Friday, January 31, 2020
नगर पालिका कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त मोहरीर धनीराम का लोगों ने माल्यार्पण किया
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उतरौला का औचक निरीक्षण किया
49 विभाग के अधिकारियों का आइजीआरएस पोर्टल पर डिफाल्टर सन्दर्भ का निस्तारण लंबित पाये जाने पर एक दिवस का वेतन अग्रिम आदेश तक रोका गया
अमेठी में फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को लेकर डीएम ने की बैठक।
सीएए नागरिकता देने का प्राविधान है किसी भारतीय नागरिक को निकालने के लिए नहीं : कमल सक्सेना
सीएए नागरिकता देने का प्राविधान है किसी भारतीय नागरिक को निकालने के लिए नहीं : कमल सक्सेना
स्टोन क्रशरों के स्वामी स्वार क्षेत्र में करवा रहे हैं कोसी में अवैध खनन : मुस्तफा हुसैन
राजकोट में राज्याभिषेक के गवाह बने नवाब काजिम अली खां
प्रभारी मंत्री, महिला बाल विकास मंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पोहरी पहुंचकर सुनी समस्याएं
आमजन की समस्या निराकरण के लिए शुक्रवार को जनसमस्या निवारण शिविर पोहरी में आयोजित किया गया। पोहरी सर्किट हाउस पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आमजनों की समस्या सुनी। इस दौरान पोहरी विधायक श्री सुरेश राठखेड़ा भी मौजूद थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि क्षेत्र की जनता के प्रति मेरा लगाव है। क्षेत्र का विकास करना हमारा उद्देश्य है। आमजन की समस्या का निवारण हो सके इसी उद्देश्य से यह शिविर लगाया गया है। केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया और मंत्रीगण ने एक-एक कर सभी आवेदन लिए और मौके पर उपस्थित एडीएम श्री आर.एस.बालोदिया और एसडीएम पल्लवी वैद्य को आवेदन का निराकरण के निर्देश दिए। पुलिस से संबंधित मामलों पर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सिंह चंदेल को आवेदन सौंपे। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि जो भी आवेदन दिए जा रहे हैं, उन पर समय-सीमा में निराकरण होना चाहिए। शिविर में कई महिलाएं विधवा पेंशन न मिलने की शिकायत लेकर पहुंची। उनकी शिकायत सुनकर प्रभारी मंत्री श्री तोमर ने जनपद सीईओ को सख्त निर्देश दिए हैं कि विधवा पेंशन की शिकायतों का निराकरण जल्द करें। इस प्रकार पात्र महिलाएं पेंशन के लिए परेशान न हो। आवेदकों ने विद्युत, नामांकन, सीमांकन, पेंशन, शौचालय की राशि न मिलने, आवास, फसल ऋण माफी, खाद्यान्न न मिलने आदि समस्यायें बताई। उनकी समस्या सुनकर मंत्रीगणों ने आश्वासन दिया है कि सभी की समस्याओं का निराकरण समय पर किया जाएगा। आवेदनो का परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा। |
जिले के आदिवासी युवा वायु सैनिक भर्ती रैली में हो सकेंगे शामिल
आगामी 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 को अनूपपुर जिले में आयोजित होने वाली वायु सैनिक भर्ती रैली में शिवपुरी के आदिवासी वर्ग के युवा भाग ले सकेंगे। भर्ती रैली में शामिल होने वाले आदिवासी वर्ग के युवक समस्त वांछित दस्तावेजों के साथ आवेदन संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकते है। जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग ने बताया कि वायु सैनिक भर्ती रैली में शामिल होने वाले पात्र युवाओं को जिला स्तर पर भर्ती रैली के पूर्व लिखित एवं शारीरिक प्रशिक्षण देने के पश्चात 26 फरवरी को अनूपपुर में आयोजित भर्ती में शामिल किया जाएगा। इच्छुक अभ्यार्थी सूचना प्रकाशन के तीन दिवस में अपना आवेदन संबंधित जनपद पंचायत व जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी के कार्यालय में जमा करा सकते है। भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित की जा रही इस भर्ती रैली में 17 जनवरी 2000 से 30 दिसम्बर 2003 तक (दोनों दिवस सम्मिलित) जन्म लेने वाले उम्मीदवार शामिल हो सकते है। अभ्यर्थियों की लम्बाई कम से कम 165 से.मी. होनी चाहिए। भर्ती में शामिल होने के लिये केन्द्रीय अथवा राज्य की शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त इंटरमीडिएट अथवा 10+2 समकक्ष परीक्षा किसी भी स्ट्रीम से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक व अंग्रेजी विषय में भी न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक उत्तीर्ण किये हुए उम्मीदवार भाग ले सकेंगे। अभ्यर्थियों को शारीरिक योग्यता परीक्षण पास करना होगा। इसमें 1.6 किलोमीटर की दौड़ सम्मिलित है, जो 6 मिनिट 30 सेकण्ड में पूरी करनी होगी। इस शारीरिक योग्यता परीक्षण में क्वालिफाय करने के लिए दस पुशअप, दस शिटअप तथा 20 उठक-बैठक भी पूरी करनी होगी। शरीर पर केवल बाहरी हाथों के अंदरूनी भाग(कलाई से कोहनी तक) तथा हथेली के पीछे वाले भाग पर स्थायी शारीरिक टैटू स्वीकार है। जनजातीय लोगों को परंपरा के अनुसार ही टैटू की अनुमति दी जाएगी। |
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल
मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन के लिये पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इंदौर जिले को इस योजना के बेहतर प्रदर्शन के लिये पहले स्थान पर चुना गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के क्रियान्वयन के लिये भी प्रदेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश में यह सप्ताह 2 से 8 दिसम्बर 2019 को मनाया गया था। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती ईमरती देवी और प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन 3 फरवरी को नई दिल्ली में यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश अब तक कुल 14 लाख 55 हजार 501 हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। लगभग 13 लाख 40 हजार 224 हितग्राहियों को पहली किश्त, 12 लाख 60 हजार 304 को दूसरी और 8 लाख 80 हजार 517 हितग्राहियों को तीसरी किश्त भुगतान की गई है। मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य कार्य करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिये आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि देना और उनके उचित आराम और पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। प्रोत्साहन राशि का भुगतान हितग्राही के आधार से जुड़े बैंक खाते अथवा डाकघर खाते में सीधे जमा की जाती है। पात्र हितग्राही महिला को गर्भावस्था का पंजीयन शीघ्र कराने पर एक हजार रुपये पहली किश्त, कम से कम एक प्रसव पूर्व जाँच (गर्भावस्था के 6 माह बाद) के बाद द्वितीय किश्त 2 हजार रुपये तथा बच्चे के जन्म का पंजीकरण और उसके प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर 2 हजार रुपये की तीसरी किश्त देय होती है। |
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य आज शिवपुरी में
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार जैन (पूर्व मुख्य न्यायाधिकारी) एवं सदस्य श्री मनोहर ममतानी 01 फरवरी 2020 को शिवपुरी में एक दिवसीय प्रवास के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य 01 फरवरी को प्रातः 11 बजे जिला जेल शिवपुरी का निरीक्षण करेंगे। |
मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम में संशोधन
श्रम विभाग द्वारा मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 के नियम 4 एवं 5 के स्थान पर नये नियम बनाये गये हैं। अब धारा 6 की उपधारा (3) के अधीन दिया गया रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र नियोक्ता द्वारा यथा अधिसूचित बंद किये जाने की तारीख तक विधिमान्य रहेगा। धारा 6 की उपधारा (2) के अधीन रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र के लिए तीन कर्मचारियों तक की स्थापनाओं के लिए 200 रूपये और तीन से अधिक कर्मचारियों वाली समस्त स्थापनाओं के लिए 250 रूपये रजिस्ट्रेशन फीस निर्धारित की गयी है। सभी नियोजक जिन्होंने 15 फरवरी 2014 के पहले रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लिये हैं, इन नियमों में संशोधन के बाद, अनिवार्य रूप से प्रमाण-पत्र प्राप्त करेंगे। रजिस्ट्रीकरण या नवीनीकरण के स्थान पर केवल रजिस्ट्रीकरण शब्द का ही उपयोग किया जायेगा। |
विशिष्ट अवसरों पर बंद रहेंगे पशुवध गृह एवं मांस बिक्री दुकानें
राज्य शासन द्वारा विशिष्ट अवसरों पर स्थानीय नगरीय निकायों की सीमा में स्थित पशुवध गृहों एवं मांस बिक्री की दुकानों को बंद रखे जाने के निर्देश दिए गए है। जिसके तहत गणतंत्र दिवस, गांधी निर्वाण दिवस, महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, रामनवमी, डोल ग्यारस, पर्यूषण पर्व का प्रथम दिन, पर्यूषण पर्व का अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी, जन्माष्टमी, संत श्री जिनतरूण तारण जयंती, पर्यूषण पर्व में सवस्तरी श्वेताम्बर जैन, भगवान महावीर के 2500वे निर्वाण, चैतीचांद, गणेश चतुर्थी शामिल है। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देश दिए है कि शिवपुरी जिले के स्थानीय निकाय की सीमा के भीतर इन दिवसों में पशुवध गृह एवं मांस बिक्री दुकानों को बंद रखे जाने हेतु कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें। |
यह फोटो- इन पंतियों के साथ लगेंगी
एक तरफ सूबे के मुखिया कानपुर के गंगा बैराज पर मां गंगा यात्रा का स्वागत कर रहे थे, लोगों को गंगा की स्वच्छता, निर्मलता का संकल्प दिलाई साथ ही लोगों से केमिकल का प्रयोग न करने की अपील भी लेकिन लेकिन कानपुर के अधिकारी गंगा स्वच्छता को लेकर कितना प्रयासरत है यह इस तस्वीर में साफ दिखायी दे रहा है। यह नजारा जाजमऊ क्षेत्र का है जहां दो युवक गंगा किनारे मल त्याग कर रहे है। सूत्रों की माने तो यहां सैकडो की संख्या में आस- पास रहने वाले नित्य यह क्रिया गंगा के किनारे करते है ऐसे में गंगा की स्वच्छता पर सारे प्रयास विफल ही साबित होंगे। ऐसा यहीं नही कई स्थानो पर भी है लेकिन सम्बन्धि अधिकारी भी क्या करे जनता है जो जागरूक ही नही होती।
गंगा यात्रा का कानपुर में भव्य समापन
सीएम योगी ने मां गंगा की आरती कर कमेकल का प्रयोग न करने की अपील की
लोगों को दिलाया स्वच्छ, निर्मल, अविरल गंगा का संकल्प
उपमुख्यमंत्री, जलशक्ति मंत्री के अलावा अन्य मंत्री, सांसद, विधायक व पदाधिकारी रहे उपस्थित
फर्रूखाबाद घटना को लेकर कानून की तारीफ की
कानपुर नगर, देश की आत्मा और हजारो मान्यताओं की जननी मां गंगा के साथ भारत के करोडो लोगों की आस्था जुडी है। उसी मांग गंगा के लिए बलिया और बिजनौर से चली दो गंगा यात्राओं का संगम शुक्रवार को कानपुर के गंगा बैराज पर हुआ। इस विलक्षण अवसर पर उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जलशक्ति मंत्री डा0 महेंन्द्र सिहं के साथ उपस्थित अनेक मंत्रियों ने गंगा यात्रा का स्वागत किया। बिजनौर की अरे से आने वाली गंगा यात्रा पहले गंगा बैराज पहुंची उसके उपरान्त बलिया से आने वाली यात्रा शुक्लागंज से रवाना होकर शहर के विभिन्न घाटों गुप्तारघाट, सरसैया घाट, परमट घाट से होते हुए अटल घाट पहुंची और यहां दोनो यात्राओं का भव्य मिलन हुआ। गंगा यात्रा के स्वागत के उपरान्त योगी आदित्यनाथ अटल घाट पहुंचे, उन्होने घाट पर पूजन करने के साथ ही मां गंगा की आरती की। इसके उपरान्त वह नषाद पार्क पहंुचे , जहां उन्होने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि कानपुरवासी जानते है कि नमामि गंग का सबसे क्रिकटकल प्वांट यही था, लेकिन उसमें यहंा पर बदलाव हुआ है। उन्होने कहा जब इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी तो उन्होने राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक यहीं पर रखी। कहा पहले जाजमऊ में मछलियां मारी जाती थी, लेकिन अब स्थिति सुधरी है, लोग नमामि गंगे परियोजना से गंगा में डुबकी लगा रहे है। उन्होने कहा गंगा यात्रा के दौरान पांच दिनो में विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रम हुए साथ ही उन्होने गंगा के किनारे के गावों के निवासियों से अपील की कि केमिकल का उपयोग न करे साथ ही मौजद लोगो
