मुंबई : टाटा मोटर्स ने इंडिया की अपनी इलेक्ट्रिक एसयूवी-नेक्सॉन ईवी का मुंबई में अनावरण किया। यह एसयूवी उन सभी व्यक्तिगत कार के खरीदारों की पसंद की कसौटी पर खरी उतरेगी, जो गाड़ी चलाते समय रोमांच के साथ कनेक्टेड ड्राइविंग का शानदार अनुभव चाहते हैं। यह इलेक्ट्रिक एसयूवी पर्यावरण के लिहाज से बेहद अनुकूल है। आधुनिक जिपटॉन टेक्नोलॉजी से लैस यह इलेक्ट्रिक वाहन सक्षम हाई वोल्टेज सिस्टम, शानदार परफॉर्मेंस, लंबी-चौड़ी रेंज, फास्ट चार्जिंग की सुविधा, ज्यादा लंबी बैटरी लाइफ और जबर्दस्त सुरक्षा फीचर्स से लैस किया गया है। इस एएसयू को जनवरी 2020 में लॉन्च किया जाएगा। नेक्सॉन ईवी की कीमत 15 से 17 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
कंपनी की इलेक्ट्रिक एसयूवी को पेश करने के लिए आयोजित किए गए समारोह में टाटा मोटर्स के एमडी और सीईओ श्री गुएंटर बुश्चेक ने कहा, “आधुनिक ईवी टेक्नोलॉजी, जिपट्रॉन को लॉन्च करने के बाद हमें अपने पहले इलेक्ट्रिक वाहन नेक्सॉन ईवी से लोगों को रूबरू कराते हुए बेहद खुशी हो रही है, जिसमें इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह शानदार परफॉर्मेंस देने वाला कनेक्टेड व्हीकल है, जिसे भारतीय उपभोक्ताओं की उम्मीदों, अरमानों और जरूरत को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने के रास्ते में आ रही सारी अड़चनों और रुकावटों को खत्म कर देगा। हमें पूरा विश्वास है कि यह भारत में वाहनों के इलेक्ट्रिफिकेशन के क्षेत्र में मील का पत्थर बनकर उभरेगा। इससे भारत के लिए स्थिर और जिम्मेदारी पूर्ण ढंग से यातायात के साधनों को विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।”
नई नेक्सॉन ईवी का डिजाइन काफी बोल्ड और बेहतरीन है, जोकि इंपैक्ट डिजाइन 2.0 की भाषा को जीवंत करती है। यह नया डिजाइन नेक्सॉन के पहले से ही मजबूत और सार्थक अंदाज को और उभारता है। इससे सड़क पर शान से चलती नेक्सॉन भीड़ में बाकी बाहनों से बिल्कुल अलग नजर आएगी। टाटा की नई एसयूवी नेक्सॉन ईवी में पतली और चौड़ी ग्रिल के साथ लाइटें लगाई गई हैं। कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन में ग्रिल और लाइटिंग नए सिरे अंदाज में लगाई है।
Tuesday, December 24, 2019
टाटा मोटर्स ने पेश किया भारत का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल 'नेक्सॉन ईवी'
शिवपुरी पुलिस कन्ट्रोल रूम में किशोर सशक्तिकरण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
*जानिए क्या है एनआरसी? यदि यह 9 दस्तावेज हैं आपके पास, तो आप हैं भारत के नागरिक।*
मां छाया है खुशियों की, पिता सुहानी धूप
Thursday, December 19, 2019
ना दिख मजबूर
जुनून जश्न कामयाबी का 2019 का आयोजन हरदा जिले की प्रताप टॉकीज में संपन्न हुआ
Tuesday, December 17, 2019
स्त्री : रहम की मोहताज नहीं, असीमित शक्तियों का भण्डार
