Sunday, October 20, 2019

रेल का निजीकरण हर भारतीय पे असर डालेगा

रेलवे में निजीकरण होने पर


रेलवे टिकट खिड़की पर :...


यात्री : सर दिल्ली से लखनऊ का एक रिजर्व टिकट चाहिए। 


क्लर्क : ₹ 750/-


ग्राहक : पर पहले तो 400/- था!


क्लर्क : सोमवार को 400/- है, मंगल बुध गुरु को 600/- शनिवार को 700/- तुम रविवार को जा रहे हो तो 750/-


ग्राहक : ओह! अच्छा लोवर दीजियेगा, पिताजी को जाना है।


क्लर्क : फिर 50 रुपये और लगेंगे। 


ग्राहक : अरे! लोवर के अलग! साइड लोवर दे दीजिए। 


क्लर्क : उसके 25 रुपये और लगेंगे। 


ग्राहक : हद है! न टॉयलेट में पानी होता है, न कोच में सफ़ाई, किराया बढ़ता जा रहा है। 


क्लर्क : टॉयलेट यूज का 50 रुपये और लगेगा, शूगर तो नहीं है ना ? 24 घंटे में 4 बार यानी रात भर में 2 बार से ज़्यादा जाएंगे तो हर बार 10 रुपये एक्स्ट्रा लगेंगे।
 
ग्राहक : हैं! और बता दो भाई, किस-किस बात के पैसे लगने हैं अलग से। 


क्लर्क : देखो भाई, अगर फोन चार्ज करोगे तो 10 रुपये प्रति घंटा, अगर खर्राटे आएंगे तो 25 रुपये प्रति घंटा, और अगर किसी सुन्दर महिला के पास सीट चाहिए तो 100 रुपये का अलग चार्ज है।
अगर कोई महिला आसपास कोई खड़ूस आदमी नहीं चाहती है, तो उसे भी 100 रूपये अलग से देना पड़ेगा। एक ब्रीफकेस प्रति व्यक्ति से अधिक लगेज पर 20 रुपये प्रति लगेज और लगेगा। मोबाइल पर गाना सुनने की परमिशन के लिए 25 रुपये एक मुश्त अलग से। घर से लाया खाना खाने पर 20 रुपये का सरचार्ज़। उसके बाद अगर प्रदूषण फैलते हैं तो 25 रुपये प्रदूषण शुल्क।


ग्राहक (सर पकड़ के) : ग़ज़बै है भाई, लेकिन ई सब वसूलेगा कौन ?


क्लर्क : अरे भाई निजी कंपनियों से समझौता हुआ है, उनके आदमी वसूलेंगे।


ग्राहक : एक आख़िरी बात और बता दो यदि तुम्हें अभी कूटना हो तो कितना लगेगा ?


क्लर्क : काहे भाई ! जब रेलवे का निजीकरण हो रहा तब तो बड़े आराम से घर में बैठे थे और सोच रहे थे कि हमारा तो कुछ होने वाला है नहीं अब भुगतो औऱ पब्लिक क्या सोचती है निजीकरण का असर सिर्फ कर्मचारियों पर ही होगा। रेल का निजीकरण हर भारतीय पे असर डालेगा। 


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