को गंगा की निर्मलता, अविरलता व स्वच्छता का संकल्प दिलाया। उन्होने कहा कानपुर मी पीएम ने मंत्र दिया था कि गंगा आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का भी मार्ग है। उन्होने फर्रूखाबाद की घटना को लेकर कहा कि एक दरिंदा 26 बच्चों को कब्जे में लिए हुआ था, जो मां गंगा की कृपा से मुठभेड मारा गया और सभी बच्चों को सकुशल बचा लिया गया। कहा कानून ने बढिया काम किया है। यात्रा समापन कार्यक्रम अवसर पर ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री मोती सिंह, गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा, प्रदेश राज्य जल शक्ति मंत्री बलदेव सिंह, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, मंत्री नीलकंठ, बैबिनेट मंत्री कमलरानी वरूण, मंत्री विजय कश्यप, कपिल अग्रवाल, मंत्री नीलिमा कटियार, प्रदेश अध्यक्ष स्वतत्रं देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, मानवेंद्र सिंह, सांसद देवेंद्र सिंह भोले तथा पार्टी से जुड विधायक व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
12 दिवसीय शिल्पकला प्रदर्शनी का आयोजन
आयोजित किया जारहाहै, जिसमें शामिल बुनकरो और शिल्पकारो ने अपनी कलाका प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में 100 से ज्यादा
शिल्पकार और बुनकर आये है। कोलकाता के रायबर आलम रविंद्र नाथ टैगोर संस्था शांतिनिकेतन में बने लेदर बैग लाये है जहां
रहने वाले असहाय लोग इसे बनाते है तथा बैग्स पर खूबसूरत पेंटिंग बनाई गयी है।
कोलकाता से ही आए बुनकर कमल तालुकदार अपने साथ ढाकाई मसलिन साडी जाये है, यह साडी बांग्लादेश की
राष्ट्रपति शेख हसीना पहनती है वहीं उत्तर प्रदेश के कलाकर मिट्टी कलाकृतियां लाये है, जिसमें फ्लावर पोट्स, क्राॅकरी, डोकोरेटिव
आइटम्स महिलाओं को अपनी ओर खींच रहे है। भदोही उ0प्र0 के बुनकर सिल्क के परंपरागत डिजाइनो वाले कारपेट लेकर आये है, जिसे बनाने में तीन महीने का समय लग जाता है। इस दौरान आशीष गुप्ता ने बताया कि प्रदर्शनी 9 फरवरी तक चलेगी। यह सुबह 11 बजे से रात 10 बजे तक जनता के लिए खुली रहती है।
कंगना ने थलाइवी के सेट पर जश्न मनाया
मुंबई : महिला सशक्तिकरण और भागीदारी भारत में हमारी पीढ़ी के लिए गर्व का विषय है। फिल्म उद्योग में इस तरह के सशक्तिकरण की एक ताजा मिसाल मारिया शर्मा है। वह एक प्रसिद्ध हेयर स्टाइलिस्ट हैं, जिन्होंने पिछले 50 वर्षों से प्रसिद्ध हस्तियों के साथ काम किया है।
कंगना रनौत पहले भी फिल्म फैशन में उनके साथ काम कर चुकी हैं। वह मरिया शर्मा को काफी समय से जानती हैं। इसके चलते कंगना ने थलाइवी के सेट पर एक केक मंगवाया ताकि इंडस्ट्री में उनके अहम् योगदान को चिह्नित किया जा सके। कंगना जो खुद महिला सशक्तीकरण में विश्वास करती हैं और काम की जगह में महिलाओं के बारे में काफी मुखर हैं। मारिया ने कंगना के कॅरियर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है क्योंकि वह फिल्म फैशन, वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई और वोह लम्हे जैसे कई अन्य परियोजनाओं में शामिल थीं। मारिया ने हेमा मालनी, मनीषा कोईराला, शर्मिला टैगोर जैसी उल्लेखनीय अभिनेत्रियों के साथ काम किया है तथा उन्होंने वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई, फैशन, कंपनी, फूल और कांटे जैसी फिल्मों में हेयर स्टाइलिस्ट का काम किया है।
सितारों की मौजूदगी में 2020 का मुंबई पुलिस कैलेंडर
मुंबई पुलिस कैलेंडर 2020 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया। "उमंग" नाम के इस भव्य आयोजन में बॉलीवुड स्टार्स और पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग भी मौजूद थे। बॉलीवुड के स्टार धर्मेंद्र और पुलिस आयुक्त, मुंबई श्री संजय बर्वे भी खास तौर पर यहां उपस्थित थे।
मुंबई पुलिस ने कई बॉलीवुड फिल्मों को प्रेरित किया है और कैलेंडर का कवर पेज किसी फिल्म के पोस्टर की तुलना में कुछ भी कम नहीं दिखता है, जिसमें एक पुलिस महिला का आश्वस्त चेहरा है जो महिला शक्ति की प्रतीक है। कैलेंडर में मछली पकड़ने के गांव से लेकर कॉलेज कैंपस, वर्ली सी लिंक से लेकर मन्त्रालय तक के विभिन्न रोचक दृश्यों को शूट किया गया है और कई दिल को छू लेने वाले क्षणों को कैद किया गया है। कैलेंडर के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से एक यह है कि फोटोग्राफर प्रवीण तलन ने पिछले पांच वर्षों से अपनी ताजगी और अपील बरकरार रखी है और हर बार प्रदर्शन के लिए कुछ नया चुना है। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे द्वारा मुंबई पुलिस की ओर से देश भर के रक्षा और पुलिस बलों की अनूठी और प्रेरणादायक तस्वीरें लेने में उनके अमूल्य योगदान के लिए प्रवीण तलन को भी सम्मानित किया गया।
कार्तिक आर्यन ने घटाया वज़न
मुंबई : अपने किरदारों में ढलने के लिए कलाकार क्या क्या नहीं करते। वह हर तरह के चैलेंज के लिए तैयार रहते हैं और अपने किरदार में फिट बैठने के लिए किसी भी हद तक जाना हो तो वह तैयार रहते हैं। एक ऐसे ही अभिनेता हैं कार्तिक आर्यन, जो अपने किरदार को परफेक्ट तरीके से निभाने में कोई कौताही नहीं कर रहे और खुद को अपनी हर फिल्म के लुक के अनुसार चैलेंज कर रहे हैं। यही वजह है कि जब इम्तियाज़ ने उन्हें अपनी आने वाली फिल्म लव आजकल के लिए आठ किलो वजन घटाने को कहा तो वह फौरन तैयार हो गए और उन्होंने मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, लव आजकल में वह दो दौर के किरदार में हैं। तो ऐसे में उन्हें 90s के दौर के लुक में ढलने के लिए अपने मौजूदा वजन से कम वजन में दिखना था। सो, वह फौरन तैयार हो गए। कार्तिक सबके चहेते रोमांटिक हीरो बन गए हैं और लव आजकल में तो वह दो रोमांटिक किरदारों में हैं।
फिल्म में वह रघु और वीर के किरदार में हैं। रघु का किरदार 90 से संबंध रखता है। वहीं वीर नए जमाने का है। ऐसे में दोनों किरदारों में पूर्ण रूप से भिन्नता दिखाने के लिए ही उन्हें इम्तियाज़ ने वजन कम करने को कहा। चूंकि रघु का किरदार स्कूल गोइंग बॉय है, इसलिए उन्होंने अपने लुक को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस किरदार के लिए उन्होंने अपने सिग्नेचर अंदाज़ के हेयर स्टाइल को भी बदला, ताकि वह स्कूल किड लग सकें।
कार्तिक ने इस किरदार के लिए स्ट्रिक्ट डायट फॉलो किया और लगभग आठ किलो वजन कम किया।
वाकई कार्तिक अपने हर किरदार के साथ न्याय करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह हर बार कुछ चैलेंजिंग करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बताते चलें कि कार्तिक के दोनों ही लुक की खूब तारीफ ही रही है। फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने हरी झंडी दिखाई है और कार्तिक पर सभी बेशुमार प्यार लुटा रहे हैं। जाहिर सी बात है कि इस बार इम्तियाज़ जो कि रोमांटिक फिल्में बनाने में माहिर माने जाते हैं और उनके साथ कार्तिक जो कि इन दिनों सबके चहेते रोमांटिक हीरो हैं। ऐसे में जब दोनों पहली बार साथ आ रहे हैं, तो दर्शकों की उत्सुकता और अधिक बढ़ी हुई है। सारा अली खान और नई डेब्यूट कलाकार आरुषि के साथ कार्तिक जंच रहे हैं। कार्तिक के फैन्स को फिल्म की रिलीज का इंतजार है।
टाटा मोटर्स ने लॉन्च की इलेक्ट्रिक एसयूवी-नेक्सॉन ईवी
मुंबई : भारत में इलेक्ट्रिकल वाहनों के विकास को फिर से पारिभाषित करते हुए टाटा मोटर्स ने भारत की अपनी इलेक्ट्रिक एसयूवी-नेक्सॉन ईवी को लॉन्च करने की घोषणा की, जिसकी शुरुआती कीमत 13.99 लाख रुपये है। यह कार के उन व्यक्तिगत खरीदारों के लिए काफी महत्वकांक्षी एसयूवी है, जो रोमांच से भरपूर कनेक्टेड ड्राइव अनुभव के साथ जीरो एमिशन चाहते हैं। आधुनिक जिपट्रॉन तकनीक से पावर्ड, ये वाहन जबर्दस्त जिपी परफॉर्मेंस का वादा करता है। सिंगल चार्ज पर 312 किमी की माइलेज देने के लिए इन्हें एआरएआई से सत्यापित किया गया है। इस कार में प्रभावी हाईवोल्टेज सिस्टम, तेजी से चार्ज होने की क्षमता, लंबी बैटरी लाइफ और बेहतरीन और आधुनिक सेफ्टी फीचर्स हैं। नेक्सॉन ईवी 22 शहरों में 60 अधिकृत डीलरशिप पर तीन ट्रिम लेवल में उपलब्ध होगी। यह तीन आकर्षक रंगों, सिग्नेचर टील ब्लू कलर, मूनलिट सिल्वर और ग्लेशियर वाइट में उपलब्ध होगी।
टाटा संस के ग्रुप चेयरमैन श्री एन चंद्रसेकरन ने लॉन्च के अवसर पर कहा, “ई-मोबिलिटी ना बदलने वाला ट्रेंड है और यह भारत में लोगों की जरूरतों को पूरा करने तथा नौकरी के अवसरों को पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। टाटा यूनीईवर्स के माध्यम से, हमारी ग्रुप कंपनियों ने अपने प्रयासों को सिंक्रोनाइज किया है ताकि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए एक समग्र ई-मोबिलिटी इकोसिस्टम बनाया जा सके। मुझेखुशी है कि यह इकोसिस्टम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक एसयूवी, टाटा नेक्सॉन ईवी के लॉन्च के साथ एक साथ आया है जोकि मुख्यधारा के भारतीय ग्राहकों की आकांक्षाओं से बखूबी मेल खाती हैं।”
वैलेंटाइन मंथ में आएगी रोमांटिक हॉरर 'हॉन्टेड हिल्स'
मुम्बई : आरएसबीएस फ़िल्म्स के बैनर तले बनी रोमांटिक हॉरर फ़िल्म 'हॉन्टेड हॉरर' का ट्रेलर शानदार अंदाज़ में लॉन्च किया गया। इस मौके पर फ़िल्म की कास्ट में से ज़ुबेर के. ख़ान, मानसी गुप्ता, मोनिका, निर्माता नितिन दीक्षित, निर्देशक संजीव कुमार राजपूत, निर्देशक संजीव कुमार राजपूत आदि भी मौजूद थे। इस फ़िल्म का निर्माण रविकांत दीक्षित, शशिकांत दीक्षित और भंवरीलाल दीक्षित ने साझा तौर पर किया है जबकि इस फ़िल्म के लेखन और निर्देशन की कमान संजीव कुमार राजपूत ने संभाली है। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिकाओं में कृष्णा चतुर्वेदी, डायना ख़ान, सुरेंद्र पाल सिंह, गावी चहल, मानसी गुप्ता, सनी ठाकुर और मोनिका नज़र आएंगे।
फ़िल्म 'हॉन्टेड हिल्स' की कहानी एक हनीमून कपल के इर्द-गिर्द घूमती है। गौरतलब है कि एक हादसे में पत्नी की मौत हो जाती है और उसकी आत्मा उसी पेंटिंग में जा बसती है, जिसे अधूरा छोड़कर वह चल बसी थी। इस फ़िल्म के कार्यकारी निर्माता हैं मतीन मर्चेंट। इस फ़िल्म की अधिकांश शूटिंग बादलों के करीब होने का आभास देने वाली जगह मसूरी, नैनीताल में की गई है। निर्देशक संजीव कुमार राजपूत ने कहा कि हॉन्टेड हिल्स एक रोमांटिक हॉरर फ़िल्म है जो वैलेन्टाईन के महीने में रिलीज़ होगी।
फिल्म 'बेदाद' से होगा आर्यन विकल का डेब्यू
मुंबई : बॉलीवुड में इन दिनों कई नए चेहरों को मौका मिल रहा है और वे खुद को साबित भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम आर्यन विकल का भी है, जिनका फिल्म "बेदाद" से डेब्यू होने जा रहा है। फिल्म में आर्यन विकल के अलावा तीर्थ ठक्कर और पीयूष सुहाने की अहम भूमिकाएं हैं। अनिल रामचन्द्र शर्मा द्वारा निर्देशित 'बेदाद' संस्पेंस थ्रिलर हैे जिसके बारे में निर्देशक का कहना है कि 'बेदाद' उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है 'नाइंसाफी'। फिल्म में एक बच्चे की भूमिका बहुत अहम है जिसे तीर्थ ठक्कर ने निभाया है। फिल्म कई फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है और प्रशंसा प्राप्त कर चुकी है। फिल्म को बिग कर्टेंस मीडिया के शकील हाशमी द्वारा रिलीज़ की जा रही है जबकि इसके प्रोमोशन की जिम्मेदारी शाज़ मीडिया एंटरटेनमेंट की नगमा खान निभा रही हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत प्रदेश में एक लाख से अधिक गरीब पुत्रियों की हुई शादी