आदिकाल से लेकर वर्तमान तक ग्रन्थों का अध्ययन किया जाए तो पता चलता है कि हर स्त्री के भीतर बहुत सारी ऊर्जा और असीमित शक्तियाँ होती हैं, जिनके बारे में कई बार वो अनभिज्ञ रहती है। आज स्त्री को सिर्फ आवश्यकता है आत्मविश्वास की यदि उसने खुद के 'बिलपावर' को स्ट्राँग बना लिया तो कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा। स्त्री को जरूरत है अपनी ऊर्जा, स्टैमिना, क्षमताओं को जानने-परखने की। काश! ऐसा हो जाता तो महिलाओं के साथ अभद्रता, दरिन्दगी, रेप, गैंगरेप और हत्या जैसी अप्रिय एवं दुःखद, अमानवीय घटनाओं पर काफी हद तक नियंत्रण लगता। समाज में छुपे रहने वाले दरिन्दों की विकृत मानसिकता का हर 'सबला' मुँह तोड़ जवाब दे सकती है, इसके लिए उसे स्वयं को पहचानना होगा। साथ ही समाज के स्त्री-पुरूष दोनों को रूढ़िवादी विचार धारा का परित्याग करना होगा।
पूरी दुनिया में आधी आबादी महिलाओं की है बावजूद इसके हजारों वर्षों की चली आ रही परम्परा बदस्तूर जारी है। सारे नियम-कानून महिलाओं पर लागू होते हैं। जितनी स्वतंत्रता लड़को को मिल रही है, उतनी लड़कियों को क्यों नहीं? बराबरी (समानता) का ढिंढोरा पीटा तो जा रहा है, लेकिन महिलाओं पर लगने वाली पाबन्दियाँ कम नहीं हो रही हैं। लड़कों जैसा जीवन यदि लड़कियाँ जीना चाहती हैं तो इन्हें नसीहतें दी जाती हैं, और इनके स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं। उन पर पाबन्दियाँ लगाई जाती हैं। बीते महीने कश्मीर की प्रतिभाशाली लड़कियों के रॉक बैण्ड 'परगाश' पर प्रतिबन्ध लगाया गया। ऐसा क्यों हुआ? यह बहस का मुद्दा भले ही न बने लेकिन शोचनीय अवश्य ही है।
समाज के मुट्ठी भर रूढ़िवादी परम्परा के समर्थक अपनी नकारात्मक सोच के चलते लड़कियों की स्वतंत्रता को परम्परा विरोधी क्यों मान बैठते हैं? क्या स्त्री-पुरूष समानता के इस युग में लड़के और लड़कियों में काफी अन्तर है। क्या लड़कियाँ उतनी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान नहीं हैं, जितना कि लड़के। वर्तमान लगभग हर क्षेत्र में लड़कियाँ अपने हुनर से लड़कों से आगे निकल चुकी हैं और यह क्रम अब भी जारी है। आवश्यकता है कि समाज का हर वर्ग जागृत हो और लड़कियों को प्रोत्साहित कर उसे आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें। आवश्यकता है कि हर स्त्री-पुरूष अपनी लड़की संतान का उत्साहवर्धन करे उनमें आत्मविश्वास पैदा करे जिसके फलतः वे सशक्त हो सकें। दुनिया में सिर ऊँचा करके हर मुश्किल का सामना कर सकें। लड़की सन्तान के लिए बैशाखी न बनकर उन्हें अपनी परवरिश के जरिए स्वावलम्बी बनाएँ। लड़का-लड़की में डिस्क्रिमिनेशन (भेदभाव) करना छोड़ें।
गाँव-देहात से लेकर शहरी वातावरण में रहने वालों को अपनी पुरानी सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। लड़कियों को चूल्हा-चौके तक ही सीमित न रखें। यह नजरिया बदलकर उन्हें शिक्षित करें। सनद लेने मात्र तक ही नहीं उन्हें घर बिठाकर शिक्षा न दें लड़कों की भाँति स्कूल/कालेज अवश्य भेजे। अब समाज में ऐसी जन-जागृति की आवश्यकता है जिससे स्त्री विरोधी, कार्यों मसलन भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा स्वमेव समाप्त हो इसके लिए कानून बनाने की आवश्यकता ही न पड़े। महिलाओं को जीने के पूरे अधिकार सम्मान पूर्वक मिलने चाहिए। जनमानस की रूढ़िवादी मानसिकता ही सबसे बड़ी वह बाधा है जो महिला सशक्तीकरण में आड़े आ रही है। महिलाएँ चूल्हा-चौका संभाले, बच्चे पैदा करें और पुरूष काम-काज पर निकलें यह सोच आखिर कब बदलेगी?
