दैनिक अयोध्या टाइम्स की खबर का हुआ का असर 03:10:2019 को खबर प्रकाशित की थी मृतक ने कहा कि साहब अभी मैं जिंदा हूं|
पूरे 21 साल बाद मुर्दे की सांस चलने की उम्मीद बढ़ गयी है। जी हां, सही सुना आपने। ये कोई कहानी या कपोल कल्पित नहीं है, असलियत है। ये अजब गजब कारनामा राजस्व विभाग के कर्मचारी का है। इनको कोई रोक नही सकता है। अमीर को गरीब व जिंदा को मुर्दा बना देना तो इनके बाएं हाथ का खेल है।
यूपी के अमेठी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। आइये अब आपको पूरे घटना क्रम की ओर ले चलते हैं। अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के भौसिंहपुर गांव निवासी गोपाल सिंह पुत्र स्वर्गीय राम सरन सिंह ने बीते 3 अक्टूबर को अमेठी तहसील परिसर में अपने आगे पीछे ” एसडीएम साहब मैं जिंदा हूँ, 1998 से न्याय के लिये भटक रहा हूँ, मुझे मेरे चाचा ने लेखपाल की मिली भगत से अभिलेखों में मुर्दा करा दिया और मेरी जमीन अपने नाम करा ली” का पोस्टर चिपकाकर लोगों के बीच मे अपने को जीवित साबित करने का प्रयास किया था जो उस समय लोगों के बीच एक कौतूहल बन गया था।। 3 अक्टूबर को इस खबर को अमेठी संवाददाता विजय कुमार सिंह ने प्रमुखता से उठाया था।
खबर की गम्भीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अमेठी प्रशांत शर्मा ने एसडीएम अमेठी को उक्त प्रकरण की जांचकर आख्या देने का आदेश दिया था। आदेश के अनुपालन में एसडीएम अमेठी राम शंकर ने तहसीलदार द्वारा इस प्रकरण की जांच कराई जिनकी जांच रिपोर्ट में गोपाल सिंह अभी भी जीवित पाए गए है, अग्रिम विधिक कार्यवाही हेतु आगामी 10 अक्टूबर को बहस एवम आदेश हेतु तिथि नियत की गई है, की रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित किया है।
एसडीएम ने जानकारी देते हुए लिखा है कि 4 जून 1998 को नायब तहसीलदार द्वारा गोपाल सिंह का नाम निरस्त करने और 23 जुलाई 1998 को शिव बहादुर सिंह के नाम वरासत दर्ज करने का आदेश दिया गया था।
अमेठी से विजय कुमार सिंह की रिपोर्ट
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