कांग्रेस भवन मे 30/1/2020को राष्टपिता महात्मा गांधी की 72वी पुण्य तिथ
गोंडा 30 जनवरी - 2020 जिला कांग्रेस भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 72 वी पुण्यतिथि पर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अब्दुल रहमान घोसी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें खिराज ए अकीदत पेश किया तथा एक गोष्ठी भी आयोजित की गई ! कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष अब्दुल रहमान घोसी ने कहा कि आज के ही दिन देश के पहले आतंकवादी नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मारी थी ! अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले , राष्ट्रपिता महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए , उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे ! उसी समय नाथूराम गोडसे ने उन्हें बहुत ही करीब से गोली मारी और साबरमती के संत " हे राम "कहकर दुनिया से विदा हो गया ! आज हम ऐसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को खिराज ए अकीदत पेश करते हैं ! जिसने दुनिया को यह संदेश दिया कि बिना हथियार के भी लड़ाई जीती जा सकती है! इस अवसर पर अरविंद सिंह, मोहम्मद रईस ,अमरजीत सिंह ओबैदुर रहमान , इरशाद हुसैन पंडित शिव प्रसाद मिश्रा, अजय रस्तोगी, अशोक कुमार सिंह ,रफी अहमद , अजी बुश शान अली ,राघवेंद्र प्रताप सिंह, छेदन घोसी, अब्दुल तालिब रेनी ,अनीश नाना, जाकिर अली ,गगन श्रीवास्तव, शफीउल हक ,इसरार खान, सुभाष चंद्र पांडे, बीके श्रीवास्तव , पंचम राम, हरीश चंद्र श्रीवास्तव ,धर्मराज सिंह, सगीर बाबा ,पंकज आजाद, शहजादे सलीम, शमसुद्दीन, अंबुज मिश्रा, शहजादे मेवाती आदि उपस्थित रहे !
लड़की का अपहरण करने का वांछित अभियुक्त गिरफ्तार
*ब्यूरो रिपोर्टर सुरेश कनौजिया*
गोण्डा। अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान मे वांछित अभियुक्तों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा राज करन नय्यर ने जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षो को कड़े निर्देश दिये थे। उक्त निर्देश के अनुक्रम में थाना को0 देहात पुलिस ने लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के वांछित अभियुक्त- रामकिशुन पुत्र मुन्नालाल नि0 अर्जुन पुरवा जगदीशपुर थाना को0 देहात जनपद गोण्डा को थाना को0 देहात पर पंजीकृत मु0अ0सं0-380/19, धारा 363.365 भा0द0वि0 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
उक्त अभियुक्त ने थाना को0 देहात क्षेत्र की रहने वाली एक लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले गया था जिसके सम्बन्ध में पीड़िता की माता द्वारा थाना को0 देहात में अभियोग पंजीकृत कराया गया था। जिसमें को0 देहात पुलिस ने आज दिनांक 30.01.2020 को मुखबिर की सूचना पर वांछित चल रहे उक्त आरोपी अभियुक्त को उसके घर से गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय रवाना कर दिया गया। दहेज हत्या के 02 वांछित अभियुक्त गिरफ्तार- गोण्डा। गुरूवार, जनपद गोण्डा के थाना कौड़िया पुलिस ने दहेज हत्या के वांछित अभियुक्तों-01. तुलसीराम पुत्र बुद्धू, 02. श्रीमती प्रेमा उर्फ ऊषा पत्नी तुलसीराम निवासीगण सुकवापुर मौजा कोटियामदारा थाना कौड़िया जनपद गोण्डा को थाना कौड़िया पर पंजीकृत मु0अ0सं0-184/19, धारा 498ए, 304बी व 3/4 डी0पी0एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उक्त मुकदमा वादी रामप्रसाद पुत्र राम सोहरत निवासी पकड़ीमारुडी थाना कौड़िया जनपद गोण्डा के द्वारा दिनांक 20.12.2019 को अपनी पुत्री पिंकी को इनके पति व परिवार वालो द्वारा दहेज की बात को लेकर जान से मार कर घर मे ही फाॅसी पर लटका देने के आरोप मे दिनांक 20.12.2019 को अभियोग पंजीकृत कराया गया था। जिसमें कौड़िया पुलिस ने आज दिनांक 30.01.2020 को वांछित चल रहे उक्त आरोपी अभियुक्तों को मुखबिर की सूचना पर उनके घर से गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय रवाना कर दिया गया।
बलरामपुर में कांग्रेसियों ने CAA,NRC, NPR जैसे काले कानून के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रैली का आयोजन किया
क्या सीडीओ की लताड़ सुधार पाएगी बैक प्रबंधकों को
बभनान मसकनवां (गोण्डा) !
*ब्यूरो रिपोर्टर सुरेश कनॉजिया*
विकास अधिकारी गोंडा शशांक त्रिपाठी ने बुधवार को विकास खण्ड छपिया का निरीक्षण किया तथा विकास खण्ड छपिया क्षेत्र के सभी बैंकों के शाखा प्रबंधको की बैठक कर एन आर एल एम स्कीमों को गम्भीरता से लागू किये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक कर योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।मुख्य विकास अधिकारी ने शाखा प्रबंधको को लताड़़ लगाते हुये कहा कि लोन देने में अड़गेबाजी करना छोड़ दे।पत्रावली की कमियों को दूर करा कर समूहो के ऋण को तत्काल स्वीकृत करें ।
सी सी एल प्रगति की जानकारी ली बैकर्स मीटिंग में 40 सीसीएल पत्रावलियों को मौके पर ही स्वीकृति किया गया स्वयं सहायता समूहों के सी.सी.एल स्वीकृति हेतु विकास खण्ड स्तरीय कैम्प लगा कर प्रगति की जानकारी ली लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रगति होने पर ग्राम पंचायत सचिवों,रोजगार उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा की तथा कहा कि छपिया ब्लाक को दिये गये लक्ष्य को मेहनत से पूरा करें।
इस मौके पर जिला पंचायत राज अधिकारी घनश्याम सागर,जिला विकास अधिकारी,रजत यादव, खण्ड विकास अधिकारी पन्ना लाल,सहायक विकास अधिकारी ईदल प्रसाद,राम भरत पांडेय, शाखा प्रबंधक विशाल जायसवाल,जिला मिशन प्रबन्धक नीलम्बुज,अभिषेक, शैलेश,अम्बिका,अंशुमान आदि उपस्थित रहे
Thursday, January 30, 2020
वांमपंथी मोर्चा गोण्डा सी0पी0आई0एम0 एम0एल0 लिबरेशन द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया
वांमपंथी मोर्चा गोण्डा द्वारा सी0ए0ए0 एन0आर0सी0
एन0पी0आर0 के विरोध में महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर एक दिवसीय उपवास करते हुए इस कानून को रदद् करने की मांग करती हैं।
*मांगे*
1. सी0ए0ए0,एन0आर0सी0,और एन0पी0आर0 को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाय।
2. इस कानून का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे लोगों का उत्पीड़न बन्द किया जाये।
3. गिरफ्तार किए गए आंदोलन कारियो को तत्काल रिहा किया जाये।
इस भूख हड़ताल में कामरेड़ सत्यनारायण त्रिपाठी, कामरेड़ सुरेश कनौजिया, कामरेड़ राम किशोर,कामरेड़ राजीव कुमार, कामरेड़ जमाल खान, कामरेड़ रविन्द्र कुमार, कामरेड़ चन्द्रवली सिंह, कामरेड़ उप्रदय प्रसाद तिवारी, कामरेड़ लखनलाल शुक्ला, कामरेड़ कन्हैया लाल, कामरेड़ मोहम्मद जाकिर, कामरेड़ सीता राम सिंह,कामरेड़ कृष्ण कांत द्विवेदी,कामरेड़ शिव कुमार कनौजिया, कामरेड़ ईश्वर शरण शुक्ला, कामरेड़ सत्यपाल सिंह,कामरेड़ देव नाथ मिश्रा ,कामरेड़ राम कुमार चौहान ,कामरेड़ सुनिल बारी आदि लोग महजुद रहें ।
जनपद गोण्डा के खंड शिक्षा अधिकारी व प्रदीप तिवारी का मामला पहुंचा मुख्य मंत्री के दरबार
मामला गणतंत्र दिवस से जुड़ा हुआ है ग्राम पंचायत उसरैेना से जुड़ा हुआ है यहां प्राथमिक विद्यालय मैं ध्वजारोहण ना होने पर वह प्रधानाध्यापक द्वारा समय से विद्यालय ना आने पर शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से प्रदीप तिवारी ने फोन पर की थी जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक से बात करने का हवाला देते हुए बाद में बताने की बात कही जब प्रदीप तिवारी ने दूसरे दिन खंड शिक्षा अधिकारी से इसके बारे में जानकारी करनी चाहिए तो खंड शिक्षा अधिकारी भड़क गए और गाली गुप्ता भी देने लगे और तो उन्होंने यह भी कहा कि जहां चाहो वहां शिकायत कर लो हमारा कुछ नहीं हो सकता है तो प्रदीप तिवारी ने इसकी शिकायत पहले तो दूर भाषा पर जिलाधिकारी गोंडा मुख्य विकास अधिकारी गोंडा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा डायट प्राचार्य गोंडा विशेष प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश डीसी लखनऊ शिक्षा मंत्री से फोन पर की उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी शिकायतों पर अपनों पर दबाव देखते हुए व ऑडियो वायरल होते हुए जानकर खंड शिक्षा अधिकारी अपनी गाड़ी से प्रार्थी व प्रार्थी के सहयोगी विनोद तिवारी का एक्सीडेंट भी करने का प्रयास किया गया जिसकी शिकायतआज मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश शासन जिलाधिकारी गोंडा पुलिस अधीक्षक गोंडा डीआईजी गोंडा अपर आयुक्त गोंडा उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में रजिस्ट्री डाक द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है अब देखना इस बात को है गाली वाले अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी के ऊपर विभागीय कार्यवाही की जाती है या नहीं यह बात भविष्य में छुपी हुई है उधर प्रदीप तिवारी का कहना है कि संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के ऊपर विभागीय कार्रवाई नहीं की जाएगी तो मैं न्यायपालिका मैं शरण लूंगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी
महिला को अश्लील वीडियो भेजने वाला बिजली विभाग का संविदाकर्मी गिरफ्तार
रहमतुल्लाह शाह बाबा के मजार पर धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का पावन पर्व न्यू प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को किया गया सम्मानित
आवासीय युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के संबंध में सीडीओ ने की बैठक
गोण्डा।मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित होने वाली तीन दिवसीय आवासीय युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के संबंध में बैठक आयोजित हुई, जिसमें विभिन्न विकास खंडों से चयनित युवक, महिला मंगल दल के 50 प्रतिभागियों को प्रतिभाग कराए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण का विषय युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करने रोजगार विषयक योजनाओं के प्रचार-प्रसार मनरेगा एनआरएलएम स्वास्थ्य संबंधी विषय आईसी डीएस की योजनाएं खेलकूद एवं फिट इंडिया मूवमेंट आदि होगा जिसमें सम्बन्धित विभागों के विभागाध्यक्ष एवं प्रशिक्षक द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा। प्रशिक्षण झंझरी विकासखंड के सभागार में आगामी 5 से 7 फरवरी तक संचालित होगा।
बैठक में जिला युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी, क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी बलवीर सिंह नेहरू युवा केंद्र के जिला समन्यक गोपाल भगत व अन्य लोग उपस्थित रहे।
सरस्वती बंदना
भारतीय किसान संघ ने किया एसपी को सम्मानित
ज़िलाधिकारी एवं एसपी को मानव अधिकार एसोसिएशन ने सम्मानित किया
महिला सुलभ शौचालय खुले में रखा ट्रांसफार्मर किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है
मुसलमानों को शर्मसार कर रहा है शाहीन बाग क धरना प्रदर्शन : मुस्लिम महासंघ
थाना संग्रामपुर पुलिस द्वारा दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट में वांछित 1 अभियुक्त गिरफ्तार
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
प्रशासन चकरोड को आजम के कब्जे से तत्काल खाली करवाए - आकाश