मैं जिस परिवार से हूँ वह ग्रामीण परिवेश और रूढ़िवादी सोच का कहा जा सकता है, परन्तु मैने अपनी दृढ़ इच्छा-शक्ति से उच्च शिक्षा ग्रहण किया और आज जो भी कर रही हूँ उसमें किसी का हस्तक्षेप मुझे बरदाश्त नहीं। कुछ दिनों तक माँ-बाप ने समाज का भय दिखाकर मेरे निजी जीवन और इसकी स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास किया परन्तु समय बीतने के साथ-साथ अब उन्हीं विरोधियों के हौंसले पस्त हो गए। मैं अपना जीवन अपने ढंग से जी रही हूँ, और बहुत सुकून महसूस करती हूँ। मैं बस इतना ही चाहती हूँ कि हर स्त्री (महिला) सम्मानपूर्वक जीवन जीए क्योंकि यह उसका अधिकार है।
इतना कहूँगी कि गाँवों में रहने वाले माँ-बाप अपनी लड़की संतान को चूल्हा-चौका संभालने का बोझ न देकर उन्हें भी लड़कों की तरह पढ़ाए-लिखाएं और शिक्षित बनाएँ ताकि वे स्वावलम्बी बनकर उनका नाम रौशन कर सकें। माँ-बाप द्वारा उपेक्षित लड़की संतान 'डिप्रेसन' से उबर ही नहीं पाएगी तब उसे कब कहाँ और कैसे आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। जब महिलाएँ स्वयं जागरूक होंगी तो वे समय-समय पर ज्वाला, रणचण्डी, गंगा, कावेरी, नर्मदा का स्वरूप धारण कर अपने शक्ति स्वरूपा होने का अहसास कराती रहेंगी उस विकृत समाज को जहाँ घृणित मानसिकता के लोग अपनी गिद्धदृष्टि जमाए बैठे हैं। आवश्यकता है कि स्त्री को स्वतंत्र जीवन जीने, स्वावलम्बी बनने का अवसर बखुशी दिया जाए ऐसा करके समाज के लोग उस पर कोई रहम नहीं करेंगे क्योंकि यह तो उसका मौलिक अधिकार है। न भूलें कि नारी 'अबला' नहीं 'सबला' है, किसी के रहम की मोहताज नहीं।
रीता विश्वकर्मा
Sunday, December 15, 2019
गन्ना बकाया भुगतान पर किसानों ने कहा कोर्ट निगरानी करे
*NDA 2019 रिजल्ट घोषित होने पर छात्रों का सम्मान समारोह सैन्य बलों में सेलेक्शन को लेकर वारियर्स डिफेंस एकेडमी (WDA) के छात्रों का सम्मान समारोह*
भारतीय पत्रकार संघ की उत्तराखंड प्रदेश इकाई का गठन।
Tuesday, December 10, 2019
GST "सबकाविश्वास (विरासत विवाद समाधान)योजना, 2019"एवं GST नए रिटर्न पर कार्यशाला संपन्न
जी.एस.टी. पूर्व के केंद्रीय उपाद शुल्कएवं सेवाकर के बकाये एवं विवादित मामलों पर निपटारा करने हेतु सरकार ने उत्पादशुल्क सेवाकर की माफ़ी ब्याज, अर्थदंड एवं अभियोजन, जेल सजा कार्यवाही सेमुक्ति प्रदान करने कीयोजना प्रस्तुत की है।बकायेदार इस योजना का लाभ 31 दिसम्बर तक प्राप्त कर सकते है। केंद्रीय जी.एस.टी. भवन में हेल्पडेस्कस्थापित किये गए है। जी.एस.टी. विभाग के अधिकारी कार्यदिवस पर बकायेदारों को लाभ पहुंचाने हेतु मौजूद है। यह एक सुनहरा अवसर कारोबारियों के हितों में सरकार द्वारा प्रदान किया गया है। अप्रैल, 2020 से GST के नए रिटर्न को पोर्टल पर दाखिल किया जाना अनिवार्य किया जा रहा है। जनवरी, 2020 से पोर्टल पर ट्रायल हेतु सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।नए रिटर्न दाखिले से कारोबारियों एवं सेवाप्रदाताओं को ITC मिसमैच देखने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।दोनों विषयों पर तकनीकी सत्र में GST विभाग के अधिकारियों अपना व्याख्यान प्रस्तुत कर रहे है एवं शंकाओं का समाधान करेंगे।उक्त विचार मर्चेंट्स चैम्बर ऑफउत्तर प्रदेश द्वारा कानपुर इनकम टैक्सबार एसोसिएशन एवं कानपुर चार्टर्डड एकाउंटेंट्स सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यशाला में श्री पी.के. कटियार, आयुक्त, केंद्रीय जी.एस.टी., कानपुर, ने व्यक्त किये।
