जाड़े जी! ओ जाड़े जी! तेरे बजें नगाड़े जी,
डर के मारे कूलर पंखें भागे छोड़ अखाड़े जी।
ऊनी कपड़ों ने फिर आकर अपने झडें गाड़े जी,
बैठ तुम्हारे मेल टेªन पर बिना किरायें भाड़े जी।
जाड़े जी! ओ जाड़े जी!.................
आए पहलवान कुहरें जी
उनको कौन लताड़े जी, जाड़े जी ओ जाड़े जी
तेरे बजे नगाड़े जी।।
सूरज जी तो चले आ रहे,
छिपकर आड़े-जी, जाड़े जी! ओ जाड़े जी!
तेरे बजे नगाड़े जी।।
कुछ प्रेरक प्रसग-
हमें अच्छी सीख चाहे जहाँ से गिले ग्रहण करनी चाहिए। महापुरूषों के जीवन से हमें विशेष रूप से शिक्षा मिलती हे। उनके जीवन के प्रेरक प्रसंगों से न केवल शिक्षा मिलती है, उनके जीवन के प्रेरक प्रसगोंसे जीवन के लिए पे्ररण मिलती है। उन आदर्शो का बोध होता है जो हमारे जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए आवश्यक है।
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