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग विधेयक, 2019 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी
प्रस्तावित कानून से भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियामक संरचना से आम लोगों के हितों की सुरक्षा करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही तय होगी। यह आयोग देश के सभी हिस्सों में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।
भारतीय चिकित्सा प्रणाली से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों के शैक्षिक मानकों, मूल्यांकन, आकलन और मान्यता से संबंधित कार्यों को सरल बनाने के लिए आयोग का गठन किया गया है। एनसीआईएम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्याप्त संख्या में दक्ष चिकित्सा पेशेवरों की आपूर्ति और भारतीय चिकित्सा प्रणाली में चिकित्सा सेवाओं के सभी पहलुओं में उच्च नैतिक मानकों को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2017-18 के बाद की अवधि के लिए बड़े पोर्ट ट्रस्ट और डॉक श्रम बोर्ड के कर्मचारियों/कामगारों को उत्पादकता से संबद्ध पुरस्कार योजना को जारी रखने को मंज़ूरी दी
इस योजना से बड़े पोर्ट ट्रस्टों और डॉक के 28,821 कर्मियों/कामगारों को फायदा होगा और इस पर सालाना अनुमानित खर्च 46 करोड़ रुपये होगा। उत्पादकता से संबद्ध पुरस्कार राशि की गणना बोनस के लिए मौजूदा 7 हजार प्रति माह के आधार पर होगा। इस योजना से उत्पादन बढ़ने के साथ ही बेहतर औद्योगिक संबंध और बंदरगाह क्षेत्र में अनुकूल कार्य वातावरण को बढ़ावा मिलेगा।
बड़े पोर्ट ट्रस्टों और डॉक श्रम बोर्ड के कर्मचारियों/कामगारों के लिए अभी उत्पादकता संबद्ध पुरस्कार योजना चल रही है जिसमें सालाना उत्पादकता संबद्ध पुरस्कार संयुक्त बंदरगाह प्रदर्शन सूचकांक (अखिल भारतीय प्रदर्शन का 50% और निजी बंदरगाह प्रदर्शन का 50% ) के आधार पर प्रबंधन और पोर्ट ट्रस्ट के श्रम संघों के बीच हुए समझौते के अनुसार दिया जाता है।
विशेष सचिव, (स्वास्थ्य) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोनोवायरस पर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की तैयारी की समीक्षा की।
विशेष सचिव (स्वास्थ्य) ने बताया कि सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विभिन्न परामर्श और दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके है। तैयारी की स्थिति की नियमित निगरानी उच्च स्तर पर की जा रही है। उन्होंने निम्नलिखित के बारे में सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की तैयारी की स्थिति की समीक्षा की।
· हवाई अड्डे - राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने बताया कि सभी चिन्हित हवाई अड्डों पर थर्मल और रोगसूचक जांच शुरू की गई है। थर्मल स्क्रीनिंग सेंसर चालू हैं और ऐसे कुछ और उपकरण खरीदे जा रहे हैं। हवाई अड्डों पर अन्य स्टाफ सदस्यों के आव्रजन को संवेदनशील बनाया गया है और समर्पित एंबुलेंस हवाई अड्डों पर तैनात की गई है। चौबीसों घंटे सेवा के लिए मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की जा रही है। स्व-घोषणा फॉर्म उपलब्ध हैं और सभी हवाई अड्डों के प्रमुख स्थानों पर चेतावनी संकेतक लगाए जा रहे हैं। सात केंद्रीय टीमों ने संबंधित राज्यों का दौरा किया तथा तैयारियों को और मजबूत बनाने में मदद की।
· अस्पताल- राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने बताया कि किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए आइसोलेशन वार्डों की पहचान की गई है। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और मास्क सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। राज्यों को नियमित रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, मास्क आदि की आवश्यकता का आकलन और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी खरीदारी करने की आवश्यकता है। इन हवाई अड्डों के लिए तृतीयक अस्पतालों की भी पहचान की गई है और संदिग्ध मामलों में लिए गये नमूनों को एनआईवी, पुणे भेजा जा रहा है।
· नेपाल के सीमावर्ती राज्यों ने बताया कि भू-चौकियों पर पर्याप्त कदम उठाए गए हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में लोगों से मुलाकात और बैठकें आयोजित की गई हैं। स्थानीय भाषा में चेतावनी संकेतक, माइक और अन्य मीडिया चैनलों के माध्यम से जागरूकता बढ़ायी जा रही है। ग्राम पंचायतों द्वारा नोवेल कोरोनावायरस की रोकथाम और प्रबंधन के संबंध में राज्य सरकारों की ओर से लक्षणों, सावधानियों और उपायों के बारे में उठाये गये कदमों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे है।
श्री संजीव कुमार ने कहा कि राज्यों को स्थानीय मीडिया के माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए सक्रिय निवारक उपाय करने की आवश्यकता है। इस वायरस के लक्षणों के बारे में यात्रियों को जागरूक करने और उन्हें "हेल्प यू टू हेल्प अस’ से लैसे करने की जरूरत है। कॉल सेंटर/हेल्पलाइन नंबर को टीवी, रेडियो, प्रेस विज्ञप्ति, सोशल मीडिया और अन्य चैनलों के माध्यम से लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी राज्यों को हर प्रकार की मदद देने का आश्वासन दिया।
कोरोना वायरस के लिए चेतावनी
आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार, रोकथाम प्रबंधन के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए गए हैं –
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
- साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं।
- कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं।
- शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा और नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं।
- बिना धोए हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें।
- जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें।
- बीमार होने पर घर पर रहें।
- खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें।
- अक्सर छुई गए वस्तुओं और सतहों को साफ करें।
- संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग करें।
- यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
- आयुर्वेदिक प्रथाओं के अनुसार रोगनिरोधी उपाय / इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स।
- स्वस्थ आहार और जीवन शैली के माध्यम से प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाएंगे।
- अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ।
- शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार।
- त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार और जब चाहे तब घूंट में लेते रहें।
- प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें।
* यह सलाह केवल सूचना के लिए है और इसे केवल पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से अपनाया जाएगा।
आयुष मंत्रालय की पहल से, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) ने 28 जनवरी, 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोमा वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की। विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता है, जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है। इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की है, जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके। इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए।
कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रबंधन में उपयोगी यूनानी दवाएं
- शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
- तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
- तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
- खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
- स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
- नथुने में रोगन बनाफशा धीरे लगाएं
- अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
- बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
- 10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
- क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
- शरबत खाकसी के साथ-साथ निम्नलिखित एकल यूनानी दवाओं के अर्क का सेवन करना बहुत उपयोगी है :
क्र.स. | यूनानी दवाई का नाम | सामान्य नाम | वानस्पति नाम |
चिरायता | इंडियन जेंटियन | स्वेर्तिया चिराता कर्स्ट | |
कासनी | कॉमन चिकोरी | चिचोरीयमींटीबस लिन | |
अफसन्टीस | कॉमन सेजवार्ट | आर्टीमिसिया एबसिंथिसम लिन | |
नानखावा | अजोवान | ट्राचिस्परमूमामी स्प्रेग | |
गावजावेन | बोरेज | बोरेज आफिसीनालिस लिन | |
नाम छाल | मारगोसा | आजारिराक्टइंडिका ए. जुस | |
सादकूफी | साइप्री ऑल | साइपरूस्कैरिअस आर. बीआर. |
- निम्नलिखित यूनानी दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है -
क्र.स. | यूनानी दवाई का नाम | सामान्य नाम | वानस्पतिक नाम | मात्रा |
बेहिदाना | क्यून्स | साइडोनिया ओबलोंगा | 3 ग्राम | |
उन्नाब | जुजुबी | जीजीफुस जुजुबी लिन | 7 | |
सपिस्तान | एसिरियन पल्म | कोरडिया मिक्सा लिन | 7 | |
दारचीनी | सीन्नामोम | सिन्नामोमुमजेलेनीकम | 3 ग्राम | |
बनाफसा | स्विट वायलेट | वियोला ओडोराटा लिन | 5 ग्राम | |
बर्ज-ए- गोजाबान | बोरेज | बोरेजो ऑफीसिनालिस लिन | 7 ग्राम |
- गले में जख्म होने पर निम्नलिखित यूनानी दवाओं का इस्तेमाल करें :
क्र.स. | यूनानी दवाई का नाम | वानस्पतिक नाम | मात्रा |
खसखस | पापावरसोमनीफेरम | 12 ग्राम | |
बाजरूलबंज | हायोसियामूसनिगर | 12 ग्राम | |
पोस्ट खसखस | पापावरसोमनीफेरम | 12 ग्राम | |
बर्ज-ए-मोर्द (हबुलास) | मृतुस्कोमुनिस | 12 ग्राम | |
तुख्म-ए-काहू मुकासर | लेक्टुका सतीवा | 12 ग्राम | |
गुलेसुर्ख | रोसा डमासेना | 12 ग्राम |
आहार संबंधी सलाह
यूनानी चिकित्सकों के सुझावों के अनुसार सुपाच्य, हल्का एवं नरम आहार के लिए सलाह दी जाती है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग विधेयक, 2019 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग विधेयक, 2019 (एनसीआईएम) में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जो राज्यसभा में अभी लंबित है।
प्रस्तावित कानून से भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियामक संरचना से आम लोगों के हितों की सुरक्षा करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही तय होगी। यह आयोग देश के सभी हिस्सों में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।
भारतीय चिकित्सा प्रणाली से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों के शैक्षिक मानकों, मूल्यांकन, आकलन और मान्यता से संबंधित कार्यों को सरल बनाने के लिए आयोग का गठन किया गया है। एनसीआईएम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य पर्याप्त संख्या में दक्ष चिकित्सा पेशेवरों की आपूर्ति और भारतीय चिकित्सा प्रणाली में चिकित्सा सेवाओं के सभी पहलुओं में उच्च नैतिक मानकों को बढ़ावा देना है।
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, 2019 में अधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दी
इन संशोधनों से :
- होम्योपैथी शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित होंगे।
- आम जनता के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित होंगे। आयोग देश के सभी हिस्सों में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।
पृष्ठभूमि :