प्रथमतकनीकी सत्र में GST विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर, श्रीमति पंकज मीनाजीद्वारा"सबकाविश्वास (विरासत विवाद समाधान)योजना, 2019" केसम्बन्ध मेंविस्तारपूर्वकमुख्यउपयोगीजानकारीसेअवगतकराया गया।
उत्पाद शुल्क एवंसेवा कर के 30 जून, 2019 तक निर्धारित एवं बकायेमामले में इस योजना का लाभ कारोबारी एवं सेवाप्रदाता उठा सकते है। 50 लाख तक के अधिनिर्णयन अथवा अपील मामलेमें 50% उत्पाद शुल्क एवं सेवाकर में 70% तककी छूट दी गयी है केवल 30% ही जमा करना कराना होगा। 50 लाख या उससे अधिक के मामलों में 50% तक छूट दी जाएगी तथा शेष 50% जमा करना होगा। यह छूटअधिनिर्णयन अथवा अपील ले लंबित मामले में लागू होगी। अन्य बकाया राशिके मामले में 50लाख तक 60% की छूट दी जाएगी एवं अन्य मामलों में यह 40% तककी छूट दी जाएगी। ब्याज, अर्थदंड एवं जेल की सजा पूर्ण रूप से माफकर दी जायेगी। प्रार्थना पत्र के आवेदन परअंतिम निर्णय 60 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा। इस योजना का लाभ एक्साइज ड्यूटी की चौथीअनुसूची में उल्लिखित उत्पाद शुल्क योग्य माल से सम्बंधित मामलेजैसे तम्बाकू, तम्बाकू उत्पाद, पेट्रोल आदि,पर नहीं मिलेगा।दोषपूर्ण रिफंड के मामले एवं निपटानआयोग के समक्ष लंबित मामले में भीइस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
तकनीकी सत्र के f}तीय विषय पर श्री विजेंद्र मीना, सहायक आयुक्त, ने GST मेंनए रिटर्न पर विस्तार से पावर-पॉइंट प्रस्तुति से बताया कि ट्रायल दाखिला जनवरी 2020 से लागू एवं प्रभावी किया जा रहा है।विभाग, करदाताओंएवं सेवाप्रदाताओ को आवश्यकता पड़ने पर प्रशिक्षित भी करेगा। अप्रैल, 2020 में GST केनए रिटर्न पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य किया गया है। GST कानया रिटर्न "RET-1" पोर्टल पर अपलोड होगा। "ए.एन.एक्स-1" मेंपंजीकृत करदाताओं एवं सेवाप्रदाताओं के इन्वॉयस अपलोड किये जाएंगे। कारोबारियों एवंसेवाप्राप्तकर्ता को सप्लाई उनके "ए.एन.एक्स-2" में पोर्टल में दिखाई देगी। यह पोर्टल पर ऑटोपापुलेटेड होगी।
यदि विक्रेता सांगत अवधि में इनवॉइस अपलोड नहीं कर पाया है तो अगले टैक्स अवधि में अपलोड कर सकता है। विक्रेता या सेवा प्रदाता यदिअपना GST रिटर्न दाखिल नहीं कर रहा है तब इसके संकेत क्रेता को पोर्टल परमिलने लगेंगे।
विक्रेता को सूचित कर उसे रिटर्न दाखिलेके लिए कहना होगा। यदि लगातार 2 टैक्स अवधि तक विक्रेता या सेवाप्रदाता GST रिटर्नदाखिल नहीं करेगा तब क्रेता, कारोबारी या सेवा प्राप्तकर्ता को आई.टी.सी. क्रेडिट का लाभ अनुमन्य नहीं होगा। यहसावधानी अब कारोबारियों को बरतनी होगी।
"ए.एन.एक्स-2" में संशोधन अंतिमरिटर्न "RET-1" दाखिल करने से पूर्व विक्रेता यासेवाप्रदाता अब नए रिटर्न प्रक्रिया में कर सकेगा। सबसे महत्त्वपूर्ण तथ्य यह हैकि यदि पोर्टल पर अपना परचेस रजिस्टर अपलोड करेंगे तब उन्हेंआई.टी.सी.कामिसमैच पोर्टल पर दिखने लगेगा।
वित्तीय वर्ष की समाप्ति के उपरान्त उस वित्तीयवर्ष में कमीं या गलती आदि सुधारने हेतु अगले वित्तीयवर्ष के सितम्बर माह तक के रिटर्न में पूर्व की भाँती की जा सकती है। किन्तु इसकेलिए पोर्टल पर अब नए फॉर्म "Form RET-1 A " परअपलोड करना होगा।
