Sunday, October 20, 2019

आपकी पहचान एक बॉडी

जिस पल आपकी मृत्यु हो जाती है, उसी पल से आपकी पहचान एक बॉडी बन जाती है।
अरे


"बॉडी" लेकर आइये, 
"बॉडी" को उठाइये,
"बॉडी" को सुलाइये 
ऐसे शब्दो से आपको पुकारा जाता है, वे लोग भी आपको आपके नाम से नहीं पुकारते ,
जिन्हे प्रभावित करने के लिये आपने अपनी पूरी जिंदगी खर्च कर दी।


इसीलिए


इधर उधर से ज्यादा इक्कठा करने की जरूरत नहीं है।


इसीलिए


अच्छे से कमाओ, अच्छे से खाओ, और अच्छे से सोओ


इसीलिए 


जीवन मे आने वाले हर चुनौती को स्वीकार  करे।......
अपनी पसंद की चीजों के लिये खर्चा कीजिये।......
इतना हंसिये के पेट दर्द हो जाये।....


आप कितना भी बुरा नाचते हो ,
फिर भी नाचिये।......
उस खूशी को महसूस कीजिये।......
फोटोज के लिये पागलों वाली पोज दीजिये।......
बिलकुल छोटे बच्चे बन जाइये।


क्योंकि मृत्यु जिंदगी का सबसे बड़ा लॉस नहीं है।


लॉस तो वो है 
के आप जिंदा होकर भी आपके अंदर जिंदगी जीने की आस खत्म हो चुकी है।.....


हर पल को खुशी से जीने को ही जिंदगी कहते है।


"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूं,
"काम में खुश हूं," आराम में खुश हू,


"आज पनीर नहीं," दाल में ही खुश हूं,
"आज गाड़ी नहीं," पैदल ही खुश हूं,


"दोस्तों का साथ नहीं," अकेला ही खुश हूं,
"आज कोई नाराज है," उसके इस अंदाज से ही खुश हूं,


"जिस को देख नहीं सकता," उसकी आवाज से ही खुश हूँ


"जिसको पा नहीं सकता," उसको सोच कर ही खुश हूँ


"बीता हुआ कल जा चुका है," उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ
"आने वाले कल का पता नहीं," इंतजार में ही खुश हूँ


"हंसता हुआ बीत रहा है पल," आज में ही खुश हूँ
"जिंदगी है छोटी," हर पल में खुश हूँ


अगर दिल को छुआ, तो जवाब देना,
वरना मै तो बिना जवाब के भी खुश हूँ..!!


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