होम्योपैथी की शिक्षा एवं प्रैक्टिस के नियमन, केंद्रीय होम्योपैथी रजिस्टर के रखरखाव तथा तत्संबंधी मामलों को लेकर केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के गठन के लिए होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (एचसीसी) अधिनियम, 1973 को लागू किया गया था। इस अधिनियम को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 के प्रारूप पर तैयार किया गया है। भारतीय चिकित्सा परिषद के मुख्य क्रियाकलापों में शक्तियों का निर्धारण एवं नियमन करना शामिल है। जबकि यह अधिनियम होम्योपैथी चिकित्सा शिक्षा एवं प्रैक्टिस के विकास के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है, किंतु परिषद के क्रियाकलापों में अनेक बाधाओं का अनुभव किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण होम्योपैथी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर गंभीर नुकसानदेह प्रभाव पड़ा है।
Wednesday, January 29, 2020
भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी में व्यापक बदलाव के लिए गठित समिति की रिपोर्ट में इंजीनियरों का ज्ञान, कौशल एवं विशेषज्ञता बढ़ाने की सिफारिश की गई है
- आईएएचई के कार्य क्षेत्र का विस्तार कर इसमें तीन विशिष्ट कार्यों अर्थात (i) प्रशिक्षण (ii) राजमार्ग एवं सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में प्रायोगिक अनुसंधान व विकास कार्य (iii) सड़क सुरक्षा एवं नियमन को शामिल किया जाए।
- मंत्रालय के एईई और एनएचएआई के उप प्रबंधकों के लिए एक वर्षीय फाउंडेशन प्रशिक्षण दिया जाए, जिसमें विदेश में 15 दिनों का प्रशिक्षण भी शामिल है। सेवा में निरंतरता के लिए फाउंडेशन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करना अत्यंत जरूरी है।
- अगले उच्च स्तर पर पदोन्नति के लिए करियर के मध्य में प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करना अनिवार्य किया जाए।
- ठेकेदारों एवं सलाहकारों के साथ कार्य करने वाले इंजीनियरों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाए।
- राज्यों के राजमार्गों, एमडीआर और ग्रामीण सड़कों हेतु राज्यों के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के लिए आईएएचई को विशिष्ट प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की पेशकश करनी चाहिए।
- सामग्री परीक्षण प्रक्रियाओं से जुड़े सलाहकारों एवं ठेकेदारों के गुणवत्ता नियंत्रण एवं सहायक गुणवत्ता नियंत्रण इंजीनियरों के लिए आईएएचई को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए और समुचित दिशा-निर्देशों के जरिए इस तरह की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
- विशिष्ट क्षेत्रों जैसे कि सुरंग बनाने, बहुस्तरीय क्रॉसिंग की व्यवस्था करने, इत्यादि के लिए आईएएचई को अग्रणी विदेशी संस्थानों/उद्योग जगत के साथ सहयोग करना चाहिए।
- आईएएचई को मंत्रालय के थिंक-टैक के रूप में काम करना चाहिए और विशिष्ट संदर्भों में परामर्श देना चाहिए।
- यातायात के सुचारू संचालन एवं अनुकरण के लिए आईएएचई में उत्कृष्टता केन्द्र बनाना चाहिए।
- राजमार्गों के निर्माण में व्यावहारिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाए, जिसमें बेकार सामग्री, वस्त्र एवं प्लास्टिक के उपयोग, नई सामग्री, रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय परीक्षण करना भी शामिल हैं।
- आईएएचई की मौजूदा प्रयोगशाला का उन्नयन किया जाए और इसके साथ ही एनएबीएल से प्रमाण-पत्र लिया जाना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर इस्तेमाल होने वाली सामग्री का परीक्षण किसी अन्य पक्ष के जरिए कराया जा सके।
- सड़क से संबंधित सभी तरह के आंकड़ों जैसे कि यातायात, तैयार सामग्री और सड़कों एवं पुलों की स्थिति से जुड़े डेटा का संग्रहण आईएएचई में किया जाए।
- दुघर्टनाओं से बचाव के लिए आईएएचई को एसओपी तैयार करना चाहिए और यातायात इंजीनियरिंग, डेटा प्रभाग एवं दुर्घटनाओं के विश्लेषण के लिए एक केन्द्र स्थापित करना चाहिए, ताकि भावी अध्ययन कराए जा सकें और इसके साथ ही सड़क सुरक्षा को बेहतर किया जा सके।
- आईएएचई को सड़क सुरक्षा ऑडिटरों के प्रशिक्षण एवं प्रमाणन से संबंधित समस्त गतिविधियों की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए।
- आईएएचई के व्यापक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए समुचित योजना बनाई जाए।
- संगठनात्मक ढांचे में समुचित बदलाव किए जाएं, ताकि उपर्युक्त उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया था, जिसमें श्री वाई.एस. मलिक, पूर्व सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (चेयरमैन), श्री बी.एन. सिंह, पूर्व डीजी (आरडी) एवं एसएस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य), श्री एम.पी. शर्मा, पूर्व एडीजी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य) और श्री एस.पी. सिंह, संयुक्त सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य सचिव) शामिल थे। इस समिति के गठन का उद्देश्य विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करना और भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी (आईएएचई) को राजमार्ग क्षेत्र के एक ऐसे विश्व स्तरीय प्रमुख संस्थान में तब्दील करने के तरीकों के बारे में सिफारिशें पेश करना था, जिसके पास राजमार्ग क्षेत्र से जुड़ी पूर्ण/व्यापक विशेषज्ञता हो।
आईएएचई का गठन मंत्रालय ने वर्ष 1983 में एक सोसाएटी के रूप में किया था, ताकि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों इत्यादि के राजमार्ग इंजीनियरों को प्रवेश स्तर के साथ-साथ करियर के मध्य में विभिन्न स्तरों पर भी प्रशिक्षण दिया जा सके। यह राजमार्गों के नियोजन, डिजाइनिंग, निर्माण, परिचालन, रख-रखाव एवं प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों पर प्राप्त अनुभवों को संयोजित करने एवं इनसे जुड़े ज्ञान को साझा करने का प्रमुख संस्थान है।
आईएएचई 1 अक्टूबर, 2001 से ही नोएडा (उत्तर प्रदेश) के संस्थागत क्षेत्र के सेक्टर 12 के ए-5 में अवस्थित 10 एकड़ की भूमि पर बनाए गए विशाल परिसर में कार्यरत है। इस अकादमी में प्रशिक्षण से संबंधित आवश्यक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं हैं, जिनमें व्याख्यान हॉल, कम्प्यूटर लैबोरेटरी, सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं डिस्प्ले सेंटर, प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास इत्यादि शामिल हैं।
आईएएचई ने अपनी शुरुआत से लेकर अब तक 1494 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए हैं और भारत के साथ-साथ 59 अफ्रीकी-एशियाई देशों के 35,988 प्रोफेशनलों को प्रशिक्षित किया है। वर्ष 2019-20 के दौरान आईएएचई ने 85 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए हैं और 2577 राजमार्ग प्रोफेशनलों को प्रशिक्षित किया है। आईएएचई के पास 100 सड़क सुरक्षा अभियंता एवं ऑडिटर हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2020- एग्जिट पोल पर प्रतिबंध
इसके साथ ही, जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126(1) (ब) के तहत दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के लिए तय समय से पहले के 48 घंटे के दौरान ओपिनयन पोल के नतीजे या कोई अन्य चुनाव सर्वेक्षण जैसे चुनाव से संबंधित किसी भी सामग्री का किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
24 जनवरी, 2020 को इससे संबंधित जारी अधिसूचना सभी संबंधित पक्षों की जानकारी के लिए यहां संलग्न कर दिया गया है।
अधिसूचना के लिए कृप्या यहां क्लिक करें
(निर्वाचन आयोग ने 28 जनवरी, 2020 को प्रेस नोट संख्या ईसीआई/पीएन/15/2020 के तहत पहले ही जारी कर दिया है।)
भारतीय नौसेना ने मेडागास्कर में मानवीय सहायता और आपदा राहत उपलब्ध कराने के लिए 'ऑपरेशन वनीला' शुरू किया
पोर्ट कॉल के दौरान भारतीय दूतावास और मेडागास्कर के साथ समन्वय में इस जहाज की बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए राहत अभियान चलाने की योजना है। भारतीय नौसेना जहाज चिकित्सा शिविर स्थापित करने और भोजन, पानी तथा अन्य आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है और भारतीय नौसेना मेडागास्कर के स्थानीय लोगों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी शिप एचएमएएस टुवूम्बा मुम्बई की यात्रा पर
एचएमएएस टुवूम्बा सीटीएफ-150 के परिचालन नियंत्रण के तहत इस क्षेत्र में एक विदेशी तैनाती पर है।
आरएएन जहाज की यह यात्रा और आरएएन क्रू के साथ भारतीय नौसेना के कर्मियों की पेशेवर बातचीत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अच्छे संबंधों को और मजबूत बनाने तथा समुद्री क्षेत्र में साझा हितों को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
श्री नितिन गडकरी ने राजमार्ग क्षेत्र के इंजीनियरों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विशेष जोर दिया; भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी में व्यापक बदलाव लाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट पेश की
भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी (आईएएचई) को राजमार्ग क्षेत्र के एक विश्व स्तरीय प्रमुख संस्थान में तब्दील करने के बारे में सिफारिशें देने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट आज नई दिल्ली में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री को पेश की गई।
आईएएचई दरअसल राजमार्गों के प्रबंधन से जुड़े समस्त विषयों से संबंधित अनुभवों को संयोजित करने एवं संबंधित ज्ञान को साझा करने वाला प्रमुख संस्थान है। इस संस्थान का सृजन अस्सी के दशक में किया गया था और इसका उद्देश्य केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के राजमार्ग इंजीनियरों को प्रशिक्षण देना रहा है। तीन विशिष्ट कार्यों यथा – प्रशिक्षण, राजमार्ग एवं सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में प्रायोगिक अनुसंधान व विकास कार्य और सड़क सुरक्षा व नियमन को शामिल करने के लिए आईएएचई के कार्य क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) रैली में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
सबसे पहले तो मैं आप सभी को, यहां हुए कार्यक्रम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
गणतंत्र दिवस की परेड में और आज की इस बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ ही, आपने देश के लिए जो काम किए, चाहे वो सोशल सर्विस हो या फिर स्पोर्ट्स, आपने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो भी प्रशंसनीय हैं।
आज यहां जिन साथियों को पुरस्कार मिले हैं, उनको मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत हमारे पड़ोसी देशों, हमारे मित्र देशों के भी अनेक केडेट्स यहां मौजूद हैं। मैं उनका भी अभिवादन करता हूं।
साथियों,
NCC, देश की युवाशक्ति में Discipline, Determination और देश के प्रति Devotion की भावना को मजबूत करने का बहुत सशक्त मंच है। ये भावनाएं देश के Development के साथ सीधी-सीधी जुड़ी हैं।
जिस देश के युवा में अनुशासन हो, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, निष्ठा हो, लगन हो, उस देश का तेज गति से विकास कोई नहीं रोक सकता।
साथियों,
आज विश्व में हमारे देश की पहचान, युवा देश के रूप में है। देश के 65 परसेंट से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं।
देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, ये हमारा दायित्व होना चाहिए।
और युवा सोच का मतलब क्या होता है?