शंका-समाधान सत्र में GST विभागमें अधिकारियों द्वारा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, अधिवक्ताओं, कारोबारियों की शंकाओं कासमाधान किया गया।GST कार्यशालाकी अध्यक्षता मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री मुकुल टंडन, नेकिया। कार्यशाला का संचालन चैम्बर की जी.एस.टी. कमेटीकेचैयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने किया एवं आभार कानपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट्ससोसाइटी के अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर केंद्रीय GST विभागके अधिकारी जॉइंट कमिश्नर जीतेन्द्र सिंह, सुप्रिनटेंडेंटविवेक गुप्ता, श्री अजय श्रीवास्तव, श्री संदीप बाली, श्रीकिशोर, श्रीएस.के. चौधरी आदि उपस्थित थे। K.I.T.B.A. के अध्यक्ष श्री दीप कुमार मिश्रा एवंमहामंत्री श्री राजीव कुमार गुप्ता, K.C.A.S. के अध्यक्ष श्री ज्ञान प्रकाश गुप्ताएवं महामंत्री अखिलेश तिवारी, श्री शरद शाह, श्री महेंद्र नाथ मोदी, श्रीसुशील शर्मा, श्री अविनाश चतुर्वेदी आदि मुख्य रूप सेउपस्थित थे।
मानव बनने के लिये, मानवीय गुण भी अपनायें-सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
कानपुर | सन्तों महात्माओं का यही सलीका रहा है कि वह हमेशा सभी को एक ही दृष्टि से देखते हैं कभी भी भेदभाव नहीं करते हैं। वह इस बात को भली भाँति जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य के स्वभाव अलग अलग हो सकते हैं परन्तु हमें किसी के साथ व्यवहार में फर्क नहीं लाना है। क्योंकि परमात्मा सभी के अन्दर एक जैसा ही है चाहे मनुष्य किसी भी जाति, मजहब, वर्ण, आश्रम संस्कृति से तालुक रखता हो।
उपरोक्त उदगार निरंकारी सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने निराला नगर स्थित रेलवे ग्राउण्ड में आयोजित विशाल निरंकारी सन्त समागम में उपस्थित हजारों श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमियों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये।
सदगुरू माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य को यह एक जैसी दृष्टि ब्रह्मज्ञान के उपरान्त ही प्राप्त हो सकती है। ब्रह्मबोध होते ही हमें अपने वजूद का भी ज्ञान हो जाता है और फिर हम शरीरों से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य में आत्मा (रूहों) के दर्शन करने लगते हैं जो कि पारबह्म परमात्मा का ही अंश है। इस प्रकार फिर नर-नारी के अलग अलग होने का भी भेद समाप्त हो जाता है और सभी के साथ इंसानियत वाला व्यवहार होने लगता है एवं हमारे अन्दर प्रेम, भाईचारा, सहनशीलता, सदभाव जैसे दिव्य गुणों का समावेश हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन को हमेशा से श्रेष्ठ कहा गया है तो हमारे कर्म भी श्रेष्ठ होने चाहिये। हर परिस्थिति में हमें अपनी मनोस्थिति को कायम रखना है। संतो महात्माओं का हमेशा से ऐसा ही जीवन रहा है। वे कभी भी परमात्मा से शिकवा शिकायत नहीं करते हमेशा परमात्मा की कृपा का गुणगान ही करते है और ऐसा ही भक्ति भरा वातावरण यहां पर देखने को मिल रहा है।
दिल्ली से चलकर आये आदरणीय रमित जी ने कहा कि हम अपने मन मुताबिक कर्म न करके सदगुरू के द्वारा दिये गये ब्रहाज्ञान के अनुरूप जीवन जीने का प्रयास करें।
