित्तीय लेनदेन लेखांकन को सुव्यवस्थित करने में लंबा रास्ता तय करेगी।
इस समझौता ज्ञापन से पहले, छोटे रेलवे स्टेशनों पर प्रत्येक दिन होने वाली कमाई को नामांकित ट्रेनों के गार्ड के साथ मैन्युअल रूप से भेजा जा रहा है, जबकि बड़े स्टेशनों की कमाई संबंधित वाणिज्यिक पर्यवेक्षक द्वारा नजदीकी नामांकित बैंकों में जमा कराई जा रही है। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मचारी उस अधिकारी के साथ सुरक्षा एस्कॉर्ट्स के रूप में जाते हैं। मौजूदा प्रक्रिया से छुट्टियां, मैन पावर की उपलब्धता जैसे विभिन्न कारणों से नकद राशि जमा करने में देरी होने की गुंजाइश रहती है। समझौता ज्ञापन के अनुसार डोरस्टेप बैंकिंग की नई शुरुआत की सुविधा पहले सामने आ रही कठिनाइयों को दूर करेगी और इसके अलावा वित्तीय लेनदेन तथा रेलवे की नकदी आय के प्रेषण के डिजिटलीकरण की गति को बढ़ाने में मदद करेगी।
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