जो थके-हारे लोग होते हैं वे न सोचने का समर्थ्य रखते हैं और न ही देश के लिए कुछ करने का इरादा रखते हैं। वो किस तरह की बातें करते हैं, ध्यान दिया है आपने?
चलो भई, जैसा है, एडजस्ट कर लो!!!
चलो अभी किसी तरह समय निकाल लो !!!
चलो आगे देखा जाएगा !!!
इतनी जल्दी क्या है, टाल दो ना, कल देखेंगे!!!
साथियों,
जो लोग इस प्रवृत्ति के होते हैं, उनके लिए कल कभी नहीं आता।
ऐसे लोगों को दिखता है सिर्फ स्वार्थ। अपना स्वार्थ।
आपको ज्यादातर जगह ऐसी सोच वाले लोग मिल जाएंगे।
इस स्थिति को मेरे आज का युवा भारत, मेरे भारत का युवा, स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। वो छटपटा रहा है कि स्वतंत्रता के इतने साल हो गए, चीजें कब तक ऐसे ही चलती रहेंगी? कब तक हम पुरानी कमजोरियां को पकड़कर बैठे रहेंगे?
वो बाहर जाता है, दुनिया देखता है और फिर उसे भारत में दशकों पुरानी समस्याएं नजर आती हैं।
वो इन समस्याओं का शिकार होने के लिए तैयार नहीं है।
वो देश बदलना चाहता है, स्थितियां बदलना चाहता है।
और इसलिए उसने तय किया है कि Boss, अब टाला नहीं जाएगा, अब टकराया जाएगा, निपटा जाएगा।
यही है युवा सोच, यही है युवा मन, यही है युवा भारत।
यही युवा भारत कह रहा है कि देश को अतीत की बीमारियों से मुक्त करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए,
यही युवा भारत कह रहा है कि देश के वर्तमान को सुधारते हुए, उसकी नींव मजबूत करते हुए तेज गति से विकास होना चाहिए और यही युवा भारत कह रहा है कि देश का हर निर्णय, आने वाली पीढ़ियों को उज्जवल भविष्य की गारंटी देने वाला होना चाहिए।
अतीत की चुनौतियों, वर्तमान की जरूरतों और भविष्य की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तीनों ही स्तरों पर हमें एक साथ काम करना होगा।
साथियों,
आप NCC से जुड़ने के बाद इतनी मेहनत करते हैं, जब बुलाया तब आते हैं, पढ़ाई के साथ-साथ घंटों तक ड्रिल-प्रैक्टिस, सब एक साथ चलता रहता है। आपके भीतर ये जज्बा है कि पढ़ेंगे भी और देश के लिए कुछ करेंगे भी।
और बाहर क्या स्थिति मिलती रही है?
कभी यहां आतंकवादी हमला हुआ, इतने निर्दोष लोग मारे गए। कभी वहां नक्सली-माओवादियों ने बारूदी सुरंग उड़ा दी, इतने जवान मारे गए। कभी अलगाववादियों ने ये भाषण दिया, कभी भारत के खिलाफ जहर उगला, कभी तिरंगे का अपमान किया।
इस स्थिति को स्वीकार करने के लिए हम तैयार नहीं हैं, युवा भारत तैयार नहीं है, न्यू इंडिया तैयार नहीं है।
साथियों,
कभी-कभी कोई बीमारी लंबे समय तक ठीक न हो तो वो शरीर का हिस्सा बन जाती है। हमारे राष्ट्र जीवन में भी ऐसा ही हुआ है। ऐसी अनेक बीमारियों ने देश को इतना कमजोर कर दिया कि उसकी अधिकतर ऊर्जा इनसे लड़ने-निपटने में ही लग जाती है। आखिर ऐसा कब तक चलता? और कितने साल तक हम इन बीमारियों का बोझ ढोते रहते? और कितने साल तक टालते रहते?
आप सोचिए,
जब से देश आजाद हुआ, तब से कश्मीर में समस्या बनी हुई है। वहां की समस्या के समाधान के लिए क्या किया गया? तीन चार परिवार और तीन-चार दल और सभी का जोर समस्या को समाप्त करने में नहीं बल्कि समस्या को पालने-पोसने, उसे जिंदा रखने में लगा रहा।
नतीजा क्या हुआ? कश्मीर को आतंक ने तबाह कर दिया, आतंकवादियों के हाथों हजारों निर्दोष लोग मारे गए।
आप सोच सकते हैं कहीं पर वहीं के रहने वालों को, लाखों लोगों को, एक रात में घर छोड़कर हमेशा-हमेशा के लिए निकल जाने को कहा जाए और सरकार कुछ कर नहीं सके।
आतंकियों की हिम्मत बढ़ाने वाले यही सोच थी। सरकार को, प्रशासन को कमजोर करने वाले यही सोच थी।
क्या कश्मीर को ऐसे ही चलने देते, जैसे वो चल रहा था?
साथियों,
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 ये कहकर लागू हुआ था कि ये अस्थाई है। संविधान में भी यही लिखा गया कि ये अस्थाई है।लेकिन दशकों बीत गए, संविधान में जो अस्थाई था, उसे हटाने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई।
वजह वही थी, सोच वही थी। अपना हित, अपने राजनीतिक दल का हित, अपना वोटबैंक।
क्या हम अपने देश के नौजवानों को ऐसा भारत देते जिसमें कश्मीर में आतंकवाद पनपता रहता, जिसमें निर्दोष लोग मारे जाते रहते, जिसमें तिरंगे का अपमान होता रहता और सरकार तमाशा देखती रहती।
नहीं।
कश्मीर, भारत की मुकुट मणि है।कश्मीर और वहां के लोगों दशकों पुरानी समस्याओं से निकालना, हमारा दायित्व था और हमने ये करके दिखाया है।
साथियों,
हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते दस दिन से ज्यादा का समय नहीं लगता। ऐसे में वो दशकों से भारत के खिलाफ छद्म युद्ध- proxy War लड़ रहा है। इस प्रॉक्सी वॉर में भारत के हजारों नागरिक मारे गए हैं।
लेकिन पहले इसे लेकर क्या सोच थी? वो लोग सोचते थे कि ये आतंकवाद, ये आतंकी हमले, बम धमाके ये तो Law and Order Problem हैं !!!
इसी सोच की वजह से बम धमाके होते गए, आतंकी हमलों में लोग मरते गए, भारत मां लहू-लुहान होती गई।
बातें बहुत हुईं, भाषण बहुत हुए, लेकिन जब हमारी सेनाएं Action के लिए कहतीं तो उन्हें मना कर दिया जाता, टाल दिया जाता।
आज युवा सोच है, युवा मन के साथ देश आगे बढ़ रहा है इसलिए वो सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है।
इसका परिणाम क्या हुआ है, वो आप भी देख रहे हैं।
आज सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी शांति कायम हुई है, अलगाववाद-आतंकवाद को बहुत सीमित कर दिया गया है।
साथियों,
पहले नॉर्थ ईस्ट के साथ जिस तरह की नीति अपनाई गई, जिस तरह का व्यवहार किया गया, उसे भी आप भली-भांति जानते हैं।
दशकों तक वहां के लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया।
वहां के लोगों को ही नहीं, वहां की समस्याओं को, वहां की चुनौतियों को अपने ही हाल पर छोड़ दिया गया था।
पाँच-पाँच, छह-छह दशक से वहां के अनेक क्षेत्र उग्रवाद से परेशान थे। अपनी-अपनी मांगों की वजह से नॉर्थ ईस्ट में कई उग्रवादी संगठन पैदा हो गए थे। इन संगठनों का लोकतंत्र में विश्वास नहीं था। वो ये सोचते थे कि हिंसा से ही रास्ता निकलेगा।
इस हिंसा में हजारों निर्दोष लोग, हजारों सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई।
क्या नॉर्थ ईस्ट को हम अपने हाल पर ही छोड़ देते? क्या अपने उन भाई-बहनों की परेशानियों से, उनकी दिक्कतों से ऐसे ही मुंह फेर कर बैठ जाते?
ये हमारे संस्कार नहीं हैं, ये हमारी कार्यसंस्कृति नहीं है।
नॉर्थ ईस्ट को लेकर आज अखबारों में एक बड़ी खबर है। आपने मीडिया में भी देखा होगा। बोडो समस्या को लेकर एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक समझौता हुआ है।
मैं आपसे आग्रह करूंगा कि पिछले पाँच-छह दशकों में देश के ऐसे क्षेत्र और विशेषकर असम किस स्थिति से गुजरा है, उसे पढ़िए, उस पर रिसर्च करिए, तो आपको पता चलेगा कि वहां के लोगों ने, नॉर्थ ईस्ट के लोगोंने किस स्थिति का सामना किया है। लेकिन इस स्थिति को भी बदलने के लिए कोई ठोस पहल पहले नहीं की गई।
क्या हम इस स्थिति को ऐसे ही चलने देते?
नहीं। कतई नहीं।
हमने एक तरफ नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाओं की शुरुआत की और दूसरी तरफ बहुत ही खुले मन और खुले दिल के साथ सभी Stakeholders के साथ बातचीत शुरू की। बोडो समझौता आज इसी का परिणाम है।
कुछ दिन पहले मिजोरम और त्रिपुरा के बीच ब्रू जनजाति को लेकर हुआ समझौता इसी का परिणाम है। इस समझौते के बाद, ब्रू जनजातियों से जुड़ी 23 साल पुरानी समस्या का समाधान हुआ है।
यही तो युवा भारत की सोच है। सबका साथ लेकर, सबका विकास करते हुए, सबका विश्वास हासिल करते हुए देश को हम आगे बढ़ा रहे हैं।
साथियों,
इस देश का कौन सा नागरिक ऐसा होगा जो ये नहीं चाहेगा कि हमारी सेना आधुनिक हो, सामर्थ्यवान हो। कौन नहीं चाहेगा कि उसके पास युद्ध की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों।
हर देशप्रेमी यही चाहेगा, हर राष्ट्रभक्त यही चाहेगा।
लेकिन आप कल्पना कर सकते हैं कि 30 साल से ज्यादा समय से हमारे देश की वायु सेना में एक भी Next Generation Fighter Plane नहीं आया था।
पुराने होते हमारे विमान, हादसों का शिकार होते रहे, हमारे फाइटर पायलट्स शहीद होते रहे लेकिन जिन लोगों पर नए विमान खरीदने की जिम्मेदारी थी, उन्हें जैसे कोई चिंता ही नहीं थी।
क्या हम ऐसा ही चलते रहने देते? क्या ऐसे ही वायुसेना को कमजोर होने देते?