इस अवसर पर कानपुर के जोनल इंचार्ज पूज्य सुशील पुरी जी ने सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को धन्यवाद अर्पित किया एवं समस्त आये हुये श्रद्धालु भक्तों का आभार प्रकृट किया। अपने भाव रखते हुये उन्होंने कहा कि सन्त निरंकारी मिशन सभी पवित्र ग्रन्थों में स्थापित मान्यता पर ही आधारित है कि मानव शरीर का परम लक्ष्य आत्म बोध है जिसे सद्गुरू की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर कई श्रद्धालु भक्तों ने गीत, कविता, व्याखानों द्वारा अपने भाव प्रस्तुत किये। इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त सेवादल के भाई बहनों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। दूर दूर से चलकर आये श्रद्धालु भक्तों के लिये लंगर का भी प्रबन्ध किया गया। मंच संचालन पूज्य बृजेश वर्मा जी ने किया।
उबलता लहू
मन का मैला बना विषैला
फिरता है मारा मारा
विक्षिप्त हो चुके मनः स्थति
गंद भरती उसकी उपस्थिति।
बिगड रहे हालात अब
लोकतंत्र की न लाज अब
हर तरफ घूरती आँखे
टकटकी लगाये सूनसान कब।
बस रहा शैतानो की वस्ती
लूटपाट से हो रही मस्ती
शरीफो के दो जून का मुहाल
एक मँहगाई दूजे समाज बुराहाल।
देखो भारत की दशा
भला किसने बनाई
जहाँ पूजी जाती है नारी
वहाँ कैसे फैल रहे दुराचारी।
तंत्र का कही तो स्क्रू ढीला
कसना होगा जोरो से
जगे रहो देशवासियों
खुद निपटो ऐसे भेडियों से।
जगो तुम भी जननी अब
अपनी अबला की पहचान छोडो
वो झांसी की रानी बनकर
उन दुराचारियो से निपटना सीखो
भरोसा रखो वतन पर
निदान अवश्य निकलेगा
नारी की गिरती सम्मान की खातिर
हर बंदे का लहू उबलेगा।
आशुतोष
पटना बिहार
साजिश के तहत भजन करने वाले साधु संतों का उत्पीडन कर रहा है साधुभेषधारी, केसी गौड़
साधुभेषधारी के अत्याचार को लेकर लामबंद हुए राधाकुण्ड के लोग
पचांयत बुलाकर साधुभेषधारी के काले कारनामों की खोली पोल
डॉ केशव आचार्य गोस्वामी विद्रोही अयोध्या टाइम ब्यूरो 9 दिसंबर 2019
गोवर्धन। साधुभेषधारी केशव दास के बढते अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिये कस्वा राधाकुण्ड के लोग एक जुट होकर कानूनी लडाई लडने के लिये रणनीति बना रहे है। रविवार को कस्वा राधाकुण्ड के लोगों ने आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से पचायत बुलाकर एक बैठक आयोजित की। जिस बैठक में साधुभेषधारी केशव दास के कालेकारनामों का काला चिट्ठा समाज के सामने रखते हुए समाजसेवी केसी गौड़ ने बताया कि केशव दास भू-माफिया किस्म का शातिर अपराधी है। केशव दास पर एक युवती के साथ दुराचार करने तथा दीपिका नामक एक साध्वी की हत्या करने जैसे तमाम केस न्यायालय में विचाराधीन है। लेकिन पुलिस ऐसे आरोपी को खुला संरक्षण दे रही है। चन्द्र विनोद कौशिक ने कहा कि साधु भेषधारी केशव दास के काले कारनामों की जांच होनी चाहिए। केशव दास के अत्याचारों से संत समाज व स्थानीय लोग परेशान है। मुडिया संत रामकिशन दास ने कहा कि श्रीराधा ब्रज विहारी मन्दिर के महंत के खिलाफ गोवर्धन थाने में दर्ज कराए गए अमानत में खयानत के मुकदमा में बड़ी साजिश की बू आ रही है। कस्वा राधाकुंड की प्राचीन रघुनाथ दास गद्दी आश्रम पर कुछ कथाकथित साजिश रचकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर उत्पीड़न करा रहे