।।शोक गीत।।
एक ऐसी ख़बर, आंख नम कर गई।
क्या कहूँ क्या हुआ, क्या से क्या कर गई।
लाख दिल हैं दुःखी, आंख में हैं नमी।
कितने होंगें यहाँ, फिर भी होगी कमी।
चेहरों पर हँसी, न दिखेगी कही।
जो सभी को उथल, से पुथल कर गई।
एक ऐसी ख़बर, आंख नम कर गई।
क्या कहूँ क्या हुआ, क्या से क्या कर गई।
देश हैं दे रहें, जो सलामी उन्हें।
याद होगी सभी, दी निशानी हमें।
वो कहाँ चल दियें, जो दिलो में बसें।
वो हवा जो चली, तेज छू कर गई।
एक ऐसी ख़बर, आंख नम कर गई।
क्या कहूँ क्या हुआ, क्या से क्या कर गई।
ऋषिकान्त राव शिखरे
अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश।
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