नहीं।
तीन दशक से जो काम लटका हुआ था, वो हमने शुरू करवाया। आज मुझे संतोष है कि देश को तीन दशक के इंतजार के बाद, Next Generation Fighter Plane- ऱफाएल मिल गया है। बहुत जल्द वो भारत के आसमान में उड़ेगा।
साथियों,
आप तो यूनीफॉर्म में बैठे हैं। आप इस बात से और ज्यादा relate करेंगे कि ये यूनीफॉर्म अपने साथ कितने कर्तव्य लेकर आती है। इसी कर्तव्य की खातिर हमारा जवान, सीमा पर, देश के भीतर, कभी आतंकवादियों से, कभी नक्सलवादियों से मोर्चा लेता है।
सोचिए, उसके पास अगर बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं होगी तो क्या होगा?
लेकिन हमारे यहां ऐसी भी सरकारें रही हैं, ऐसे भी लोग रहे हैं जिन्हें जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट देने तक में तकलीफ थी। वर्ष 2009 से हमारे जवान बुलेटप्रूफ जैकेट मांगते रहे, लेकिन तब के हुक्मरानों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।
क्या मेरा जवान, ऐसे ही आतंकियों की, नक्सलियों की गोलियों का शिकार होता रहता?
उसने देश के लिए मरने की कसम खाई है लेकिन उसकी जान, हमारे जैसों से कहीं ज्यादा कीमती है।
और इसलिए हमारी सरकार ने न सिर्फ जवानों के लिए पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने का आदेश दिया बल्कि अब तो भारत दूसरे देशों को बुलेटप्रूफ जैकेट के निर्यात की ओर बढ़ रहा है।
साथियों,
आप में से कई कैडेट्स ऐसे होंगे जिनके परिवार में कोई न कोई फौज में होगा। आप किसी से मिलते हैं, तो गर्व से यही कहते हैं कि मेरे पापा या मेरे चाचा या भईया या दीदी आर्मी में हैं।
सेना के जवानों के प्रति हमारे मन में स्वाभाविक गौरव की भावना होती है। वो देश के लिए इतना कुछ करते हैं कि उन्हें देखते ही भीतर से सम्मान की भावना उमड़ पड़ती है। लेकिन वन रैंक वन पेंशन की उनकी 40 साल, फिर से कह रहा हूं, ध्यान से सुनिएगा- वन रैंक वन पेंशन की उनकी 40 साल पुरानी मांग को पहले की सरकारें पूरा नहीं कर पाईं।
ये हमारी ही सरकार है जिसने 40 साल पुरानी इस मांग को पूरा किया, वन रैंक वन पेंशन लागू किया।
साथियों,
सीमा पर हमारे जो जवान होते हैं, वो देश की सीमा की ही नहीं, देश के लोगों की ही नहीं, देश के स्वाभिमान की भी रक्षा करते हैं। किसी भी आजाद देश की पहली पहचान होती है- स्वाभिमान। देश के स्वाभिमान की रक्षा करने वाले हमारे वीर सैनिकों के लिए आजादी के बाद से ही नेशनल वॉर मेमोरियल की मांग होती रही है। इसी तरह देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अपनी जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस मेमोरियल की मांग भी दशकों से की जाती रही ।
क्या कोई कल्पना कर सकता है कि इस एक काम के लिए 50-50 साल, 60-60 साल तक का इंतजार करना पड़े।
ये कैसा तरीका था, कैसी सोच थी, किस रास्ते पर देश को ले जा रहे थे वो लोग?
कुछ लोगों द्वारा, भारत के शहीदों को भुला देने का पाप करने की कोशिश की गई।
देश की सेना, सुरक्षाबलों का स्वाभिमान, उनका आत्मगौरव बढ़ाने के बजाय, उनके स्वाभिमान पर चोट की गई।
क्या NCC का यहां बैठा केडेट इस बात से सहमत होगा?
आपकी युवा सोच, आपका युवा मन जो चाहता है, वही हमारी सरकार ने किया। आज दिल्ली मेंनेशनल वॉर मेमोरियल भी है और नेशनल पुलिस मेमोरियल भी।
साथियों,
आज पूरे विश्व में अलग-अलग स्तर पर सैन्य व्यवस्थाओं में परिवर्तन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि अब हाथी-घोड़ों पर बैठकर लड़ाई नहीं जीती जाती। आधुनिक युद्ध में जल-थल-नभ यानी हमारी आर्मी, हमारी नेवी और एयरफोर्स को कॉर्डिनेटेड तरीके से ही आगे बढ़ना होता है।
वर्षों से देश में इस बात पर चर्चा हो रही थी कि तीनों सेनाओं में सिनर्जी बढ़ाने के लिए, कॉर्डिनेशन बढ़ाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ-CDS की नियुक्ति की जाए।
लेकिन दुर्भाग्य से इस पर चर्चा ही होती रही, फाइल एक टेबल से दूसरी टेबल तक घूमती रही, किसी ने निर्णय नहीं लिया।
सोच वही थी- क्या फायदा, चल ही रहा है न !!!
साथियों,
डिपार्टमेंट ऑफ मिलेट्री अफेयर्स का गठन, CDS के पद का गठन, CDS के पद पर नियुक्ति, ये काम भी हमारी ही सरकार ने किया है।
उसी युवा सोच के साथ जो कहती है कि अब टालो मत, अब फैसला लो।
और ये भी ध्यान रखिए, onePlus one Plus oneअगर तीन होता है CDS की नियुक्ति के बाद अब onePlus one Plus one, एक सौ ग्यारह यानि 111 हो जाता है।
साथियों,
आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या कोई देश, अपने हक का पानी भी ऐसे ही बह जाने दे। लेकिन भारत में ये भी हो रहा था। भारत का किसान पानी की कमी से परेशान था और देश का पानी बहकर पाकिस्तान जा रहा था। किसी ने इस पानी को भारत के किसान तक पहुंचाने की हिम्मत ही नहीं दिखाई। हमने पाकिस्तान जा रहा पानी रोकने का फैसला किया और अब इस पर तेजी से काम हो रहा है। भारत के हक का पानी अब भारत में ही रहेगा।
साथियों,
जब देश आजाद हुआ, तो बंटवारा किसकी सलाह से हुआ, किसके स्वार्थ की वजह से हुआ, क्यों जिन लोगों ने स्वतंत्र भारत की कमान संभाली वो बंटवारे के लिए तैयार हुए, मैं इसके विस्तार में नहीं जाना चाहता।
आप अच्छी किताबें पढ़ेंगे, पूर्वाग्रह से रहित इतिहासकारों की रचनाएं पढ़ेंगे, तो आपको सच्चाई पता चलेगी। लेकिन आज इस समय सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर जो इतना भ्रम फैलाया जा रहा है, जो विरोध किया जा रहा है, उसकीसच्चाई देश के युवाओं को जानना आवश्यक है।
साथियों,
स्वतंत्रता के बाद से ही स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान में, बांग्लादेश में, अफगानिस्तान में रह गए हिंदुओं-सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उन्हें जरूरत होगी, तो वो भारत आ सकते हैं, भारत उनके साथ खड़ा रहेगा।
यही इच्छा गांधी जी की भी थी, यही1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते की भी भावना थी। इन देशों में जिन लोगों पर उनकी आस्था की वजह से अत्याचार हुआ, भारत का दायित्व था कि उन्हें शरण दे, उन्हें भारत की नागरिकता दे। लेकिन इस विषय से और ऐसे हजारों लोगों से मुंह फेर लिया गया।
ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए, भारत के पुराने वायदे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लेकर आई है, ऐसे लोगों को भारत की नागरिकता दे रही है, तो कुछ राजनीतिक दलअपने वोटबैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं।
आखिर किसके हितों के लिए काम कर रहे हैं ये लोग?
क्यों इन लोगों को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते?
सिर्फ आस्था की वजह से पाकिस्तान में इन बेटियों पर जो जुल्म होते हैं, उनके साथ बलात्कार होते हैं, उनका अपहरण होता है, इन सबको क्यों झुठलाने पर तुले हुए हैं ये लोग?
साथियों, इनमें से कुछ लोग शोषितो की आवाज बनने का ढोंग कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन लोगों को पाकिस्तान में शोषितो पर अत्याचार दिखाई नहीं देता। ये लोग भूल जाते हैं कि पाकिस्तान से जो लोग धार्मिक प्रताड़ना की वजह से भागकर भारत आए हैं, उनमें से ज्यादातर शोषित ही हैं।
साथियों,
कुछ समय पहले पाकिस्तान में वहां की सेना ने एक विज्ञापन छपवाया था। सेना में सफाई-कर्मचारियों की भर्ती के लिए। उन विज्ञापनों में क्या लिखा था पता है आपको?
उनमें लिखा था- सफाई कर्मचारी के लिए वही अप्लाई कर सकते हैं जो मुसलिम नहीं हैं। यानि ये विज्ञापन किसके लिए था? हमारे इन्हीं शोषित भाई-बहनों के लिए। उनको इसी नजर से देखा जाता है पाकिस्तान में। ये स्थिति है वहां की।
साथियों,
बंटवारे के समय बहुत से लोग भारत छोड़कर चले गए। लेकिन यहां से जाने के बाद ये लोग यहां की संपत्तियों पर अपना हक जताते थे।
हमारे शहरों के बीचो-बीच खड़ी, लाखों करोड़ की इन संपत्तियों पर भारत का हक होते हुए भी ये देश के काम नहीं आ रही थीं। दशकों तक Enemy Property बिलको लटकाकर रखा गया। जब हम इसे लागू करवाने के लिए संसद में लेकर आए, तो कानून को पास करवाने में हमें नाको चने चबाने पड़ गए।
मैं फिर पूछूंगा- किसके हित के लिए ऐसा किया गया?
जो लोग सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट का विरोध करने निकले हैं, वही लोग Enemy Property कानून का विरोध कर रहे थे।
साथियों,
बंटवारे के बाद भारत और तब के पूर्वी पाकिस्तान, आज के बांग्लादेश के बीच भी कुछ क्षेत्रों में सीमा विवाद चलता रहा है। इस विवाद को सुलझाने के लिए भी कोई ठोस पहल नहीं हुई।
अगर सीमा ही विवादित रहेगी तो फिर घुसपैठ कैसे रुकेगी?