हैं। विदित रहे कि ब्रज विहारी मन्दिर के महंत श्यामसुंदर दास करीव दो माह पूर्व बिना किसी को जानकारी दिए उत्तराखण्ड साधना करने चले गए । मंहत के फोन स्विच बन्द आने पर उनके अनुयायी शिष्यों में चिंता व्यक्त करते हुए अनहोनी की असंका में गोवर्धन थाने पर उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी तथा एक शिष्य ने महंत के अपहरण की असंका जताते हुए मीडिया को जानकारी दी। जिससे महंत के विरोधियों में हड़कम्प मच गया। विरोधियों ने अपने आप को घिरता देख बचने के लिए तथाकथितों के सहयोग से श्यामसुंदर दास के खिलाफ अमानत में खयानत यानि तीस लाख रुपये गवन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। और श्यामसुंदर दास के राधाब्रज विहारी मन्दिर पर कब्जा कर लिया। दरअसल पिछले कई बर्षो से राधाकुंड में इन साधु भेष धारियों ने शान्ति व्यवस्था पूर्ण से भंग कर रखी है। सम्पत्ति को लेकर साधुभेषधारी भूमाफिया पूर्व में कई भजन करने वाले साधु संतों का घोर उत्पीड़न कर चुका है। पैसे और दबंगई की हनक से साधुभेषधारी भूमाफिया सच्चाई को दवाने के लिए कथाकथितों का सहारा लेकर धरना प्रदर्शन कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर बच निकलता है। लेकिन इस बार समाज अगर एक जुट हुआ तो निश्चित साधुभेषधारी अत्याचारी के अत्याचार से संत समाज एवं स्थानीय लोगों को मुक्ति मिल जायेगी। बैठक में चेयरमेन खैमचन्द्र शर्मा ने कहा कि आज समय आ गया है एक जुट होकर समाज विरोधी लोगों को सबक सिखाने का, अत्याचार के खिलाफ संगठित होना जरूरी है। इस अवसर पर कौन्हई प्रधान अमर सिंह, कालीचरण कुन्जेरा, योगेश नीमगांव, सभासद छत्तर चैधरी, महेन्द्र गौस्वामी, विनोद मैम्बर, भूरा चैधरी, खैलन, छैलविहारी गौस्वामी आदि। हाई प्रोफाइल केस के कैमरामैन गौरव कृष्ण गोस्वामी के साथ डॉक्टर केशव आचार्य गोस्वामी यूपी न्यूज़ गोवर्धन मथुरा से स्पेशल रिपोर्ट
आयी शर्दियाँ
क्या लिखूँ? (कविता)
गरीब (कविता)
Friday, December 6, 2019
आधुनिक समय और आज की माँ
क्या लिखूँ?
गरीब बेटियों व बेटो के सपनो साकार करने के लिए आगे आया.उस्मान हुनर इंस्टिट्यूट
मोहम्मद रिज़वान अंसारी की कलम से
जहाँ बच्चों को मिलती हैं फ्री शिक्षा और हुनर
शुक्लागंज उन्नाव। आज की गरीबी में बेटी बेटो की पढाईयो के खर्च पूरे न होने पर परिवार को उनकी पढ़ाई रोकना पडती है कहि न कही बच्चों के अपने सपने भी बचपन मे जो सुने होते हैं कि मेरे बेटा डॉक्टर बनेगा बेटी फैशन डिजाइनर बनेगी इंग्लिश में बात करेंगे ये सपने अक्सर मा बाप बच्चों के साथ देखते हैं लेकिन बच्चे के बड़े होने तक धीरे धीरे ये सपने परिवार की परेशानियों के आगे टूट जाते हैं इन्ही सपनो को लेकर आज हुनर इंस्टीट्यूट के उस्मान ने इन गरीबो को हुनर और फ्री स्पीकिंग फ्री फैशन डिजाइनर के कोर्स कराने की शुरुवात की जो कि लगभग 1 वर्ष पूर्व इसकी शुरुवात की थी वो शुरवात आज कहि न कही 1 रोशनी की तरह उम्मीद की किरण बनकर सामने आने लगी इस कार्य को हुनर इंस्टीट्यूट को 1 वर्ष पूरे होना पर हुनर इंस्टिट्यूट के चेयरमैन उस्मान ने मेघावी छात्र छात्राओं को पुरुस्कार देकर उनका हौसला बढ़ाया और संस्था के द्वारा युही गरीबो की मदद के लिए तातपर्य रहने का प्रयत्न किया|
Monday, December 2, 2019
मरा हुआ सिस्टम , सोई हुई कौम बताओ तुमको बचाएगा कौन ?
मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी
मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी
बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी मैं
क्या लड़की हूँ,
बस इसी लिये गुनहगार थी मैं
कुछ कहते हैं छोटे कपड़े वजह हैं
मैं तो घर से कुर्ता और सलवार पहनकर चली थी
फिर क्यों नोचा गया मेरे बदन को
मैं तो पूरे कपडों से ढकी थी
मैंने कहा था सबसे
मुझे आत्मरक्षा सिखा दो
कुछ लोगों ने रोका था
नहीं है ये चीजें लड़की जात के लिए कही थी
मुझे साफ-साफ याद है
वो सूरज के आगमन की प्रतीक्षा करती एक शांत सुबह थी
जब मैं स्कुटी में बैठकर घर से चली थी
और मेरी स्कुटी खराब हो गई थी तो स्कुटी के साथ कुछ मुल्लों की नियत भी खराब हो गई थी
मैं उनके सामने गिड़गिड़ाई थी
अलग बगल में बैठे हर इंसान से मैंने
मदद की गुहार लगाई थी
जिंदा लाश थे सब,
कोई बचाने आगे न आया था
आज मुझे उन्हें इंसान समझने की अपनी सोच पर शर्म आयी थी
फिर अकेले ही लड़ी थी मैं उन हैवानों से
पर खुद को बचा न पायी थी
उन्होंने मेरी आबरू ही नहीं मेरी आत्मा पर घाव लगाए थे
एक स्त्री की कोख से जन्मे दूसरी को जीते जी मारने से पहले जरा न हिचकिचाए थे
खरोंचे जिस्म पर थी और घायल रूह हुई थी
और बलात्कार के बाद मुझे जिंदा जलाया गया उस समय किसी के आँख में पानी नहीं था कितना कष्ट हुआ मेरे रूह को क्या मेरी कोई जिंदगानी नहीं थी मेरे कोई सपने नहीं थे ?
अंत में
मरा हुआ सिस्टम , सोई हुई कौम
बताओ प्रियंका तुमको बचाएगा कौन ?
तुरन्त मुकदमें का निपटारा
बहुत पहले एक कहानी पढ़ी थी कि एक दफा बीजिंग शहर के एक मुहल्ले में एक युवती का बलात्कार हुआ। ये खबर किसी तरह चेयरमैन क्रांतिकारी माओ त्से तुंग तक पहुंची। वह खुद पीड़ित लड़की से मिले। उन्होंने उस लड़की से पूछा "जब तुम्हारे साथ जबरदस्ती किया जा रहा था तो तुम मदद के लिये चिल्लाई थी?" लड़की ने हां में सर हिलाया।
चेयरमैन माओ ने उस लड़की के सर पर प्यार से हाथ रखा और नरमी से कहा "मेरी बच्ची! क्या तुम उसी ताक़त के साथ दोबारा चिल्ला सकती हो?" लड़की ने कहा "जी हां।"
चेयरमैन माओ के आदेश पर कुछ सिपाहियों को आधे किलोमीटर के सर्कल में खड़ा कर दिया गया और उसके बाद लड़की से कहा कि अब तुम उसी ताक़त से चीखो। लड़की ने ऐसा ही किया माओ ने उन सिपाहियों को बुलाया और हर एक से पूछा गया कि लड़की की चीख सुनाई दी या नहीं? सभी सिपाहियों ने कहा कि लड़की की चीख सुनाई दी गई।
चेयरमैन माओ ने अब सिपाहियों को आदेश दिया कि आधे किलोमीटर के उस इलाक़े के तमाम मर्दों को गिरफ्तार कर लिया जाए और तीस मिनट के अंदर अगर मुजरिम की पहचान न हो सके तो गिरफ्तार मर्दों को गोली मार दिया जाए।
फौरन आदेश का पालन हुआ और दिये गये मुहलत को बमुश्किल अभी दस मिनट ही हुए होंगे कि मुजरिम की पहचान हो गई और अगले बीस मिनट के अंदर अंदर मुजरिम को पकड़कर चेयरमैन माओ के सामने लाया गया। लड़की ने शिनाख़्त की मौक़े पर फैसला हुआ और मुजरिम का भेजा उड़ा दिया गया।
जुर्म से सज़ा तक की अवधि लगभग तीन घंटे की रही होगी। इसे कहते हैं फौरन इंसाफा मिलना जिस कारण आज चीन हर क्षेत्र में प्रगति पर है।
पता नही कौन मोमबत्तियाँ पकड़ना सिखा गए हमे,वरना नारी सम्मान मैं तो लंका दहन और महाभारत करने की संस्कृति रही है हमारी हमारी
Return टिकट तो कन्फर्म है
Return टिकट तो कन्फर्म है
इसलिये मन भरकर जीयें
मन में भरकर ना जीयें।
छोड़िए शिकायत
शुक्रिया अदा कीजिये
जितना है पास
पहले उसका मजा लीजिये
चाहे जिधर से गुज़रिये
मीठी सी हलचल मचा दीजिये
उम्र का हर एक दौर मज़ेदार है
अपनी उम्र का मज़ा लीजिये
क्योंकि
Return Ticket
_तो कन्फर्म है