Wednesday, October 16, 2019

उद्यानिकी विभाग देवास में महाघोटाला

अधिकारियों की मनमानी, योजनाओ की उड़ाई जा रही धज्जियां करोड़ों रुपए का किया घोटाला।


दैनिक अयोध्या टाइम (म.प्र.) संवादाता नितेश शर्मा के साथ अनिल पाटीदार की रिपोर्ट



देवास। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में करोड़ो का जमीनी घोटाला देखने को मिला । यह घोटाला मध्यप्रदेश के देवास जिले के उद्यानिकी विभाग में देखने को मिला। मध्यप्रदेश के देवास में उद्यानिकी विभाग में करोड़ो का जमीनी घोटाला हुवा है। उद्यानिकी विभाग में भाजपा सरकार में आई एक योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सन 2016,17 एवं 2016/17 में ड्रीप एरिगेशन में हुवा है। यह भ्रष्टाचार कम्पनियों ओर अधिकारियों की सांठ गांठ से हुवा है। इस सरकारी योजना में  किसानों के साथ खिलवाड़ हुवा है। किसानों के नाम से करोड़ो रुपयों का काला खेल अधिकारियों और कंपनियों की मिली भगत से खेला गया।किसानों के नाम से करोड़ो रुपयों का गमन विभाग के अधिकारियों ओर कम्पनियों के द्वारा किया गया ।
नियम के हिसाब से जहाँ किसानों को 1 हेक्टेयर पर 8400 मीटर नली मिलना थी वहाँ किसानों को केवल 2000 मीटर  नली भी नही मिली । और किसानों के यहाँ कंपनियों को सामान उनके खेत मे सिंचाई करने के लिये लगाना था वो भी कम्पनियो द्वारा लगा नही यह भ्रष्टाचार यही नही रुका किसानों से ना ही कृषक अंश की राशि ली गई। अधिकारियों ने इतना बड़ा जमीनी घोटाला कर दिया और सरकार को कानो कान तक खबर नही हुई। भाजपा शासन में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया। अब देखना होगा कि सत्ता परिवर्तन होने के बाद इन भ्रष्ट अधिकारियों और कंपनियों पर कब तक गाज गिरेगी । आखिर भाजपा शासन काल मे किसानों के साथ हुवे इस छलावे का जिम्मेदार कोंन है आखिर इतना बड़ा जमीनी घोटाला होने के बावजूत भी स्थानीय प्रशासन क्यों मौन है। क्यों जिम्मेदारो का धियान नही है। जबकि इस मामले की कई बार जांच हो चुकी है पर मामले को दबाने में लगे विभाग के आला अधिकारी। अगर इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाए तो करोड़ों का भ्रष्टाचार आम जनता के सामने होगा।



क्या कहते है नियम


1.किसानों को मिलना थी 1 हेक्टर पर 8400 मीटर नली पर किसानों को मिली 2000 मीटर नली


2.नियम के मुताबिक किसानो के खेत में होना थी सामग्री फीटिंग पर कम्पनियों के द्वारा नही की  खेतों में सामग्री फीटिंग


3.नियम के मुताबिक किसानों द्वारा लिया जाता है कृषक अंश जो कि नहीं लिया गया


4.नियम के मुताबिक किसानों के खेत में सामग्री फिटिंग होने के बाद होता है अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन जबकि एक किसान के खेत पर सामग्री फिटिंग कर समस्त किसानों की फोटोग्राफी की गई


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