अपने निजी हित के लिए विवाद को लटकाए रखो, घुसपैठियों को आने का खुला रास्ता दो, अपनी राजनीति चलाते रहो, यही चल रहा था हमारे देश में।
ये हमारी सरकार है जिसने बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद को सुलझाया। हमने दो मित्र देशों के साथ आमने-सामने बैठकर बात की, एक दूसरे को सुना, एक दूसरे को समझा और एक ऐसा समाधान निकाला जिसमें दोनों देश सहमत हों। मुझे संतोष है कि आज न सिर्फ सीमा विवाद सुलझ चुका है बल्कि भारत और बांग्लादेश के संबंध भी आज ऐतिहासिक स्तर पर हैं। हम दोनों आपस में मिलकर गरीबी से लड़ रहे हैं।
साथियों,
भारत के बंटवारे के समय कागज पर एक लकीर खींच दी गई थी। देश का विभाजन कर दिया गया था। कागज पर खींची गई इसी लकीर ने गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को हमसे दूर कर दिया था, उसे पाकिस्तान का हिस्सा बना दिया था।
करतारपुर, गुरुनानक की भूमि थी। करोड़ों देशवासियों की आस्था उस पवित्र स्थान से जुड़ी थी। उसे क्यों छोड़ दिया गया? जब पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को बंदी बनाया गया था, तभी कह दिया गया होता कि कम से कम करतारपुर साहिब तो हमें वापस दे दो।
लेकिन ये भी नहीं किया गया। दशकों से सिख श्रद्धालु इस इंतजार में थे कि उन्हें आसानी से करतारपुर पहुंचने का अवसर मिले, वो गुरूभूमि के दर्शन कर पाएं। करतारपुर कॉरिडोर बनाकर ये काम भी हमारी ही सरकार ने किया।
साथियों,
श्रीराम जन्मभूमि का केस अदालत में दशकों तक लटका रहा, तो उसके पीछे भी इन लोगों की यही सोच है- अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए अहम विषयों को लटकाओ, देश के लोगों को भटकाओ। ये लोग अदालतों के चक्कर काटते रहते थे कि किसी भी तरह सुनवाई टल जाए, अदालत फैसला न सुना पाए। क्या-क्या तरीके अपनाए गए, ये देश ने देखा है। इनकी सारी चालों को हमारी सरकार ने Expose किया, जो रोड़े ये लगा रहे थे, उन्हें हटाया और आज इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील केस का भी फैसला हो चुका है।
साथियों,
दशकों पुरानी समस्याओं की सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है।
मैं फिर कहूंगा- देश देख रहा है, समझ रहा है। चुप है, लेकिन सब समझ रहा है। वोटबैंक के लिए कैसे दशकों तक इन लोगों ने मनगढ़ंत झूठ फैलाए हैं, इसे भी देश जान गया है।
समाज के भिन्न-भिन्न स्तरों पर बैठे हुए ये लोग अब पूरी तरह Expose हो चुके हैं। हर रोज इनके बयान, इन्हें और इनकी सोच को Expose कर रहे हैं।
ये वो लोग हैं जिन्होंने स्वहित को हमेशा देशहित से ऊपर रखा। ऐसे लोगों ने वोटबैंक की पॉलिटिक्स करके समस्याओं को दशकों तक सुलझने नहीं दिया।
साथियों,
आप केडेट्स के जन्म से भी बहुत साल पहले, ये 1985-86 की बात थी जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने, हमारे सुप्रीम कोर्ट ने मुसलिम महिलाओं को, देश की अन्य बहनों-बेटियों की तरह ही अधिकार देते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। लेकिन इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही पलट दिया। इतने वर्षों में जिन हजारों-लाखों मुसलिम बहनों-बेटियों को ट्रिपल तलाक की वजह से जिंदगी नर्क हुई, क्या उसके गुनहगार ये लोग नहीं हैं? हैं, बिल्कुल हैं।
इन लोगों की तुष्टिकरण की इसी राजनीति की वजह से मुसलिम बहनों-बेटियों को दशकों तक ट्रिपिल तलाक के भय से मुक्ति नहीं मिल पाई। जबकि दुनिया के अनेक मुसलिम देश, अपने यहां ट्रिपल तलाक बैन कर चुके थे। लेकिन भारत में इन लोगों ने ऐसा करने नहीं दिया।
सोच वही थी- न बदलेंगे, न बदलने देंगे।
इसलिए देश ने इन लोगों को ही बदल दिया। ये हमारी सरकार है जिसने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाया है, मुसलिम महिलाओं को नए अधिकार दिए हैं।
साथियों,
जिस दिल्ली में ये आयोजन हो रहा है, उसी दिल्ली में, देश की राजधानी में, आजादी के बाद लाखों विस्थापितों को बसाया गया। समय के साथ और भी लाखों लोग दिल्ली आए और बसे। दिल्ली में ऐसी 1700 से ज्यादा कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को दशकों तक, उनके घर का मालिकाना हक नहीं मिला था। कहने को घर अपना था, लेकिन कानून की नजर में नहीं। ऐसे 40 लाख से ज्यादा लोगों की मांग थी कि उन्हें अपने घर का मालिकाना हक तो दिया जाए।
लेकिन दशकों तक उनकी इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। जब हमारी सरकार ने कोशिश की, तो उसमें भी रोड़े अटकाने का काम किया गया।
ये युवा भारत की सोच है, न्यू इंडिया की सोच है जिसने दिल्ली के 40 लाख लोगों के जीवन से, उनकी सबसे बड़ी चिंता को दूर कर दिया है। हमारी सरकार के फैसले का लाभ हिंदुओं को होगा और मुस्लिमों को भी, सिखों को होगा और ईसाइयों को भी।
साथियों,
हमारे लिए प्रत्येक देशवासी का महत्व है और इसी सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। असम में जिस ब्रू-रियांग जनजाति का जिक्र मैंने पहले भी किया, उसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया था, अब उन्हें भी उनके जीवन की सबसे बड़ी चिंता से हमारी ही सरकार ने मुक्त किया है। इन लोगों को मिजोरम से भागकर त्रिपुरा में शरण लेनी पड़ी थी। बरसों से ये लोग विस्थापित का जीवन जी रहे थे। न रहने का ठिकाना, न बच्चों का कोई भविष्य।
पहले की सरकारें इनकी समस्याओं को टाल रहीं थीं। हमने सबको साथ लिया और एक समाधान खोजा। आने वाले वर्षों में सरकार ब्रू-रियांग जनजाति का जीवन आसान बनाने के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
साथियों,
यहाँ बैठा हर नौजवान चाहता है कि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो। भ्रष्टाचार हमारे देश के साधनों-संसाधनों को दीमक की तरह चाटता रहा। इसने अमीर को और अमीर बनाया, गरीब को और गरीब। यहां तक की देश के प्रधानमंत्री तक ने एक बार कहा था कि केंद्र सरकार गरीब के लिए अगर एक रुपया भेजती है तो सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। यही स्थिति थी। लेकिन इसे बदलने के लिए क्या किया गया? सिर्फ खानापूरी-सिर्फ दिखावा। ईमानदारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की कोशिश ही नहीं की गई।
हमारी सरकार ने जनधन आधार और मोबाइल की शक्ति से, आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से, इस तरह के भ्रष्टाचार को काफी हद तक काबू में कर लिया है। हमारी सरकार ने ऐसा करके, 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गलत हाथों में जाने से बचाए हैं।
साथियों,
1988 में देश में एक कानून बना था बेनामी संपत्ति के खिलाफ। देश की संसद ने इसे पास किया था। लेकिन 28 साल तक इस कानून को लागू ही नहीं किया गया। बेनामी संपत्ति के खिलाफ कानून को इन लोगों ने रद्दी की टोकरी में डाल दिया था।
ये हमारी ही सरकार है जिसने न सिर्फ बेनामी संपत्ति कानून लागू किया बल्कि हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति इस कानून के तहत जब्त की जा चुकी है।
मैं आपसे एक और सवाल करता हूं। क्योंकि इसका जवाब सुनकर आप और भी चौंक जाएंगे।
आपके घर में जितनी बड़ी रसोई होती है, क्या उतनी जगह में 400-500 लोग आ सकते हैं?
नहीं न !!!
अच्छा ये बताइए, क्या रसोई जितनी जगह में 2 हजार, 3 हजार लोग आ सकते हैं?
नहीं न !!!
मुझे भी पता है। लेकिन पहले देश में कागजों पर ऐसा ही हो रहा था। रसोई जितनी जगह से देश में चार-चार सौ, पाँच-पाँच सौ कंपनियां चल रही थीं। कागज परइन कंपनियों के कई-कई कर्मचारी भी होते थे।
ये कंपनियां किस काम में आती थीं? इधर का काला धन उधर। उधर का काला धन इधर। यही इनका काम था।
हमारी सरकार ने ऐसी साढ़े तीन लाख से ज्यादा संदिग्ध शेल कंपनियों को बंद कर दिया है।
ये काम भी पहले हो सकता था। लेकिन नीयत नहीं थी, युवा भारत वाली सोच नहीं थी।
हम समस्याओं का समाधान चाहते हैं, उन्हें लटकाए रखना नहीं चाहते।
GST हो, गरीबों को आरक्षण का फैसला हो, रेप के जघन्य अपराधों में फांसी का कानून, हमारी सरकार इसी युवा सोच के साथ लोगों की बरसों पुरानी मांगों को पूरा करने का काम कर रही है।
साथियों,
20वीं सदी के 50 साल और 21वीं सदी के 15-20 साल, हमें दशकों पुरानी समस्याओं के साथ जीने की जैसे आदत हो रही थी।
किसी भी देश के लिए ये स्थिति ठीक नहीं। हम भारत के लोग, ऐसा नहीं होने दे सकते। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने जीते जी इन समस्याओं से देश को मुक्त करें।
हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को, ऐसी समस्याओंमें उलझाकर जाएंगे, तो देश के भविष्य के साथ अन्याय करेंगे। हम ऐसा नहीं होने दे सकते।
और इसलिए, मैं आने वाली पीढ़ियों के लिए, देश के युवाओं के भले के लिए, सारे राजनीतिक प्रपंचों का सामना कर रहा हूं।
मैं इन लोगों की सारी साजिशों को नाकामयाब कर रहा हूं, ताकि देश कामयाब हो सके। मैं सारी आलोचना, सारी गालियां सामने आकरखा रहा हूं, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को इस स्थिति से नहीं गुजरना पड़े।
मैं हर गाली के लिए, हर आलोचना के लिए, हर जुल्म सहने के लिए तैयार हूं लेकिन देश को इन परिस्थितियों में अटकाए रखने के लिए तैयार नहीं।
आजकल ये लोग प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं, विदेशी मीडिया के अपने जैसे लोगों द्वारा ये फैला रहे हैं कि हमारी सरकार ने जो फैसले लिए, उसने मोदी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई है।मोदी इन बातों के लिए पैदा ही नहीं हुआ है। ये लोग बदलते हुए भारत को, समझ ही नहीं पाए हैं।
इनके दबावों का सामना करते हुए मुझे बरसों बीत गए हैं। जितना ये लोग खुद को नहीं जानते, उससे ज्यादा मैं इनकी रग-रग से औऱ हर तिकड़म से वाकिफ हूं। इसलिए ये लोग किसी भी भ्रम में न रहें।
साथियों,
अनेकों समस्याओं की बेड़ियों में जकड़ा हुआ देश, आगे कैसे बढ़ेगा?
हम समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं और बेड़ियों को भी तोड़ रहे हैं।
ये देश हमें ही मजबूत बनाना है, हमें ही इसे विकास की नई ऊँचाई पर पहुंचाना है।
साल 2022 में, जब हम अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएंगे, तब ऐसी अनेक समस्याओं से हमें देश को हमेशा-हमेशा के लिए मुक्त कर देना है।
स्वतंत्रता के बाद से चली आ रही समस्याओं से ये मुक्ति ही इस दशक में नए भारत को सशक्त करेगी।
जब देश पुरानी समस्याओं को समाप्त करके आगे बढ़ेगा, तो उसका सामर्थ्य भी खिल उठेगा।
भारत की ऊर्जा वहां लगेगी, जहां लगनी चाहिए।
चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत को, युवा भारत को बहुत बड़ी भूमिका निभानी है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई पर ले जाना है।
हमें मिलकर एक आत्मनिर्भर, सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित भारत बनाना है।
साथियों,
वर्ष 2022, इतना बड़ा अवसर है, ये दशक इतना बड़ा अवसर है। इसकी सबसे बड़ी ताकत हमारी युवा ऊर्जा है। इसी ऊर्जा ने हमेशा देश सँभाला है और यही ऊर्जा इस दशक को भी संभालेगी।
आइए, कर्तव्य पथ पर बढ़ चलें।
समस्याओं के समाधान के आगे, अब राष्ट्र निर्माण की नई मंजिलें हमारा इंतजार कर रही हैं।
इन मंजिलों पर हम मिलकर पहुंचेंगे, जरूर पहुंचेंगे, इसी विश्वास के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
आपका बहुत लंबा समय मैंने लिया।
एक बार फिर बहुत-बहुत धन्यवाद।
भारत माता की जय !!!
जय हिंद !!!